छदम प्रत्याशीयों से छुटकारा पाये निर्वाचन आयोग - अरविन्द सिसोदिया fake candidates of Election


जबरदस्ती के प्रत्याशीयों से छुटकारा पाये निर्वाचन आयोग - अरविन्द सिसोदिया 
छदम के प्रत्याशीयों से छुटकारा पाये निर्वाचन आयोग - अरविन्द सिसोदिया 
Election Commission should get rid of fake candidates - Arvind Sisodia


लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में कृत्रिम अर्थात छदम प्रत्याशीयों की बाढ़ आने लगी है, जबकि सीरियस प्रत्याशी मुश्किल से 2/3/4 होते हैँ। 

उदाहरण के तौर पर कोटा में नोटा सहित 16 प्रत्याशी थे, वोट के बाद बीजेपी प्रथम, कांग्रेस द्वितीय और नोटा तृतीय क्रम पर रहे। अर्थात 13 प्रत्याशी इस तरह के जो वोट काटने के लिए अथवा वोटिंग और काउंटिंग में अपने समर्थक बढ़ाने के लिए अथवा झूठे और गैरकानूनी आरोप बगैरह अन्य प्रत्याशियों पर लगाने के लिए नामांकन पत्र भरवा कर प्रत्याशी बनाये जाते हैँ।

इसके लिए सबसे पहले जमानत राशि में वृद्धि करनी चाहिए, साथ की यह कानून बनाना चाहिए कि जमानत बचानें जितने भी वोट नहीं आने पर सरकारी खर्च का 10 प्रतिशत नॉन सीरियस प्रत्याशी से वसूला जायेगा, राशि जमा नहीं करवाने पर 1 साल तक की जेल यात्रा होगी। इस तरह कि कठोरता से छदम प्रत्याशीयों की बाढ़ रुकेगी और परिणाम घोषित करने में पूरे दो से चार घंटे की बचत होगी। वहीं अन्य सभी सामग्रियों एवं तैयारियों में चुनाव आयोग का कीमती समय बचेगा। 

Election Commission should get rid of pseudo candidates - Arvind Sisodia

In Lok Sabha and Assembly elections, there is a flood of artificial i.e. pseudo candidates, whereas there are hardly 2/3/4 serious candidates.

For example, there were 16 candidates in Kota including NOTA, after the votes, BJP came first, Congress second and NOTA third. That is, 13 candidates are such who are made candidates by filling nomination papers to divide votes or to increase their supporters in voting and counting or to put false and illegal allegations etc. on other candidates.

For this, first of all the security deposit should be increased, along with this a law should be made that if the non-serious candidate does not get enough votes to save the security deposit, then 10 percent of the government expenses will be recovered from him, if the amount is not deposited, then he will have to go to jail for up to 1 year. Such strictness will stop the flood of pseudo candidates and there will be a saving of two to four hours in declaring the result. At the same time, the valuable time of the Election Commission will be saved in all other materials and preparations.

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