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छदम प्रत्याशीयों से छुटकारा पाये निर्वाचन आयोग - अरविन्द सिसोदिया fake candidates of Election

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जबरदस्ती के प्रत्याशीयों से छुटकारा पाये निर्वाचन आयोग - अरविन्द सिसोदिया   छदम के प्रत्याशीयों से छुटकारा पाये निर्वाचन आयोग - अरविन्द सिसोदिया  Election Commission should get rid of fake candidates - Arvind Sisodia लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में कृत्रिम अर्थात छदम प्रत्याशीयों की बाढ़ आने लगी है, जबकि सीरियस प्रत्याशी मुश्किल से 2/3/4 होते हैँ।  उदाहरण के तौर पर कोटा में नोटा सहित 16 प्रत्याशी थे, वोट के बाद बीजेपी प्रथम, कांग्रेस द्वितीय और नोटा तृतीय क्रम पर रहे। अर्थात 13 प्रत्याशी इस तरह के जो वोट काटने के लिए अथवा वोटिंग और काउंटिंग में अपने समर्थक बढ़ाने के लिए अथवा झूठे और गैरकानूनी आरोप बगैरह अन्य प्रत्याशियों पर लगाने के लिए नामांकन पत्र भरवा कर प्रत्याशी बनाये जाते हैँ। इसके लिए सबसे पहले जमानत राशि में वृद्धि करनी चाहिए, साथ की यह कानून बनाना चाहिए कि जमानत बचानें जितने भी वोट नहीं आने पर सरकारी खर्च का 10 प्रतिशत नॉन सीरियस प्रत्याशी से वसूला जायेगा, राशि जमा नहीं करवाने पर 1 साल तक की जेल यात्रा होगी। इस तरह कि कठोरता से छदम प्रत्याशीयों की बाढ़...

वोट अनिवार्य की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार होना चाहिए - अरविन्द सिसोदिया

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भारत में मतपत्र / वोटिंग मशीन में नोटा की व्यवस्था है, इसलिये मतदान अनिवार्य होना चाहिये।  विश्व के 33 देशों में मतदान अनिवार्य है, वहीं पर इनमें से 19 देश इस तरह के हैं जहां मतदान नहीं करनें पर सजा अथवा जुर्मानें का प्राबधान है। वोट अनिवार्य की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार होना चाहिए - अरविन्द सिसोदिया  वर्तमान में भारत में आम चुनाव चल रहे हैँ, वोटिंग बढ़ाने के अनेक प्रयत्न भारत निर्वाचन आयोग नें किए हैँ, जैसे 85 वर्ष से अधिक के, बीमार लोगों के और दिव्यांग नागरिकों के वोट मतदान से पहले घर - घर जाकर डलवाना और मतदान केंद्रों पर भी वरिष्ठ एवं दिव्यांग नागरिकों को वोट डालने के लिए बिना प्रतीक्षा के अवसर देना आदि। किन्तु अभी भी 40 से 45 प्रतिशत वोट नहीं डलता है। एक अच्छी सरकार के लिए पूर्ण मतदान वाली चुनाव प्रक्रिया ही श्रेष्ठ निर्वाचन हो सकता है किन्तु देखने में यह आता है कि  देश की सुःख सुविधाओं का अधिक उपयोग करने वाला वर्ग कम मतदान करता हैँ।  बिजली सभी को चाहिए, नल का पानी सभी को चाहिए, चिकित्सालय, शिक्षण संस्थान सभी को चाहिए! देखने में आरहा है जिनका देश के...

महान मोदीजी के सामने टुच्चा विपक्ष - अरविन्द सिसोदिया Great Modi ji

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महान मोदीजी के सामने टुच्चा विपक्ष - अरविन्द सिसोदिया  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रशासक राजनेता हैँ बल्कि वह लगातार अपने अथक परिश्रम से पूरे विश्व में स्वयं को और भारत को नंबर एक बनाए हुए।  मोदीजी की यही क्षमतायें, उनकी यही दक्षतायें उन्हें विश्व स्तर पर और भारत के स्तर पर सर्वोच्च लोकप्रियता की पायदान पर रखे हुए है। वहीं विपक्ष की स्थिति बहुत ही खराब है, विपक्ष में कोई नेता गुस्से में भरा हुआ है, कोई बदतमीजी से भरा हुआ है, कोई रोज-रोज संविधान विरोधी बातें करता है, तो कोई राष्ट्र विरोधी बातें करता है, कोई सनातन को समाप्त करने की बात करता है, तो कोई मुसलमान को आरक्षण देने की बात करता है, कुल मिलाकर जहां देखो वहां सामान्य राजनीति से परे अतिरिक्त गुस्से से अतिरिक्त हिंसा से अतिरिक्त बदतमीजी से अतिरिक्त बदमिजाजी से भरे हुये नेताओं का समूह विपक्ष बन गया है। कुल मिलाकर असामाजिकता के लिए जितने भी तमाम अवगुण चाहिए वे सब इन विपक्ष के नेताओं ने अंगीकृत  किए हुए है। देखिए -  - भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह! - अफजल (...

परमाणु बम होते हुए भी मोदीजी ने पाकिस्तान को घर में घुस कर ठोका है - अरविन्द सिसोदिया

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  कांग्रेस पाकिस्तान और आतंकवाद से भारत को डराना छोड़े,परमाणु बम होते हुए भी मोदीजी ने घर में घुस कर ठोका है - अरविन्द सिसोदिया  - अरविन्द सिसोदिया 9414180151 Congress should stop scaring India with Pakistan and terrorism, despite having nuclear bomb, Modiji has hit home - Arvind Sisodia कोटा 11 मई। भारतीय जनता पार्टी कोटा संभाग के मीडिया संयोजक अरविंद सिसोदिया ने कांग्रेस कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर , तेलंगाना के कांग्रेस मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला के पाकिस्तान से बात करने के बयान के जवाब में प्रेस वक्तव्य जारी करके कहा है कि “ कांग्रेस भारत के लोगों को पाकिस्तान से डराना बंद करें, पाकिस्तान के पास परमाणु बम होते हुए ही भारत की सेना नें उन पर सर्जिकल स्ट्राइकें की थी और कारगिल युद्ध में भी हराया था। मोदी सरकार में भारत में आये दिन होनें वाले आतंकी हमले शून्य हो गये है। उन्होंने कहा कि भुखमरी से जूझ रहा पाकिस्तान अब युद्ध लड़ना तो बहुत दूर की बात है उसे एक-एक किलो आटा जुटाना भी भारी पड़ रहा है। आराजकता,भुखमरी और भयानकतम मंहगाई के नीचे दबे कुचल...