वोट अनिवार्य की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार होना चाहिए - अरविन्द सिसोदिया

भारत में मतपत्र / वोटिंग मशीन में नोटा की व्यवस्था है, इसलिये मतदान अनिवार्य होना चाहिये। 

विश्व के 33 देशों में मतदान अनिवार्य है, वहीं पर इनमें से 19 देश इस तरह के हैं जहां मतदान नहीं करनें पर सजा अथवा जुर्मानें का प्राबधान है।

वोट अनिवार्य की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार होना चाहिए - अरविन्द सिसोदिया 

वर्तमान में भारत में आम चुनाव चल रहे हैँ, वोटिंग बढ़ाने के अनेक प्रयत्न भारत निर्वाचन आयोग नें किए हैँ, जैसे 85 वर्ष से अधिक के, बीमार लोगों के और दिव्यांग नागरिकों के वोट मतदान से पहले घर - घर जाकर डलवाना और मतदान केंद्रों पर भी वरिष्ठ एवं दिव्यांग नागरिकों को वोट डालने के लिए बिना प्रतीक्षा के अवसर देना आदि। किन्तु अभी भी 40 से 45 प्रतिशत वोट नहीं डलता है।

एक अच्छी सरकार के लिए पूर्ण मतदान वाली चुनाव प्रक्रिया ही श्रेष्ठ निर्वाचन हो सकता है किन्तु देखने में यह आता है कि  देश की सुःख सुविधाओं का अधिक उपयोग करने वाला वर्ग कम मतदान करता हैँ। 

बिजली सभी को चाहिए, नल का पानी सभी को चाहिए, चिकित्सालय, शिक्षण संस्थान सभी को चाहिए! देखने में आरहा है जिनका देश के संसाधनों पर अधिक कब्जा है या अधिक उपयोग है वे ही वोट कम करते हैँ। हवाई जहाज से चलने वाले की लाईन में लगने में शर्म आती है। बड़े महल वालों को मतदान केंद्र तक जानें में शर्म आती है।

तब कम मतदान होता है तो अधिकतम मत डालने वाला समूह अपने प्रतिनिधि निर्वाचित कर लेते हैँ जो पूर्ण मतदान पर चुने नहीं जाते। इसलिए पूर्णता के निर्णय हेतु पूर्ण मतदान आवश्यक है।

राजनीतिक अधिकार और कर्तव्य को प्रोत्साहित करना

अनिवार्य मतदान के अन्य कथित लाभ व्यापक हित की राजनीति को प्रोत्साहित करना है, जो एक प्रकार की नागरिक शिक्षा और राजनीतिक उत्तेजना है, जो बेहतर सूचित आबादी बनाती है। वहीं पूर्ण निर्णय को संपादित करती है। इससे नागरिक अपने कर्तव्य के प्रति जबावदेह बनता है।

ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर हर्बर्ट पायने , जिनके 1924 के निजी सदस्य के बिल ने ऑस्ट्रेलिया में अनिवार्य मतदान की शुरुआत की" का मानना ​​​​था कि " मतदाताओं के बीच "उदासीनता और आलस्य" का मुकाबला करने के लिए अनिवार्य मतदान आवश्यक था और इससे लोगों के राजनीतिक ज्ञान में एक अद्भुत सुधार" आएगा।"

2016 के एक अध्ययन में पाया गया है कि अनिवार्य मतदान कई तरीकों से चुनावी भागीदारी में लैंगिक अंतर को कम करता है।कुल मिलाकर अनिवार्य मतदान से वे सभी बधाएँ समाप्त होती हैँ जो किसी न किसी दुष्प्रभाव से मतदान कर्ता पर रोकती हैँ।

वहीं स्थानित राजनीति में दौहरी भूमिका निभाने वाले लोग शहर और गांव दोनों जगह अपने नाम लिखवाते हैँ यह भी गलत है, क्योंकि बड़े चुनाव में वे एक ही जगह वोट डाल पाते हैँ फलतः दूसरी जगह लिखा नाम रिक्ती बोलता है। दो जगह नाम होनें पर जुर्माना होना चाहिए। 

इसी तरह कुछ राजनेता कार्यकर्ता के एक नाम को चार जगह लिखवा कर हजारों फर्जी वोटों का इंतजाम करते थे और उन्हें डलवाने अपने फेवर के कर्मचारियों के मतदान दल बनवाते हैँ। यह एक आपराधिक कृत्य है, इसे सख्ती से रोका जाना चाहिए।

मतदाता सूची में मतदाता की पहचान का आधारकार्ड और मोबाईल नंबर भी दर्ज करना चाहिए। जिससे पुख्ता पहचान का नाम ही मतदाता सूची में दर्ज हो, फर्जीवाडे की गुंजाइस खत्म की जाये।

मतदान में अधिकतम कर्मचारी राज्यसरकार के होते हैँ और राज्य के सत्तारुड़ दल के फेवर में काम करते हैँ, यहाँ तक कि जिले और लोकसभा स्तर के चुनाव अधिकारी भी फेबर करते हैँ। 

मुख्य विषय अधिकतम मतदान का है इसके लिए कुछ कठोर निर्णय होने चाहिए -

1- जो मतदान करे उसे शहर में 100 रूपये और ग्रामीण क्षेत्र अथवा जहाँ एक किलो मीटर से ज्यादा दूर जाना हो 200 रूपये दिये जाएँ और जो मतदान नहीं करता उससे 500/1000 रूपये वसूल जाएँ। 
- जो डबल नाम लिखवाता है उस पर 1000 रूपये जुर्माना लगाया जाये।
- जो मतदाता को मतदान के लिए वेतनसहित छुट्टी नहीं देता उस संस्थान पर प्रति वोट रोकने पर 10,000 रूपये जुर्माना लगाया जाये। फैक्ट्री अथवा दुकान पर तब ही कार्य प्रारंभ होगा जब मतदान का चिन्ह लगा होगा।

2- मतदान अधिक सुगम बनाया जाये, इस हेतु प्रत्येक बूथ में अधिकतम मतदाता 1000 हों। बूथ अधिक होनें पर लाईन छोटी होगी। मतदान अधिक होगा।

3- मतदान का समय व वातावरण अनुकूल हो अधिक गर्मी व बरसात से मतदान कार्यक्रम बचाना चाहिए।

4- जिस मतदाता का मतदान नहीं हुआ उसे प्रेरित करने उस जगह की लोकल बॉडी के जनप्रतिनिधि और कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपना चाहिए।

अधिकतम मतदान के लिए एक जबावदेह व्यवस्था बहुत आवश्यक है।
--------------------------

विश्व में अनिवार्य वोटिंग वाले देशों के नाम व सूची 

https://www.aph.gov.au/Parliamentary_Business/Committees/Joint/Completed_Inquiries/em/elect04/appendixg

परिशिष्ट जी – अनिवार्य मतदान वाले देश
देश / स्थिति* /जनसंख्या * /संवैधानिक या कानूनी प्राधिकरण/टिप्पणियाँ/दंड

1- अर्जेंटीना/मुक्त/36 900 000/  संविधान। अनुच्छेद 37. 1912 में 'सेन्ज़ पेना कानून' द्वारा प्रस्तुत किया गया। 1994 में संविधान में शामिल किया गया। कुछ अपवाद - स्वास्थ्य, दूरी। विभिन्न दंड: जुर्माना। 3 साल तक सार्वजनिक पद धारण करने का अधिकार नहीं।

2- ऑस्ट्रेलिया/मुक्त/19 900 000/ 1924 में पेश किया गया. कॉमनवेल्थ इलेक्टोरल एक्ट 1918, धारा 245. 20 डॉलर का जुर्माना.

3- ऑस्ट्रिया/मुक्त/8 200 000/ प्रांतीय और राष्ट्रपति चुनावों के लिए 2 प्रांतों, टायरोल और वोरार्लबर्ग में अनिवार्य। बिना वैध कारण के वोट न देने पर 1000 शिलिंग का जुर्माना।

4-बेल्जियम/मुक्त/10 400 000/ संविधान। अनुच्छेद 48. 1831 में अपनाया गया। 1920 में संशोधित किया गया। व्यक्तिगत रूप से मतदान करने में असमर्थ व्यक्ति अपने परिवार के सदस्य को पावर ऑफ अटॉर्नी दे सकते हैं। दंड में आधिकारिक फटकार या जुर्माना शामिल है।

5- बोलीविया/आंशिक रूप से मुक्त/8 600 000/ संविधान। शीर्षक 9. चुनावी शासन, अध्याय 1. मताधिकार। अनुच्छेद 219. 'मताधिकार प्रतिनिधि लोकतांत्रिक शासन की नींव रखता है और यह सार्वभौमिक, प्रत्यक्ष और समान, व्यक्तिगत और गुप्त, स्वतंत्र और अनिवार्य वोट पर आधारित है; वोटों की सार्वजनिक गणना पर और आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली पर आधारित है।'
 निर्वाचन संहिता। अध्याय 2. मताधिकार। अनुच्छेद 6. 'अनिवार्य, क्योंकि यह एक जिम्मेदारी है जिसका त्याग नहीं किया जा सकता।'

6- ब्राज़िल/मुक्त/176 500 000/ संविधान। अनुच्छेद 14. 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों के लिए अनिवार्य। निरक्षर और 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों तथा 16 से 18 वर्ष के बीच आयु वालों के लिए वैकल्पिक। जुर्माना

7- चिली/मुक्त/15 800 000/ संविधान। अनुच्छेद 15. 'लोकप्रिय मतदान में, वोट व्यक्तिगत, समतावादी और गुप्त होगा। इसके अलावा, नागरिकों के लिए यह अनिवार्य होगा।'
8- साइप्रस/मुक्त/900 000/ चुनावी विधेयक। मतदान अनिवार्य है और मतदान न करना एक आपराधिक अपराध है। 200 CY तक का जुर्माना। निर्वाचकों के पंजीकरण और निर्वाचकों के रजिस्ट्रार के लिए विधेयक के अध्याय 8, अनुच्छेद 6 में पंजीकरण को अनिवार्य बनाया गया है। पंजीकरण न कराने पर: एक महीने तक की कैद या 75 CY तक का जुर्माना या दोनों। मतदान या पंजीकरण में अनुचित विफलता के लिए लागू प्रावधान।

9-इक्वेडोर/आंशिक रूप से मुक्त/12 600 000/ 1905 में पेश किया गया। संविधान और राष्ट्रीय चुनाव कानून। निरक्षर या 65 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए वैकल्पिक। दंड: नागरिक अधिकारों से वंचित करना

10- मिस्र/मुक्त नहीं/72 100 000/ संविधान अनुच्छेद 62. 'सार्वजनिक जीवन में भागीदारी एक राष्ट्रीय कर्तव्य है।'

11- फिजी द्वीप समूह/ आंशिक रूप से मुक्त/ 900 000/1998 संविधान। (2000 में निलंबित)। अध्याय 6, भाग 2, धारा 54-57। मतदान न करने पर $20 जुर्माना, पंजीकरण न करने पर $50

12- यूनान/मुक्त/11 000 000/ हेलेनिक गणराज्य का संविधान, 1975, संशोधित 1986. अनुच्छेद 51, पैराग्राफ 3.
'संसद के सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष, सार्वभौमिक और गुप्त मतदान के माध्यम से उन नागरिकों द्वारा किया जाएगा, जिन्हें कानून द्वारा निर्दिष्ट मतदान का अधिकार है। कानून मतदान के अधिकार को कम नहीं कर सकता, सिवाय उन मामलों के जहां न्यूनतम मतदान आयु प्राप्त नहीं हुई है या अवैध अक्षमता के मामलों में या कुछ गंभीर अपराधों के लिए अपरिवर्तनीय आपराधिक सजा के परिणामस्वरूप।

अनुच्छेद 5. 'मतदान के अधिकार का प्रयोग अनिवार्य होगा। अपवाद और दंड हर बार कानून द्वारा निर्दिष्ट किए जाएंगे।'

राष्ट्रपति अधिनियम संख्या 92/9-5-94. अनुच्छेद 6. पैराग्राफ 2. 'मतदान के अधिकार का प्रयोग अनिवार्य है।'

कानून संख्या 2623/25.6.98 के अनुसार 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों, या राष्ट्रीय या यूरोपीय चुनाव के दिनों में विदेश में रहने वाले मतदाताओं के लिए मतदान अनिवार्य नहीं है।

13- इटली/मुक्त/57 200 000/ संविधान। अनुच्छेद 48.2 'मतदान व्यक्तिगत और समान, स्वतंत्र और गोपनीय है। मतदान एक नागरिक कर्तव्य है।' मतदान न करने पर आधिकारिक कागज़ात पर इसका उल्लेख किया जा सकता है।

14- लिकटेंस्टाइन/मुक्त/40 000/ मतदान करना अनिवार्य है, लेकिन मतदान न करने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।

15- लक्समबर्ग/मुक्त/500 000/सीआईए फैक्टबुक: पारलाइन. फाइन

16- नाउरू/मुक्त/10 000/ 20 वर्ष से अधिक आयु के नौरूवासियों के लिए अनिवार्य।

17- परागुआ/आंशिक रूप से मुक्त/6 200 000/ संविधान। अनुच्छेद 118. मताधिकार एक अधिकार, कर्तव्य और मतदाता का सार्वजनिक कार्य है। यह प्रतिनिधि लोकतंत्र का आधार है। यह सार्वभौमिक, स्वतंत्र, प्रत्यक्ष, समान और गुप्त मतदान के साथ-साथ सार्वजनिक रूप से पर्यवेक्षित मतगणना और आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली पर आधारित है। लेय

18-पेरू/मुक्त/27 100 000/ संविधान अनुच्छेद 31. 'मतदान 70 वर्ष की आयु तक व्यक्तिगत, समान, स्वतंत्र, गुप्त और अनिवार्य है। इस आयु के बाद यह वैकल्पिक है।'

19- सिंगापुर/ आंशिक रूप से मुक्त/ 4 200 000/ संसदीय चुनाव अधिनियम 1959. $5.00 जुर्माना.

20- स्विट्ज़रलैंड/ मुक्त/7 300 000/ शॉफ़हौसेन के छोटे से कैंटन में सभी कैंटोनल मामलों और जनमत संग्रह में मतदान अनिवार्य है।
21- थाईलैंड/मुक्त/63 100 000/ संविधान 1997. अध्याय IV, धारा 68. 'प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य होगा कि वह चुनाव में अपने मत देने के अधिकार का प्रयोग करे'

जो व्यक्ति चुनाव में उपस्थित न हो पाने का उचित कारण बताए बिना मतदान करने में विफल रहता है, वह कानून द्वारा प्रदत्त मतदान के अपने अधिकार को खो देगा।

चुनाव में उपस्थित होने में असमर्थता की अधिसूचना और उसमें उपस्थिति के लिए सुविधाओं का प्रावधान कानून के प्रावधानों के अनुसार होगा।'

22- टर्की/ आंशिक रूप से मुक्त/71 200 000/ ए.ई.सी. रिप्रेजेंटेशन , वॉल्यूम 36, नंबर 2, समर 1999, पृ.188 में 'इलेक्शन राउंड अप: टर्की' भी देखें।

23- उरुग्वे/ मुक्त/3 400 000/ संविधान अनुच्छेद 77. 'मताधिकार का प्रयोग कानून द्वारा निर्धारित तरीके से किया जाएगा, लेकिन निम्नलिखित आधारों पर: नागरिक रजिस्टर में अनिवार्य अभिलेखन।
गुप्त और अनिवार्य मतदान। प्रत्येक सदन की पूर्ण सदस्यता के पूर्ण बहुमत द्वारा कानून इस दायित्व की पूर्ति को विनियमित करेगा।'
अच्छा

कुल 23 / 606 750 000

 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

जल थल से अम्बर से फिर, हिन्दू की जय जय कार उठे - सरसंघचालक भागवत जी

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

वरिष्ठजन को पारिवारिक धोखाधड़ी से बचाने, हस्ताक्षरों की पुनःपुष्ठी का कानून बनाया जाए - अरविन्द सिसोदिया

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism

ईश्वर तो है , उसे समझना अपनी अपनी समझ पर निर्भर है - अरविन्द सिसोदिया Ishwar to he

"जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"।

जीवन मे कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो

संगठन गढ़े चलो, सुपंथ पर बढ़े चलो