भारत को प्रधानमंत्री,मोदीजी चाहिए - अरविन्द सिसोदिया
भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनने से रोकने के लिए मोदीजी जरूरी - अरविन्द सिसोदिया
भारत को प्रधानमंत्री मोदीजी चाहिए - अरविन्द सिसोदिया
bharat ko modi chahiye - Arvind Sisodia
Mo-9414180151
भारत को प्रधानमंत्री मोदीजी चाहिए - अरविन्द सिसोदिया
भारत को - अखण्डता की दृष्टि से, सुरक्षा की दृष्टि से, सामरिक आवश्यकताओं के उत्थान एवं विकास की दृष्टि से, सांस्कृतिक संरक्षण और हिन्दुत्व की रक्षा की दृष्टि से, उत्पादन और आर्थिक समृद्धि की दृष्टि से, भविष्य के भारत के निर्माण की दृष्टि से, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ही चाहिये! अन्य कोई इन संदर्भों में राई बराबर भी नहीं हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी फिर से आम चुनाव में एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी हैँ, उनके सामने एक बार फिर से कांग्रेस के राजकुमार राहुल गाँधी ही हैँ...... गत दो चुनावों से मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा पूर्ण बहूमत में आ रही है और एनडीए सरकार बना रही है। वहीं राहुल गाँधी की अस्वीकार्यता के चलते कांग्रेस सदन की मात्र 10 प्रतिशत सीटें भी प्राप्त नहीं कर पा रही है, जो कांग्रेस के दलगत इतिहास की सबसे कम सीटों पर बनी हुईं है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी को पद से हटानें के लिए विपक्ष नें करीब - करीब एक डेढ़ साल पहले एक गठबंधन बनाया था, जो छलपूर्ण नाम के कारण काफी बदनाम हुआ, जिसे कोई इंडिया गठबंधन कहता है, तो कोई ईडी गठबंधन कहता है। भाजपा इसे घमंडिया गठबंधन कहती है। इसका एक कारण यह है कि प्रधानमंत्री मोदीजी को अपशब्दों से ( बदतमीजी से ) संबोधित करने वाले तमाम छूटभइया नेतागण इस गठबंधन के घटक दल हैँ। जिनका मूल मकसद भारत में आराजकता उत्पन्न कर उसे नष्ट करना मात्र है। भारत तेरे टुकडे होंगे की इच्छा रखनें वाला कन्हैया कुमार कांग्रेस का आईकॉन बना हुआ है , उसे कांग्रेस नें चुनाव लडाया हुआ है। जो कांग्रेस की देश विरोधी व आतंकवादियों की समर्थक मानसिकता को बेनकाब करता है।
एक तरफ जहां भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन की स्पष्ट नीती है राष्ट्र प्रथम अर्थात राष्ट्र सर्वोपरी, वहीं दूसरी ओर इंडी गठबंधन का मुख्य लक्ष्य प्रधानमंत्री पद प्राप्त करना अर्थात वर्तमान प्रधानमंत्री मोदीजी को पद से हटाना....!
इंडी गठबंधन के यूँ तो सर्वेसर्वा कांग्रेस पार्टी ही है और अघोषित लक्ष्य भी राहुल को ही पीएम बनाना है किन्तु अभी तक भी इनका कोई राष्ट्रीय संयोजक नहीं है, प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी नहीं,कोई राष्ट्रीय नीती नहीं है और नियत भी सिर्फ सत्ता प्राप्ति मात्र है। वहीं इस गठबंधन में आपसी तालमेल और विश्वास भी बेहद कम है ! पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब में ये आपस में एक - दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैँ।
सवाल यही उभरता है कि प्रधानमंत्री मोदीजी को, फिर से भारत पीएम क्यों चुन रहा है ...? इस सवाल का उत्तर कठिन भी है और आसान भी है। याद रहे लोककल्याणकारी सरकार देनें वाली जनता पार्टी सिर्फ इसलिए सत्ता में नहीं लौट पाई कि उनके नेता आपस में लड़ रहे थे, वर्तमान में यह फेक्टर इंडी गठबंधन और कांग्रेस पार्टी में ही है, वे आपस में लड़ भी रहे हैँ और भानुमति के कुनबे कि तरह पूरी तरह अनैतिक भी हैँ। मुख्य कारण यह है कि कांग्रेस को आपसी खिंचतान नें अस्वीकार्य बना दिया है। जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिल रहा है। मोदीजी के प्रधानमंत्री पुनः बनने के अनेक कारणों में से एक वजह यह भी है।
क्योंकि भाजपा में पूरी तरह एकता और विश्वशनीयता बनीं हुईं है।भाजपा और एनडीए की लगातार जनस्वीकार्यता बड़ रही है, उसकी सीटें और राज्य सरकारें बड़ रहीं हैँ। हालांकि भाजपा की जनस्वीकार्यता बढ़ने से उसके साथी शिवसेना, समता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल उससे अलग भी हुये, नितीश की समता पुनः एनडीए में लौट आई और शिवसेना के दो टुकड़े हो गये,तो अकाली अस्तित्वहीन हो गये। कुल मिला कर एनडीए को कोई बहुत बड़ा नुकसान नहीं हुआ। वहीं इनमें कोई भी दल आपस में एक दूसरे खिलाफ कहीं लड़ भी नहीं रहा। अर्थात विश्वनीयता का स्तर जनता में बना हुआ है।
मोदीजी को पुनः प्रधानमंत्री बनने का मुख्य फेक्टर तुष्टिकरण की राजनीति को देश से पूरी तरह समाप्त करने की प्रतिबद्धता है। जो उन्हें भारत में पूर्ण स्वीकार्य बनाता है।
भारत एक ऐसा देश है जो मुस्लिम तुष्टिकरण से पीड़ित रहा है, अंग्रेज सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीती से मुस्लिम वर्ग भारत में हिंसक और आक्रामक रहा है, इसीलिए देश स्वतंत्रता के समय मुस्लिम आधार पर बंटा और भारतीय भूभाग में पाकिस्तान अलग देश बन कर खड़ा हुआ और उसनें 2014 तक इक तरफा भारत को युद्ध और आतंकवाद से बहुत परेशान किया। कॉंग्रेस सरकारें भी लगातार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीती पर चलतीं रहीं और भारत को नया पाकिस्तान बनाने में जुटे षड्यंत्र को सह देती रहीं। इसका मुख्य कारण कांग्रेस का मुख्यकर्ताधर्ता परिवार का अहिंदू होना। क्योंकि जवाहरलाल नेहरू की एकमात्र वारिस पुत्री इंदिरा गाँधी नें फिरोज खान (गाँधी) से विवाह किया, तब से यह खानदान हिन्दू नाम भले ही रखता रहा मगर लगातार हिन्दू विरोधी ताकतों का सिपहसालार बना रहा। जिसके कारण स्वाधीनता के वाबजूद अयोध्या, काशी और मथुरा पर मुस्लिम अतिक्रमण बना रहा। जबकि इन्हे सोमनाथ पैटर्न से हटा दिया जाना चाहिए था।
2014 से आई भाजपा की मोदी सरकार नें जहां पाकिस्तान को उसकी भाषा में जबाब दिया, वहीं देश में भी मुस्लिम तुष्टिकरण पर पर्याप्त रोक लगाई। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना तो काशी और मथुरा में भी आस जगी। तुष्टिकरण पर लगाम की सफलता भारत की समस्या का निदान है। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदीजी को फिर से देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए, अन्यथा ईडी गठबंधन भूल कर भी आ गया तो भारत नया पाकिस्तान बन जायेगा। धर्म के आधार पर आरक्षण होगा, संपत्तीयां जप्त कर बाँट दी जाएंगी।
कांग्रेस नें भारत में तुष्टिकरण को पनपाने के साथ - साथ देश को कमजोर रखने की साजिश भी अंजाम दी, भारत की सेनाओं को कमजोर रखा, सैन्य संसाधनों को कमजोर रखा, यहाँ तक कि विदेशी दवावों में परमाणु क्षमता होते हुए भी उससे देश को परिपूर्ण बनाने से पीछे हट गये थे। जब भाजपा की अटलजी सरकार आई तब भारत परमाणु शक्ति बना। मोदीजी के नेतृत्व में सामरिक जरूरतों को बेहद मज़बूत किया जा रहा है। अब भारत चीन को सामने रखकर अपनी क्षमतायें विकसित कर रहा है। इसीलिए भारत को प्रधानमंत्री पद पर पुनः मोदीजी चाहिए।
कांग्रेस नें भारत के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात यह भी किया कि भारत को ओद्योगिक क्षेत्र में भी, उत्पादन प्रतियोगिता से बाहर रखा और भारत को चीन,अमेरिका और यूरोप पर निर्भर रखा है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हुईं और भारत दूसरे देशों को लाभ कमानें का हब बन गया। प्रधानमंत्री मोदीजी की सरकार नें भारत को इससे बाहर निकाला और देश आज विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। स्टार्टअप के द्वारा भारत उत्पादन की महत्वपूर्ण पायदानों पर चढ़ रहा है। आज का भारत रक्षा उत्पादनों के उत्पादन और निर्यात की क्षमता प्राप्त कर चुका है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदीजी भारत को आगे भी चाहिए।
भारत के नागरिकों में श्रेष्ठतम वैज्ञानिक क्षमता है किन्तु कांग्रेस राज में इन्हे अवसर ही नहीं दिया गया। नासा और अमेरिका के विकास में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान किसी से छुपा नहीं है। नेहरूजी के समय उद्यमता बढ़ाने हेतु सेंकड़ों सार्वजनिक उपक्रम तो खोले गये मगर उनमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पद और रोजगार दिया गया। ये सिर्फ अघोषित लूट के साधन बनें। जिससे वे उत्पादन के बजाए घाटे के सफ़ेद हाथी बन गये। क्योंकि हम विश्व से कंपिटिशन करना ही नहीं चाहते थे।
भारत को आर्थिक शक्ति बनाने में सफल होनें में अविस्मरणीय योगदान के कारण भी प्रधानमंत्री मोदीजी को पुनः प्रधानमंत्री बनने का अधिकार है।
कांग्रेस नें प्रधानमंत्री नेहरू जी नें भारतीय संस्कृति से हमेशा घृणा की जब उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के मार्गदर्शन में सोमनाथ मुक्त होकर नये मंदिर का निर्माण हो रहा था, तब भी नेहरूजी की नाराजगी तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी के सामनें आई थी। तब से लेकर आज तक कांग्रेस का स्टेण्ड हिन्दू विरोधी बना हुआ है। जिसने भारतीय संस्कृति के उत्थान को हमेशा बाधित किया।
भाजपा के नेतृत्व में ही भारत में हिन्दू हितों का चिंतन और सनातन का जागरण प्रारंभ हुआ। श्रीरामजन्मभूमि की मुक्ती का अभियान चला, जिसमें प्रधानमंत्री मोदीजी नें भी कारसेवक स्वरूप में भी भूमिका निभाई थी, वे राम रथ के सारथी भी रहे। सरकार में आते ही भव्य और दिव्य रामजन्म भूमी पर मंदिर बना तो कैलाश मानसरोवर तक पहुंच का सरल सहज मार्ग बन रहा है, काशी, केदारनाथ और उज्जैन सहित हिन्दुत्व भव्यता प्राप्त कर रहा है। काशी मथुरा की मुक्ती के प्रयत्न भी प्रारंभ हो गये हैँ। यह हिन्दुत्व का वाजीव उत्थान देश में सिर्फ अब भाजपा सरकार और मोदीजी के प्रधानमंत्री पद पर होनें से साकार हुआ है। इसीलिए देश पुनः भारत का प्रधानमंत्री पद मोदीजी को सौंपने आतुर है।
अंतिम बिंदु जिसमें सब समाहित है वह है देश की अखंडता..! कांग्रेस नें देश का बहुत सारा भूभाग पाकिस्तान और चीन को दे दिया। भारत को विभाजन के बाद भी खंडित किया, वहीं धारा 370 के द्वारा करोड़ों - करोड़ों वर्ष से भारत भूमी का भाल रहा कश्मीर भी भारत से अलग लगभग सहराष्ट्र जैसा नेहरूजी नें बना रखा था। पुरखों की तपस्थली कश्मीर को 370 की बेड़ियों से मुक्त करने वाले प्रधानमंत्री मोदीजी से ही भारत आशा कर सकता है की पीओके भारत को मिल जायेगा। कांग्रेस नें तो सरदार वल्लभ भाई पटेल के तमाम विरोध के बावजूद पीओके पाकिस्तान में छोड़ दिया था। वर्तमान कांग्रेस में दम ही नहीं कि वह पीओके को भारत में मिलाने का शब्द भी बोल सके।
प्रधानमंत्री मोदीजी इसीलिए पुनः चाहिए कि पीओके जो भारत में मिलने आतुर है उसे भारत में मिलाया जा सके। यह हिम्मत सिर्फ प्रधानमंत्री मोदीजी में ही है।
अर्थात सभी क्षेत्रों में भारत का विश्व के भाल पर प्रतिष्ठित करनें वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा के कारण देश की मांग है। इसीलिये भारत को मोदीजी की ही जरूरत है।
India needs Prime Minister Modiji - Arvind Sisodia
To India - from the point of view of integrity, from the point of view of security, from the point of view of growth and development of strategic needs, from the point of view of cultural preservation and protection of Hindutva, from the point of view of production and economic prosperity, from the point of view of building future India, BJP and Prime Minister Narendra Modi are needed only! There is no other equal in these respects.
Prime Minister of India Narendra Modiji is again the Prime Ministerial candidate from NDA in the general elections, once again in front of him is Congress' prince Rahul Gandhi... BJP has got full majority under the leadership of Modiji in the last two elections. She is coming and forming the NDA government. At the same time, due to the unacceptability of Rahul Gandhi, Congress is not able to get even 10 percent seats in the House, which remains the lowest number of seats in the party history of Congress.
To remove Prime Minister Narendra Modi from the post, the opposition had formed an alliance about one and a half years ago, which became quite infamous due to its misleading name, which some call India alliance and some call it INDI alliance. BJP calls it an arrogant alliance. One reason for this is that all the libertine leaders who address Prime Minister Modiji with abusive language are the constituents of this alliance. Whose basic objective is to create anarchy in India and destroy it. Kanhaiya Kumar, who wishes that India will break into pieces, has become the icon of Congress, Congress has made him contest the elections. Which exposes the anti-national and pro-terrorist mentality of Congress.
On one hand, the clear policy of the BJP led alliance is nation first i.e. nation supreme, on the other hand the main goal of the Indi alliance is to get the post of Prime Minister i.e. to remove the current Prime Minister Modiji from the post...!
Though the Indi alliance is entirely Congress party and the undisclosed aim is to make Rahul the PM, but still they do not have a national convenor, no candidate for the post of Prime Minister, no national policy and their intention is only to gain power. . At the same time, there is very little mutual coordination and trust in this alliance. They are contesting elections against each other in West Bengal, Kerala and Punjab.
The question that arises is that why is India electing Prime Minister Modiji as the PM again? The answer to this question is both difficult and easy. Remember, the Janata Party, which provides a public welfare government, could not return to power only because its leaders were fighting among themselves, at present this factor is present only in the Indi alliance and the Congress party, they are also fighting among themselves and like Bhanumati's family. It is also completely unethical. The main reason is that internal conflicts have made the Congress unacceptable. BJP is getting direct benefit from this. This is also one of the many reasons for Modiji becoming the Prime Minister again.
Because there is complete unity and credibility in BJP. Public acceptance of BJP and NDA is continuously increasing, its seats and state governments are increasing. However, with the increase in public acceptance of BJP, its allies Shiv Sena, Samata Party and Shiromani Akali Dal also separated from it, Nitish's Samata again returned to NDA and Shiv Sena broke into two, while Akali became non-existent. Overall, NDA did not suffer any major loss. At the same time, none of these parties is fighting against each other. That means the level of credibility is maintained among the public.
The main factor for Modiji to become the Prime Minister again is his commitment to completely end the politics of appeasement from the country. Which makes them completely acceptable in India.
India is a country which has been suffering from Muslim appeasement, due to the Muslim appeasement policy of the British government, the Muslim class has been violent and aggressive in India, that is why the country was divided on Muslim basis at the time of independence and Pakistan stood as a separate country in the Indian territory. It happened and it troubled India a lot with one-sided war and terrorism till 2014. Congress governments also continued to follow the policy of Muslim appeasement and continued tolerating the conspiracy to make India a new Pakistan. The main reason for this is that the ruling family of Congress is non-Hindu. Because Indira Gandhi, daughter of Jawaharlal Nehru's only heir, married Firoz Khan (Gandhi), since then this family may have kept the Hindu name but continuously remained the commander of anti-Hindu forces. Due to which, despite independence, Muslim encroachment continued on Ayodhya, Kashi and Mathura. Whereas these should have been removed from the Somnath pattern.
While the BJP's Modi government that came to power in 2014 responded to Pakistan in its own language, it also put a substantial stop to Muslim appeasement in the country. When a grand Ram temple was built in Ayodhya, hope arose in Kashi and Mathura also. The success of curbing appeasement is the solution to India's problem. That is why Prime Minister Modiji should become the Prime Minister of the country again, otherwise if INDI comes into alliance by mistake, then India will become the new Pakistan. There will be reservation on the basis of religion, properties will be confiscated and distributed.
Along with promoting appeasement in India, Congress also conspired to keep the country weak, kept India's forces weak, kept its military resources weak, and even though foreign forces had nuclear capability, they tried to make the country perfect. Had retreated from. When BJP's Atalji government came to power, India became a nuclear power. Strategic needs are being greatly strengthened under the leadership of Modiji. Now India is developing its capabilities keeping China in front. That is why India needs Modiji again on the post of Prime Minister.
The biggest betrayal Congress did to India was that it kept India out of production competition even in the industrial sector and kept India dependent on China, America and Europe. Due to which the country's economy weakened and India became a hub for other countries to earn profits. Prime Minister Modiji's government brought India out of this and today the country has become the fifth largest economy in the world. India is climbing important levels of production through startups. Today's India has achieved the capacity to produce and export defense products. That's why India needs Prime Minister Modiji in future also.
The citizens of India have the best scientific potential but they were not given the opportunity during the Congress rule. The contribution of Indian scientists in the development of NASA and America is not hidden from anyone. During Nehruji's time, hundreds of public enterprises were opened to increase entrepreneurship but Congress workers were given posts and employment in them. These should only become means of undeclared plunder. Due to which they became white elephants of losses instead of production. Because we did not want to compete with the world.
Prime Minister Modiji has the right to become the Prime Minister again because of his unforgettable contribution in making India an economic power.
Congress Prime Minister Nehru ji always hated Indian culture. Even when Somnath was being freed and a new temple was being constructed under the guidance of Deputy Prime Minister Sardar Vallabhbhai Patel, Nehru ji's displeasure came in front of the then President Rajendra Prasad ji. From then till today the stand of Congress has remained anti-Hindu. Which always hindered the rise of Indian culture.
It was under the leadership of BJP that consideration of Hindu interests and awakening of Sanatan started in India. There was a campaign for the liberation of Shri Ram Janmabhoomi, in which Prime Minister Modi also played a role in the form of a kar sevak, he was also the charioteer of Ram Rath. As soon as the government came to power, a grand and divine temple was built on the birthplace of Ram, an easy route to reach Kailash Mansarovar was being built, Hindutva including Kashi, Kedarnath and Ujjain was gaining grandeur. Efforts for the liberation of Kashi Mathura have also started. This real rise of Hindutva has become a reality in the country only now with the BJP government and Modiji on the post of Prime Minister. That is why the country is eager to hand over the post of Prime Minister of India to Modiji again.
The ultimate point in which everything is included is the integrity of the country..! Congress gave a lot of territory of the country to Pakistan and China. India was divided even after partition, whereas Kashmir, which was under the control of India for millions of years through Article 370, was also separated from India almost like Saharashtra by Nehruji. Only from Prime Minister Modiji, who freed Kashmir, the penance of our ancestors, from the shackles of Article 370, India can hope that India will get PoK. Congress had left PoK to Pakistan despite all the opposition from Sardar Vallabhbhai Patel. The present Congress does not have the strength to even utter a word about merging PoK with India.
Prime Minister Modiji, that is why it is again necessary that PoK, which is eager to be merged with India, should be merged with India. Only Prime Minister Modiji has this courage.
That is, Prime Minister Narendra Modi, who has established India at the forefront of the world in all fields, is the demand of the country because of his devotion to duty. That is why India needs Modiji.
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