भाजपा : ऐतिहासिक विजय पर सन्नाटा क्यों, खूब खुशियाँ मनाएँ - अरविन्द सिसोदिया bjp third victory

भाजपा : ऐतिहासिक विजय पर सन्नाटा क्यों, खूब खुशियाँ मनाएँ - अरविन्द सिसोदिया 
प्रधानमंत्री मोदीजी के दस साल के कार्यकाल के दौरान अमेरिका में 3, ब्रिटेन में 5, फ़्रांस में 6, इटली में 4 और पाकिस्तान में 5 नेताओं का शासन हुआ, इस परिदृश्य में मोदीजी लोकतान्त्रिक प्रक्रिया के सर्वाधिक विश्वनीय और स्थिर राजनेता हैँ। उनके प्रतिजन समर्थन अभिनंदनीय है।

स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह दूसरी बार हो रहा कि प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार शपथ ले रहा है। पहलीबार यह पंडित जवाहरलाल जी नेहरू ने और दूसरीबार नरेन्द्र मोदीजी नें। किन्तु भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता अभी तक बिना बजह की मायूसी में फंसे हुये है। नेहरू युग में भारत का लोकतंत्र पवित्र था और मीडिया नाममात्र की थी किन्तु मोदीजी के समय अपवित्र और झूठ से भरा लोकतान्त्रिक माहौल था, मीडिया और सोसल मीडिया पर छल कपट और पाखंड का बर्चस्व था। मोदीजी अभिमन्यु की तरह विदेशी और देशी शत्रुताओं से संघर्ष कर रहे थे। भारत के जनमत में अभी भी जान है उसने न मोदीजी को शहीद होनें दिया और ना ही षड्यंत्रकारीयों को विजय होनें दिया। मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा नें जो चुनावपूर्व गठबंधन किया था, वह स्पष्ट बहूमत से विजयी हुआ। यह भारत में ऐतिहासिक था, इसका बड़ा जश्न मनना चाहिए था।

विपक्ष में बैठा गठबंधन का नेतादल 99 सीटों पर सिमट गया, लगातर हार की हेड्रिक लगा रहा है, सारे आमने - सामने लड़ रहे विपक्षी दल भी मिल कर, अकेले भाजपा के नंबर तक नहीं पहुँच पाये। मगर उनकी उछल कूद इस तरह की मानों आसमान से तारे तोड़ लाये हों।

कांग्रेस के पीछे जो विदेशी ताकतें ख़डी हैँ वे बहुत चतुर और चलाँक हैँ और दूरगामी योजनाओं पर काम करती है। वे हर हाल में भारत की राजनीति पर ईसाई वर्चस्व बनाये रखना चाहती हैँ। क्योंकि एशिया ईसाई बनाने के लिए सबसे उपयुक्त प्रारंभ भारत ही है। इसके लिए उन्हें उनके अनुकूल सोनिया गाँधी थीं अब राहुल गांधी प्रियंका गाँधी सबसे फिट है। क्यों कि गाँधी शब्द का जो वोट बैंक ताकत है वह उनके नाम में समाहित हो जाती है। वे ताकतें लगातार इन लोगों की ओट से हिन्दू विभाजन कर रहीं हैँ। जो इस चुनाव में भी देखने को मिला। यह उन ताकतों की ही योजना है कि इंडी ग़ठबंधन की हार को बहुत बडी जीत दिखा कर भाजपा को मानसिक रूप से कमजोर किया जाये।

भाजपा और एनडीए को गर्व होना चाहिए कि उनके नेता श्री नरेन्द्र मोदीजी बड़े लोकतान्त्रिक देशों में वर्तमान 2014 से 2024 के दौर में सबसे स्थिर और लोकप्रिय नेता हैँ। जबकि लोकतान्त्रिक देशों सबसे अधिक अस्थिरता और उठा पठक रहती है। ऐसे में उनका तीसरीबार प्रधानमंत्री बनना ऐतिहासिक है। इतिहास में कई सदियों तक यह काल खंड दर्ज रहेगा. इसलिए इस अवसर पर खूब खुशियां मनाना चाहिए। भाजपा और एन डी ए को येशा जश्न मनाना चाहिए क़ी उत्साह और आत्मविश्वास क़ी नई इबारत लिखी जाये।

विश्व के कुछ प्रमुख लोकतान्त्रिक देशों में 2014 से 2024 के बीच में देश की सत्ता में रहे नेताओं की संख्या व जानकारी इस तरह से है।

अमेरिका में इस दौरान तीन राष्ट्रपति रहे -
 1- बराक ओबामा 2009-17,
 2- डोनाल्ड ट्रंप 20 17-21,और 
 3- जो बाईडेन 2021 से वर्तमान तक
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 इसी तरह ब्रिटेन में 5....,
1- डेबिट कैमरून 2010-16 ,
2- थेरेपा में 2016-19,
3- बोरिस जॉनसन 2019 से 22,
4- लिप ट्रस 2022-22
5- ऋषि सुनक 2022 से वर्तमान
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इसी तरह इटली में....4,
1- पाओलो जेंटिलोनी 2016 से 18,
2- ग्युसेप्पे कोंनटे 2018 से 21,
3- मारियो द्धाधी 2021 से 22,
4- जॉर्जिया मेलोनी 2022 से अभी तक
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 फ्रांस में 6....,
1- मैन्युअल वाल्स 2014 से 16,
2- बर्नाई कैजेनेउसे  2016- 17,
3- एडुअर्ड फिलिप 2017-20,
4- जीन कास्टेक्स 2020-22,
5- एलिजाबेथ बोर्न 2022 से 24,
6- ग्रेबियल अट्टल 2024 से वर्तमान,
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पाकिस्तान में प्रधानमंत्री....5,
1- नवाज शरीफ 2013 से 17
2- शाहिद खाकन अब्बासी 2017-18,
3- नासिर उल मुल्क  अंतरिम 
4- इमरान खान 2018 से 22
5- शाहबाज शरीफ 2022 से वर्तमान 
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विश्व के दो बड़े सम्यवादी देशों में 

1- चीन में लगातार तीसरीवार 
शी जिंगपिंग राष्ट्रपति 

1-  14 मार्च 2013 से 17 मार्च 2018 तक 
2- 17 मार्च 2018 से 10 मार्च 23 तक,
3- 10 मार्च 2023 से लगातार.....

2- रूस में ब्लादीमीर पुतिन लगातार सत्ता में बने हुए हैँ। उन्होंने 7 मई 2012 को पद ग्रहण किया था जिसे 12 वर्ष से अधिक हो गये हैँ।

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