मोदी जी की ऐतिहासिक कार्यकाल मोदी 3.0 Modi Ji's historic tenure Modi 3.0


मोदी जी की ऐतिहासिक कार्यकाल मोदी 3.0
  

Modi Ji's historic tenure, Modi 3.0 

यह तथ्य भूलना नहीं चाहिये कि कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार,सुपर सोनिया गांधी के नेतृत्व और राहुल गांधी के सानिध्य के बावजूद , लगातार दो कार्यकाल पूरे करनें के बाद तीसरे आम चुनाव में महज 44 सीटों पर आकर टिकी थी। और आज तक यानी कि तीसरे चुनाव में भी महज 98 सांसदों पर टिकी हुई है। 

इसी तरह इंदिरा गांधी के नेतृत्व में चुनाव लडी कांग्रेस 1967 व 1972 के चुनाव के बाद तीसरे आम चुनाव में 154 सीटों पर रह गई थी और स्वयं इंन्दिरा गांधी चुनाव हार गईं थीं, तब कांग्रेस को दक्षिण भारत नें ही साथ दिया था।

इसी तरह अटलजी की पहली सरकार महज 13 दिन चली, इसके बाद देवगौडा और गुजराल प्रधानमंत्री बनें चले नहीं और फिर चुनाव हो गये जिसमें भाजपा को 182 सीटें मिली और अटलजी दूसरी बार प्रधानमंत्री बनें मगर यह सरकार भी 13 महीनें में गिर गई , इसके बाद सोनिया गांधी ने बहुत कोषिश की कि उन्हे प्रधानमंत्री बना दिया जाये उनका नारा 2-7-2 तब फेमस हुआ था। इसके बाद सरकार भंग कर नये चुनाव हुये ! अटलजी के नेतृत्व में भाजपा फिर से 182 सीटें मिली और एनडीए की सरकार बनीं , यह 2004 तक चली। किन्तु लगातार तीसरी बार के लिये भाजपा शाईनिंग इण्डिया के साथ चुनाव में आईं, 138 सीटें मिली और चुनाव हार गई। तब कांग्रेस के पास महज 145 सीटें थीं यूपीए को भी महज 222 सीटें मिलीं थीं, मगर वामपंथियों के पास 50 से ज्यादा सीटें थीं, उनके समर्थन से मनमोहन सरकार चली । यूपीए -2 में भी कांग्रेस के पास महज 206 सीटें हीं थीं और यूपीए भी 262 पर अटक गया था। अटलजी भी लगातार तीसरी बार सरकार रिपीट नहीं करा पाये थे और नेहरूजी के बाद कांग्रेस का कोई भी प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार सरकार रिपीट नहीं करवा पाया है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे एकमात्र इस तरह के प्रधानमंत्री हैं जो अपनी सरकार तीसरी बार लाये हैं और प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व कर रहे हैं। इसलिये किसी को यह अफसोस नहीं करना चाहिये कि सीटें कम आईं है। सच यह है कि गठबंधन युग में चुनाव पूर्व गठबंधन की सीटें तो काउन्ट की ही जाती हैं , वहीं बाद में भी दल मिलते बिछुडते रहते हैं। 

केन्द्र में गठबंधन सरकार बनना कोई नई बात नहीं है, वर्तमान सरकार से पहले भी 12 बार केन्द्र में गठबंधन सरकारें बनीं हें। भाजपा के अटल जी और अडवानी जी पहली गठबंधन सरकार , जनता पार्टी सरकार 1977 की मंत्री परिषद में रहे हैं। यह गठबंधन सरकार 13 दल थे।  भाजपा का सत्ता में सम्मिलित होनें का दौर गठबंधन सरकार से ही प्रारम्भ हुआ है।

यूं देखा जाये तो बाहरी समर्थन अथवा गठबंधन के साथ कांग्रेस की नरसिंह राव सरकार, कांग्रेस के ही मनमोहन सिंह सरकार और भाजपा की अटलजी की सरकारों नें ही कार्यकाल पूरा किया है । अर्थात गठबंधन से अस्थिरता का चोली - दामन जैसा साथ है। मगर जब प्रधानमंत्री के दल की सीटें अच्छी - खासी होती हैं तो गिरनें का डर कम ही रहता है। जैसे नरसिंह राव अल्पमत सरकार चला रहे थे 232 सीटें ही कांग्रेस के पास थीं किन्तु वे अन्य दलों को साथ लेकर बहूमत मेनेज करते रहे। यही मनमोहन सिंह के समय भी हुआ जब उन्होनें सपा का साथ लेकर सरकार बचाई। इसलिये 240 सीटों के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को कोई दिक्कत होगी इस तरह की संभावना कम ही हें। क्यों कि गठबंधन के पास 292 सीटें हें जिनमें से कोई एकाध बाहर जायेगा तो दूसरा कोई अन्दर आयेगा, क्यों कि 272 के बहूमत से एनडीए कॉफी अधिक है और 17 सांसद इस तरह के हैं जो स्वतंत्र हैं वे भी लगभग सरकार के साथ ही आयेंग । इसलिये यह विजय महाविजय है। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जी का तीसरा कार्यकाल देखेंगे ।

मोदी मैजिक कांग्रेस शासित राज्यों में खूब चला 

यह मोदी नाम का चमत्कार ही था कि भाजपा शासित उत्तरप्रदेश में 80 में से मात्र 33 सीटें, राजस्थान में 25 में से मात्र 14 सीटें और हरियाणा में 10 में से मात्र 5 सीटें आनें आईं।

गठबंधन की मुख्यतौर पर सरकार महाराष्ट्र में शिंदे सरकार थी और बिहार में नितिश सरकार थी इन दोनों प्रदेशों में भाजपा की सीटों में कमी आई है। महाराष्ट्र में भाजपा को सीधे नुकसान ज्यादा उठाना पडा है वह गत 23 सीटों से मात्र 9 पर सिमट गई। बिहार में भाजपा 17 सीटों पर गत चुनाव में जीती थी किन्तु इस बार महज 12 पर रह गई।

मोदी मैजिक के बल पर बीजू जनता दल के गढ़ को ध्वस्त कर भाजपा को ओडीसा में 21 में से 20 सीटें और राज्य सरकार ले आये, कांग्रेस के झारखण्ड में 14 में से 9 सीटें,  कांग्रेस के तेलंगाना 17 में से 8, कांग्रेस के कर्नाटक में 28 में से 17, कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश में 4 में 4 सीटें भाजपा को लाकर बहूमत के करीब लाकर खडा किया और लगातार तीसरी बार सरकार बना दी ।

इतने सारे नुकसानों के बाद भी भाजपा की झोली कांग्रेस शासित राज्यों ने भर दी है। जो इस बात का परिचायक है कि राहुल और कांग्रेस के कामकाज की पोल जहां जहां खुल रही है। उनकी गारंटियां फैल हो रहीं हैं। वे वहां से विदा किये जा रहे हैं।


Modi Ji's historic tenure, Modi 3.0 



This fact should not be forgotten that the Manmohan Singh government of Congress, despite the leadership of super Sonia Gandhi and the patronage of Rahul Gandhi, after completing two consecutive terms, was reduced to just 44 seats in the third general election. And till date, i.e. in the third election also, it is reduced to just 98 MPs.


Similarly, the Congress which fought the election under the leadership of Indira Gandhi was reduced to 154 seats in the third general election after the elections of 1967 and 1972 and Indira Gandhi herself lost the election, then only South India supported the Congress.


Similarly, Atal Ji's first government lasted just 13 days, after this Devegowda and Gujral became the Prime Minister but could not last and then elections were held in which BJP got 182 seats and Atal Ji became the Prime Minister for the second time, but this government also fell in 13 months, after this Sonia Gandhi tried very hard to make her the Prime Minister, her slogan 2-7-2 became famous then. After this, the government was dissolved and new elections were held. Under the leadership of Atal Ji, BJP again got 182 seats and NDA government was formed. This lasted till 2004. But for the third time in a row, BJP contested the elections with Shining India, got 138 seats and lost the elections. Then Congress had only 145 seats, UPA also got only 222 seats, but the leftists had more than 50 seats, Manmohan government ran with their support. In UPA-2 also Congress had only 206 seats and UPA was also stuck at 262. Atal Ji also could not repeat the government for the third time in a row and after Nehru Ji no Prime Minister of Congress has been able to repeat the government for the third time in a row.


Prime Minister Narendra Modi is the only other Prime Minister after the first Prime Minister of independent India Jawaharlal Nehru who has brought his government for the third time and is leading as Prime Minister. Therefore, no one should regret that the seats have come less. The truth is that in the era of coalitions, the seats of the coalitions are counted before the elections, and even after that the parties keep joining and leaving.


Forming a coalition government at the centre is not a new thing, even before the present government coalition governments have been formed 12 times at the centre. BJP's Atal Ji and Advani Ji were in the council of ministers of the first coalition government, Janata Party government of 1977. This coalition government had 13 parties. The era of BJP joining power started with the coalition government.


If seen in this way, only the Narasimha Rao government of Congress, Manmohan Singh government of Congress and Atal Ji's government of BJP have completed their tenure with external support or coalition. That is, coalition is like a close companion of instability. But when the seats of the Prime Minister's party are good then the fear of falling is less. Like Narasimha Rao was running a minority government, Congress had only 232 seats but he kept managing the majority by taking other parties along. The same happened during Manmohan Singh's time when he saved the government by taking the support of SP. Therefore, there is little possibility that Prime Minister Narendra Modi with 240 seats will face any problem. Because the alliance has 292 seats, out of which one or two will go out and another will come in, because NDA has much more than the majority of 272 and there are 17 MPs who are independent, they will also almost always come with the government. Therefore, this victory is a great victory. We are all fortunate that we will see the third term of Prime Minister Modi.


Modi magic worked well in Congress ruled states

It was the miracle of Modi that BJP won only 33 seats out of 80 in UP, only 14 seats out of 25 in Rajasthan and only 5 seats out of 10 in Haryana.

The main coalition government was Shinde government in Maharashtra and Nitish government in Bihar. BJP's seats have decreased in both these states. BJP has suffered a direct loss in Maharashtra, it has shrunk from 23 seats to just 9. In Bihar, BJP had won 17 seats in the last election but this time it was reduced to just 12.

On the strength of Modi magic, he demolished the stronghold of Biju Janata Dal and brought BJP 20 out of 21 seats in Odisha and the state government, 9 out of 14 seats of Congress in Jharkhand, 8 out of 17 seats of Congress in Telangana, 17 out of 28 seats of Congress in Karnataka, 4 out of 4 seats of Congress in Himachal Pradesh and brought BJP close to majority and formed the government for the third time in a row.

Even after so many losses, Congress ruled states have filled BJP's coffers. This is a sign of the fact that wherever the reality of Rahul and Congress's work is being exposed, their guarantees are failing, they are being sent away from there.

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चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नवीनतम अपडेट के अनुसार, लोकसभा चुनावों में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पार्टियों द्वारा जीती गई सीटों की संख्या इस प्रकार है-

भाजपा - 240

कांग्रेस - 99

समाजवादी पार्टी - 37

तृणमूल कांग्रेस - 29

डीएमके - 22

तेलुगु देशम पार्टी - 16

जेडी(यू) - 12

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) - 9

एनसीपी (शरद पवार) - 8

शिवसेना - 7

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) - 5

वाईएसआरसीपी - 4

आरजेडी - 4

सीपीआई(एम) - 4

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग - 3

आप - 3

झारखंड मुक्ति मोर्चा - 3

जनसेना पार्टी - 2

सीपीआई (एमएल) (लिबरेशन) - 2

जेडी(एस) - 2

विदुथलाई चिरुथैगल काची - 2

सीपीआई - 2

राष्ट्रीय लोक दल - 2

नेशनल कॉन्फ्रेंस - 2

यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी, लिबरल - 1

असम गण परिषद - 1

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) - 1

केरल कांग्रेस - 1

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी - 1

एनसीपी - 1

वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी - 1

जोराम पीपुल्स मूवमेंट - 1

शिरोमणि अकाली दल - 1

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी - 1

भारत आदिवासी पार्टी - 1

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा - 1

मरूमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम - 1

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) - 1

अपना दल (सोनेलाल) - 1

आजसू पार्टी - 1

एआईएमआईएम - 1

निर्दलीय - 7

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कांग्रेस को 12 राज्यों एवं केन्द्र शाषित क्षेत्रों में शून्य मिली है। इनमें अधिकतर बडे राज्य है। 

त्रिपुरा 2

उत्तराखंड 5

मध्यप्रदेश 29

छत्तीसगढ़ 11

आंध्र प्रदेश 25

हिमाचल प्रदेश 4 

अरुणाचल प्रदेश 2 

मिजोरम 1

सिक्किम 1

केंद्रशासित क्षेत्र -

दिल्ली 7

जम्मू कश्मीर 5

दादरा नगर हवेली 1

लद्वाख 1


भाजपा को जिन 11 राज्यों / केन्द्र शाषित क्षेत्रों में शून्य मिला है। इनमें अधिकांश छोटे प्रदेश हैं।

तमिलनाडु 39

पंजाब 13

सिक्किम 1

मणिपुर 2

मेघालय 2

मिजोरम 1

नागालैंड 1 

केंद्रशासित क्षेत्र  -

पुडुचेरी 1

चंडीगढ़ 1

लद्दाख 1

लक्षद्वीप 1

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Party                                    Won     

Bharatiya Janata Party -             BJP 240

Indian National Congress -         INC 099 

Samajwadi Party -                      SP     037

All India Trinamool Congress - AITC 029

Dravida Munnetra Kazhagam - DMK 022

Telugu Desam -                         TDP 016

Janata Dal (United) -             JD(U) 012

Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackrey) - SHSUBT 009

Nationalist Congress Party – Sharadchandra Pawar - NCPSP 8

Shiv Sena - SHS 7

Lok Janshakti Party(Ram Vilas) - LJPRV 5

Yuvajana Sramika Rythu Congress Party - YSRCP 4

Rashtriya Janata Dal - RJD 4

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 4

Indian Union Muslim League - IUML 3

Aam Aadmi Party - AAAP 3

Jharkhand Mukti Morcha - JMM 3

Janasena Party - JnP 2

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 2

Janata Dal (Secular) - JD(S) 2

Viduthalai Chiruthaigal Katchi - VCK 2

Communist Party of India - CPI 2

Rashtriya Lok Dal - RLD 2

Jammu & Kashmir National Conference - JKN 2

United People’s Party, Liberal - UPPL 1

Asom Gana Parishad - AGP 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 1

Kerala Congress - KEC 1

Revolutionary Socialist Party - RSP 1

Nationalist Congress Party - NCP 1

Voice of the People Party - VOTPP 1

Zoram People’s Movement - ZPM 1

Shiromani Akali Dal - SAD 1

Rashtriya Loktantrik Party - RLTP 1

Bharat Adivasi Party - BHRTADVSIP 1

Sikkim Krantikari Morcha - SKM 1

Marumalarchi Dravida Munnetra Kazhagam - MDMK 1

Aazad Samaj Party (Kanshi Ram) - ASPKR 1

Apna Dal (Soneylal) - ADAL 1

AJSU Party - AJSUP 1

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 1

Independent - IND 7

Total 543

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