लूट जैसी मुनाफाखोरी पर नियंत्रण रखना प्रशासनिक कर्तव्य है - अरविन्द सिसोदिया
मबजूरी का फायदा उठानें की अनुमति किसीको नहीं - अरविन्द सिसोदिया
उपभोक्ताओं से लूट जैसी मुनाफाखोरी पर नियंत्रण रखना प्रशासनिक कर्तव्य है - अरविन्द सिसोदिया
कोटा 27 अक्टूबर । भाजपा कोटा संभाग के मीडिया संयोजक अरविंद सिसोदिया ने प्रेस के माध्यम से लूट जैसी मुनाफाखोरीयों पर प्रशासन द्वारा प्रभावी नियंत्रण की कार्यवाहियों की मांग की है । उन्होंने कहा कि देश में उपभोक्ताओं से मनमानी उगाही की छूट नहीं है । किसी भी मजबूरी या आवश्यकता के मद्देनजर कोई भी मनमाना किराया या सेवा शुल्क नहीं वसूल सकता ।
सिसोदिया ने कहा कि दीपावली के अवसर पर ट्रेनों में जगह न होने के कारण प्राइवेट बस संचालकों ने इसे अनुचित मुनाफाखोरी में बदल लिया जो ब्लेक करने जैसा ही है । ऑलइंडिया परमिट के नाम पर मनमानी किराया वसूली नहीं की जा सकती क्योंकि डीजल के दाम नहीं बड़े हैं।
उन्होंने कहा कि देश का कोई भी कानून लूट जैसी मुनाफा खोरी की अनुमति नहीं देती है । इस तरह की मुनाफाखोरी को करने वाला अव्यक्ति परोक्ष अपरोक्ष अपराधी होता है ।
सिसोदिया नें कहा कि देश में सभी तरह के व्यापारों की नैतिकताएं हैं । जिस तरह टिकिट ब्लेक करना अपराध है यदि तरह लूट जैसा किराया वसूलना भी अपराध है ।
सिसोदिया ने कहा जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को त्योहारों के अवसर पर अतिरिक्त मुनाफाखोरी पर निगाह रखनी चाहिए और जनता को लूटने की मनोवृत्ति पर नियंत्रण रखना चाहिए । छदम ग्राहक बन कर लूट जैसी मूल्यवृद्धियों को संज्ञान में लेकर कठोर कार्यवाहियां चाहिए ।
भवदीय
अरविन्द सिसोदिया
9414180151
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उपभोक्ता से अधिक मूल्य वसूली का अधिकार किसी भी सेवा प्रदाता को नहीं है
बिल्कुल सही! उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार, किसी भी सेवा प्रदाता को उपभोक्ता से अधिक मूल्य वसूलने का अधिकार नहीं है। यह अधिनियम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें अनुचित व्यापार व्यवहारों से बचाने के लिए बनाया गया है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के मुख्य प्रावधान हैं:
1. मूल्य की पारदर्शिता: सेवा प्रदाता को मूल्य की जानकारी स्पष्ट रूप से देनी होती है।
2. अनुचित व्यापार व्यवहार: सेवा प्रदाता को अनुचित व्यापार व्यवहार में शामिल नहीं होना चाहिए।
3. उपभोक्ता के अधिकार: उपभोक्ता को अपने अधिकारों की रक्षा करने का अधिकार है।
4. शिकायत निवारण: उपभोक्ता की शिकायतों का निवारण करने के लिए उपभोक्ता परिषदें और अन्य प्राधिकरण हैं।
उपभोक्ता से अधिक मूल्य वसूली के मामले में, उपभोक्ता निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
1. सेवा प्रदाता से शिकायत करें।
2. उपभोक्ता परिषद में शिकायत दर्ज करें।
3. उपभोक्ता न्यायालय में मामला दर्ज करें।
4. अन्य अधिकारों का उपयोग करें।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधान राज्यों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, अपने राज्य के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है।
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महंगाई नियंत्रण के प्रभावी उपाय निम्नलिखित हैं:
1. मौद्रिक नीति: केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाकर मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करना और महंगाई को कम करना।
2. राजकोषीय नीति: सरकार द्वारा राजकोषीय घाटे को कम करना और व्यय को नियंत्रित करना।
3. आयात-निर्यात नीति: आयात शुल्क बढ़ाकर और निर्यात को बढ़ावा देकर महंगाई को कम करना।
4. भंडारण और वितरण: आवश्यक वस्तुओं का भंडारण और वितरण व्यवस्थित करना।
5. कीमत नियंत्रण: आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित करना।
6. उत्पादन बढ़ाना: उत्पादन को बढ़ावा देने से आपूर्ति बढ़ती है और कीमतें कम होती हैं।
7. सब्सिडी: गरीबों को सब्सिडी प्रदान करना।
8. महंगाई दर की निगरानी: महंगाई दर की निगरानी करना और समय-समय पर उचित कदम उठाना।
9. आर्थिक सुधार: आर्थिक सुधार करने से महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
10. जन जागरूकता: लोगों को महंगाई के कारणों और परिणामों के बारे में जागरूक करना।
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लूट जैसी मुनाफाखोरी को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
1. नियमन और अधिनियम: सरकार द्वारा नियमन और अधिनियम बनाए जा सकते हैं जो मुनाफाखोरी को रोकने में मदद करेंगे।
2. मूल्य नियंत्रण: सरकार द्वारा मूल्य नियंत्रण किए जा सकते हैं जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें नियंत्रित होंगी।
3. पारदर्शिता: कंपनियों और व्यवसायों में पारदर्शिता बढ़ाई जा सकती है जिससे ग्राहकों को पता चले कि वे कितना भुगतान कर रहे हैं।
4. प्रतिस्पर्धा बढ़ाना: बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने से कंपनियां कम मुनाफा कमा सकती हैं।
5. उपभोक्ता शिक्षा: उपभोक्ताओं को शिक्षित करना जिससे वे अपने अधिकारों के बारे में जानते हों और मुनाफाखोरी के खिलाफ खड़े हो सकें।
6. न्यायिक प्रणाली: न्यायिक प्रणाली को मजबूत बनाने से मुनाफाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
7. सामाजिक जागरूकता: सामाजिक जागरूकता बढ़ाने से लोग मुनाफाखोरी के खिलाफ खड़े हो सकते हैं।
8. आर्थिक नीतियाँ: सरकार द्वारा आर्थिक नीतियों में बदलाव किया जा सकता है जो मुनाफाखोरी को रोकने में मदद करेंगी।
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