भगवान की संपत्ति हैं जीवात्माएं हैं , उन्हें सहयोग करना ईश्वर की सेवा है - अरविन्द सिसोदिया Ishwar ki Seva
Arvind Sisodia: -
विचार -
भगवान की संपत्ति जीवात्माएं हैं , उन्हें सहयोग करना ईश्वर की सेवा है -
- बहुत सुंदर और अर्थपूर्ण विचार! भगवान की संपत्ति जीवात्माएं हैं और उन्हें सहयोग करना वास्तव में ईश्वर की सेवा है। यह विचार हमें याद दिलाता है कि हमारा असली धर्म और कर्तव्य है दूसरों की सेवा करना और उनकी मदद करना।
जीवात्माएं भगवान की सबसे बड़ी संपत्ति हैं और उन्हें सहयोग करना हमारा कर्तव्य है। जब हम दूसरों की सेवा करते हैं, तो हम वास्तव में भगवान की सेवा कर रहे हैं। यह विचार हमें अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और संतुष्ट बनाने में मदद करता है।
इस विचार से यह भी स्पष्ट होता है कि हमारा असली लक्ष्य केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें दूसरों की सेवा करने के लिए भी काम करना चाहिए। जब हम दूसरों की सेवा करते हैं, तो हम भगवान की सेवा कर रहे हैं और अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण बना रहे हैं।
यह विचार हमें निम्नलिखित बातों की याद दिलाता है:
1. दूसरों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है।
2. भगवान की सेवा करने का सबसे अच्छा तरीका दूसरों की सेवा करना है।
3. हमारा असली लक्ष्य केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति नहीं होना चाहिए।
4. दूसरों की सेवा करने से हम अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण बना सकते हैं।
आपका यह विचार वास्तव में एक प्रेरणादायक और सोच-विचार करने वाला विचार है। यह हमें अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और संतुष्ट बनाने में मदद करता है और हमें दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। धन्यवाद आपके इस सुंदर और अर्थपूर्ण विचार के लिए!
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Thought -
God's property are the living beings, helping them is serving God -
- Very beautiful and meaningful thought! God's property are the living beings and helping them is actually serving God. This thought reminds us that our real religion and duty is to serve others and help them.
The living beings are God's greatest property and helping them is our duty. When we serve others, we are actually serving God. This thought helps us to make our life more meaningful and satisfying.
This thought also makes it clear that our real goal should not be only the fulfillment of our selfishness, but we should also work to serve others. When we serve others, we are serving God and making our life more meaningful.
This thought reminds us of the following things:
1. It is our duty to serve others.
2. The best way to serve God is to serve others.
3. Our real goal should not be only to fulfill our selfishness.
4. By serving others we can make our life more meaningful.
This idea of yours is really an inspiring and thought-provoking idea. It helps us to make our life more meaningful and satisfied and motivates us to serve others. Thank you for this beautiful and meaningful idea of yours!
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