कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन की जिम्मेवारी भी राहुल को लेनी चाहिये - अरविन्द सिसोदिया


कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन की जिम्मेवारी भी राहुल को लेनी चाहिये - अरविन्द सिसोदिया

कांग्रेस नें मीडियाई माहौल तो इस तरह का खडा किया था कि हरियाणा में भाजपा को 15 से 20 सीटें भी बमुस्किल मिलें , मगर ग्रासरूट पर कांग्रेस आपस में लड रही थी। सही बात तो यह है कि जमीनी तालमेल के अभाव की यह हार है, कांग्रेस भाजपा से मतप्रतिशत में मामूली पिछड़ी है यानी कि भाजपा का मत प्रतिशत 40 है तो कांग्रेस का 39 है किंतु सीटों के मामलों में वह बुरी तरह पिछड़ गई । वहीं कांग्रेस के महगाई , बेरोजगारी , अग्निवीर , किसान और पहलवान वाले मुद्दों की हवा ही निकल गई ! कहीं कोई प्रभाव ही नहीं था।  
सच यह था कि भाजपा का टिकिट वितरण बहुत सटीक रहा, उन्होंने 90 सीटों पर 60 नए चेहरे उतारे थे । लोकसभा में भी भाजपा नें 10 में से पांच सीटें जीतीं ही थीं और विधानसभा की दृष्टि से वह कांग्रेस के बहुत पीछे नहीं थी। इस प्रकार भाजपा लोकसभा चुनावों में भी बराबरी की टक्कर ले रही थी और वहां भाजपा कमजोर नहीं थी । कांग्रेस नें लोकसभा के प्रदर्शन में से भी खोया है जबकि भाजपा नें बढाया है। 

भाजपा की हरियाणा चुनाव रणनीति भी सक्सेज रही , जहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गैर जाट था तो चुनाव प्रभारी राजस्थान के जाट नेता और संघ पृष्ठभूमि के सतीश पूनिया थे । हरियाणा में जाट राजनीति बिखराब के कारण अब दम तोड़ चुकी है । कांग्रेस ऊपरी दबदवे में फंसी रही जबकि कांग्रेस की शैलजा सही कह रहीं थीं जिसे सुना नहीं गया । हरियाणा में जाटों की दादागिरी है मगर वोट बैंक में वहां एस सी भी उनके बराबर हैं । हरियाणा में 80 प्रतिशत मतदाता गैर जाट है , जो भाजपा के साथ है, जिससे भाजपा वहां लगातार तीसरी बार सत्ता में है ।

कांग्रेस न केवल हरियाणा में हारी बल्कि जम्मू और कश्मीर में भी हाफ हो गई है। पहले 12 सीटें थी  अब वहां पर मात्र 6 पर सिमट गई है। हरियाणा में गत विधानसभा चुनाव से मात्र 6 सीटें ही कांग्रेस बढा पाई है । जबकि भाजपा ने अपना प्रदर्शन सुधारते हुये 8 सीटें प्लस की हैं। 

कुल मिला कर कांग्रेस नें इस चुनाव में जितनी उछलकूद की उसके मुकाबले उसे मिला कुछ नहीं । कांग्रेस नें इस चुनाव में जम्मू और कश्मीर में 6 सीटें खोदी हैं तो हरियाण में मात्र 6 सीटें ही वह बढा पाई, इस प्रकार कुल मिला कर दोनों प्रदेशों की जोड बांकी करें तो कांग्रेस 0 पर खड़ी है उसने हरियाणा में 6 बढ़ाई तो jk में 6 खो दी । वहीं  भाजपा नें कुल मिला कर दोनों प्रदेशों में 12 सीटें बढाईं । जो कांग्रेस बहुत बेहतर हैं।

सच यह है कि कांग्रेस एक परिजीवी पार्टी है जिसका अस्तित्व दूसरे दलों पर आधारित है। जैसे यूपी में वह सपा , बंगाल में ममता पर, तमिलनाडू में डीएमके पर, जम्मू और कश्मीर में नेशनल कान्फ्रेंस पर अर्थात कांग्रेस स्वंय में बहुत बडा करने की स्थिती में अधिकांश प्रदेशों में नहीं है।

एक समय कांग्रेस देश के अधिकांश राज्यों की सत्ता पर काबिज रहती थी किन्तु अब वह अधिकांश राज्यों में सत्ता खो चुकी है ।

----------------------

Rahul should also take responsibility for Congress' weak performance - Arvind Sisodia

Congress had created such a media environment that BJP could hardly get 15 to 20 seats in Haryana, but at the grassroot level Congress was fighting among themselves. The truth is that this defeat is due to lack of ground coordination, Congress lost badly in seats despite having a slight lead in vote percentage over BJP. Its issue of farmers and wrestlers lost steam! It had no effect anywhere.


The truth was that BJP's ticket distribution was very accurate, in Lok Sabha also BJP had won five out of 10 seats and in terms of assembly it was not much behind Congress. Thus BJP was giving a tough fight in Lok Sabha elections as well. Congress has lost from Lok Sabha performance while BJP has increased.


Congress has not only lost in Haryana but has also halved in Jammu and Kashmir. The earlier 12 seats have now shrunk to just 6. In Haryana, Congress has been able to increase only 6 seats from the last assembly elections, while BJP has improved its performance and added 8 seats. Overall, Congress has gained nothing in comparison to the amount of jumping around it did in this election. Congress has lost 6 seats in Jammu and Kashmir in this election, while it has been able to increase only 4 seats in Haryana. Thus, if we add the total of both the states, Congress has lost 2 seats and has suffered a loss of 2 seats. Whereas BJP has increased 4 seats in Jammu and Kashmir, it has increased 8 seats in Haryana. Thus, BJP has increased 12 seats in both the states. Congress is at a score of minus 2, while BJP is at a score of plus 12. Congress is much better than Congress.

The truth is that Congress is a parasitic party whose existence is based on other parties. Like in UP it is dependent on SP, in Bengal on Mamata, in Tamil Nadu on DMK, in Jammu and Kashmir on National Conference, that is, Congress itself is not in a position to make a big impact in most of the states.

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism