राजस्थान भाजपा नें ऑफलाइन सदस्यता का विकल्प भी दिया - अरविन्द सिसोदिया


भाजपा नें ऑफलाइन सदस्यता का विकल्प भी दिया  - अरविन्द सिसोदिया

ऑनलाइन सदस्यता अभियान के जोखिमों का रास्ता ऑफ लाइन सदस्यता ही है - अरविन्द सिसोदिया 

भाजपा का सदस्य तो लगभग सभी राष्ट्रहित चिंतक बनना चाहते हैं, किन्तु असली हिचक ऑनलाइन और उसमें भी ओटीपी थी , जिससे नुकसान पहुंचने से आम नागरिक डरता है । यूँ भी सभी सतर्कताएँ कहती हैं कि ओटीपी साझा नहीं करना चाहिए । वह बहुत बड़ी समस्या सदस्यता अभियान में थी , जो अब दूर हो गई है ।

भाजपा सदस्यता अभियान चालू है , 8 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य भी हांसिल हो जाएगा । किन्तु धीमी गति का कारण नागरिकों का ओटीपी को लेकर सन्देह और ओटीपी जनरेट में आने वाली समस्या अधिक है । भाजपा ने सही तथ्य को पहचान कर ऑफलाइन सदस्यता की पुरानी पद्धति सदस्यता डायरी को जारी करने का सही निर्णय लिया है । इससे  प्रॉपर सदस्यता सम्पन्न हो सकेगी ।

पहले भी 25 सदस्यों की डायरी लेकर घर घर जाकर पूरे परिवार को सदस्य बनाते ही थे । सही तरीका भी यही था । सीधे मिलना बैठना बातचीत करना आदि होता था । 

ऑनलाइन मिसकॉल तक तो ठीक था , मगर ओटीपी आना फिर फार्म ऑनलाइन भरना , फोटो अपलोड करना आदि में समय तो लगता ही था , साथ ही मोबाइल सेट की केपेसिटी और नेटवर्क की उपलब्धता भी समस्या थी । वहीं ओटीपी देनें में नुकसान होनें का  सन्देह रहता है । इससे हिचक हो रही थी । अब जब ऑफलाइन सदस्यता भी करने का निर्णय ले लिया है , इससे बेहिचक सदस्यता होगी ।


BJP also gave the option of offline membership - Arvind Sisodia

The way to avoid the risks of online membership campaign is offline membership - Arvind Sisodia

Almost all the national interest thinkers want to become members of BJP, but the real hesitation was online membership and that too with OTP, due to which the common citizen is afraid of getting harmed. Anyway, all the vigilance says that OTP should not be shared. That was a big problem in the membership campaign, which has now been resolved.

BJP membership campaign is going on, the target of making 8 crore members will also be achieved. But the reason for the slow pace is the doubt of the citizens about OTP and the problem in generating OTP. BJP has taken the right decision by recognizing the true fact and issuing the old method of offline membership, the membership diary. This will enable proper membership.

Earlier also, people used to go from house to house with a diary of 25 members and make the entire family members. This was the right way too. We used to meet and sit and talk directly.

Online missed calls were fine, but getting the OTP, filling the form online, uploading photos etc. took time, and the capacity of the mobile set and availability of network were also problems. There was a doubt of loss in giving the OTP. This was causing hesitation. Now that the decision has been taken to do offline membership as well, membership will be done without hesitation.
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 भाजपा के संगठन महापर्व सदस्यता अभियान में ऑनलाइन अभियान के साथ ही अब ऑफ लाइन सदस्यता अभियान भी चलाया जाएगा। पूरे प्रदेश में ऐसे इलाके जहां पर नेटवर्क विहीन हो या मोबाइल सेवा का उपयोग नहीं किया जा रहा हो, ऐसे स्थानों पर ऑफ लाइन सदस्यता अभियान चलाया जाएगा है। ऑफलाइन सदस्य मेनुअल फार्म के माध्यम से बनाये जाएंगे। जिसके लिए जिला, मंडल व बूथवार प्रशिक्षित टीमों की तैनाती की गई है जो इस कार्य में जुटे हुए हैं। जिन इलाकों में मोबाइल नेटवर्क का जुड़ाव नहीं हो पा रहा है वहां ऑफ लाइन सदस्यता को भी चलाया जाएगा।
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भाजपा के सदस्यता अभियान में OTP का ग्रहण, 
लोगों को डरा रहा नया फार्मूला, क्या है वजह
राजस्थान में भाजपा के सदस्यता अभियान को साइबर ठगी के डर ने धीमा कर दिया है। सदस्यता के लिए पार्टी की ओर से लागू किए गए OTP वेरिफिकेशन सिस्टम से लोग हिचकिचा रहे हैं, खासकर साइबर ठगी से प्रभावित क्षेत्रों में। भरतपुर, उदयपुर, अलवर और बारां जैसे जिलों में लोग OTP साझा करने से डर रहे हैं।

भाजपा सदस्यता अभियान
राजस्थान में भाजपा के सदस्यता अभियान में साइबर फ्रॉड का डर लग रहा है। भाजपा ने फर्जी सदस्यता से बचने के वास्ते इस बार वेरिफिकेशन के लिए OTP सिस्टम लागू किया है, लेकिन यह फार्मूला सदस्यता अभियान को गति नहीं पकड़ने दे रहा है। दूर दराज में लोग साइबर ठगी के डर से OTP बताने से बच रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं नेताओं को सदस्य बनाने में परेशानी उठानी पड़ रही है।

भारतीय जनता पार्टी  में सदस्यता अभियान चल रहा है। देश में दो सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा तीन सितंबर को राजस्थान में सीएम भजन लाल शर्मा को सदस्य बनाने के साथ ही अभियान शुरू हुआ। फर्जी या बोगस सदस्य बनाने पर रोक लगाने के लिए इस बाद पार्टी ने सदस्यता का वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया गया है। पहली बार मिस कॉल के बाद लिंक जनरेट हो रहा और उसके बाद वेरिफिकेशन के लिए OTP आता है। OTP वेरीफाई होने के बाद ही सदस्य बन सकते हैं।

वहीं, दूसरी ओर आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार आने वाले आदेशों के बीच जनता इस OTP को देने से डर रही रही है। साइबर फ्रॉड की जद में आए क्षेत्रों में जनता को डर है और लोग OTP बताने से बच रहे हैं।  वहां पर पार्टी ऑफ़ लाइन यानी रसीदों के जरिये सदस्य बनाएगी।
 
इन जिलों में असर, परेशान कार्यकर्ता  
भरतपुर, उदयपुर संभाग, बारां, अलवर सहित कई जिले हैं, जहां साइबर ठगी का प्रभाव है। साइबर ठगी के भय से लोग सदस्यता के लिए OTP देने से मना कर रहे हैं। इसके साथ कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां नेटवर्क की समस्या भी है। सदस्यता अभियान की समीक्षा के दौरान सामने आई इस तरह की समस्या के समाधान के लिए पार्टी ने ऑफ लाइन सदस्य बनाने का भी प्रावधान रखा है। इसके लिए पार्टी जिला जिला अध्यक्ष के जरिए बूथ स्तर पर रसीद बुक के जरिए सदस्य बनाने के लिए सामग्री उपलब्ध कराइ जा रही है।
बढ़ रहे साइबर के ठगी के मामले
सदस्यता अभियान के सह प्रभारी मोतीलाल मीणा ने बताया कि अभी साइबर के ठगी के मामले राजस्थान और देश में आ रहे हैं। इस तरह की घटना से आम जनता भयभीत है। कई जिलों में सदस्यता अभियान में भी इसको लेकर दिक्कत आ रही है। इस लिए पार्टी इसके लिए विकल्प के तौर पर ऑफ़ लाइन सदस्य बनाने के लिए रसीद बुक छपवाई है। मोतीलाल ने बताया कि ऐसे लोग जो ओटीपी देना पसंद नहीं करते या जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की दिक्कत है, उनके लिए पार्टी ने रसीद बुक भिजवा रही है, ताकि अभियान में किस तरह की कोई गति  धीमी नहीं हो।

ऑनलाइन प्रक्रिया परेशानी का कारण मोतीलाल मीणा ने बताया कि पहले मिस कॉल से सदस्य बनते थे, लेकिन इस बार मिस कॉल करने पर एक लिंक जनरेट होगा। उस लिंक को ओपन करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम ओटीपी आता है। उस ओटीपी को समिट करने पर एक फॉर्म ओपन होता है। जिसमें जो भी व्यक्ति भाजपा की सदस्यता लेना चाहता है वो अपनी पूरी डिटेल डालनी होती है। उसके बाद उस फॉर्म को सबमिट किया जाता है। इस तरह से वह व्यक्ति भाजपा का सदस्य बनता है। बाद में वहीं सदस्य कार्यकर्ता के तौर पर काम करेगा। कई जिलों के दूर दराज के क्षेत्रों में लोग ओटीपी देने में आनाकानी कर रहे हैं।

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