बुजुर्गों की संपत्तियों और मानसम्मान की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था निर्माण हो - अरविन्द सिसोदिया
बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए प्रशासन को अब खुद बेटा बनना होगा - अरविन्द सिसोदिया
बुजुर्गों की संपत्तियों और मानसम्मान की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था निर्माण हो - अरविन्द सिसोदिया
कोटा 11 अक्टूबर । भाजपा कोटा संभाग के मीडिया संयोजक एवं पूर्व जिला महामंत्री भाजपा अरविन्द सिसोदिया नें राजस्थान के नागौर में पुत्र एवं पुत्रवधु की प्रताड़ना से पीड़ित वृद्ध दंपत्ति के द्वारा संयुक्त आत्महत्या की घटना को बेहद गंभीर और संवेदनशील मसला करार देते हुए । इस घटना की जानकारी एवं पेपर कटिंग्स केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह , केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ईमेल से भेज कर इस तरह की घटनाओं के विरुद्ध प्रभावी और कारगर कानून बनाने और ठोस कार्यवाही व्यवस्था निर्माण की मांग की है । उन्होंने कहा है कि " बुजुर्गों के मान-सम्मान और संपत्तियों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए ।"
सिसोदिया ने ईमेल में लिखा है कि " सन्तानों का दुर्व्यवहार इतना बड़ गया कि कोई वृद्धाश्रम में छोड़ रहा है , तो कोई कहीं भी छोड़ कर गायब हो रहा है , न इलाज करवाते , न दवाईयां दिलाते , अब मारपीट और जलील करनें की घटनाएं भी बहुत अधिक हो गईं है । परिवार की मानमर्यादाओं के चलते , बुजुर्ग बात थानें कचहरी नहीं पहुंचाते , गवाही के झंझट में कोई पड़ता नहीं , सबूत मिलते नहीं , कोई दूसरा व्यक्ति परिवार के अंदरूनी मसले में साथ देता नहीं। इसलिए सरकार को आगे होकर खुद अब बेटा बनना होगा और इस तरह की व्यवस्थाएं करनीं होंगी की बुजुर्गों का सम्मान भी बचे और संपत्ति भी बचे और कोई अमर्यादित आचरण करने की हिम्मत न कर सके ।
उन्होंने कहा कि भारत में ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली, जनसंख्या विस्फोट और बदलते परिवेश और घटती संवेदनों में सबसे ज्यादा संकट बुजुर्ग पीढ़ी के सामने खड़ा हो गया है । जो एक ग्लास पानी भी कभी नहीं पिलाते , वे बुजुर्गों के जीते जी संपत्ति हड़पने में सभी मान मर्यादाएं भूल जाते हैं । सन्तानों द्वारा संपत्ति हड़पो अभियान में , बुजुर्गों के प्रति अमर्यादित एवं अपमानजनक व्यवहार पूरे देश में समस्या के रूप में खड़ा हो रहा है । जिस पर नियंत्रण पाना आवश्यक है ।
पूर्व जिला महामंत्री सिसोदिया नें मांग की है कि बुजुर्गों के मान सम्मान और सुरक्षा की चिंता की जाये । इस हेतु संवेदनशील व्यवस्था निर्माण हों और मर्यादाओं के उलंघन पर बड़ी सजा के प्रावधान किया जाए ।
सिसोदिया ने इस हेतु कुछ सुझाव भी भेजे हैं, जो निम्न प्रकार से हैं ।
1- गुप्त टोलफ्री नंबर पर कॉल करने आसपास के बुजुर्गों से हो रहे दुर्व्यवहार की सूचना देना ।
2- स्थानीयस्तर पर चौकीदार , जमादार , पंच, सरपंच और पार्षद आदि यह निरन्तर देखें कि 60 प्लस के लोग किस किस घर में हैं व उनसे प्रतिमाह मिलें अलग से बात करें समस्याएं जानें ।
3- 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के किसी भी प्रकार के चल अचल संपत्ति, बहुमूल्य वस्तुओं हस्तांतरण में बुजुर्ग की सहमति जांचने के बाद ही हस्तांतरण स्वीकार किया जावे । इस हेतु तहसीलदार , उपखंड अधिकारी और जिला कलक्टर्स को हस्तांतरण अस्वीकृत करने के अधिकार प्रदान किये जावें । ताकी छीना झपटी बचे ।
4- किसी भी बुजुर्ग की शिकायत पर तहसीलदार / उपखण्ड अधिकारी /जिला कलेक्टर आदि को 6 माह तक की सजा देने के प्रावधान हों । कष्ट देनें वाली सन्तान को जिला बदर करने जैसा कठोर कानून हो ।
5- यदि किसी बुजुर्ग को सन्तान की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या करना पड़े तो उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो । किसी बुंउर्ग को घर छोड़ना पड़े तो उसके खिलाफ 7 साल के कारावास जैसे दंड के प्रावधान हों ।
अर्थात बुजुर्गों की सारसंभाल और उनके सम्मान के प्रति सरकार को संवेदनशील कानूनी प्रावधान बनानें चाहिए।
भवदीय
अरविन्द सिसोदिया
भाजपा कोटा संभाग संयोजक
भाजपा , राजस्थान ।
-बेकरी के सामने , राधाकृष्ण मन्दिर रोड़, डडवाड, कोटा जंक्शन।
पिन - 324002
मोबाइल - 9414180151
-------------------
For the safety of the elderly, the administration will now have to become a son itself - Arvind Sisodia
A strong security system should be created for the property and honor of the elderly - Arvind Sisodia
Kota 11 October. Media coordinator of BJP Kota division and former district general secretary of BJP Arvind Sisodia termed the incident of joint suicide by an elderly couple suffering from harassment by their son and daughter-in-law in Nagaur, Rajasthan as a very serious and sensitive issue. He has sent information and paper cuttings of this incident to Union Home Minister Amit Shah, Union Law and Justice Minister Arjunram Meghwal and Rajasthan Chief Minister Bhajanlal Sharma by email and demanded effective and efficient law and concrete action system against such incidents. He has said that "A strong system should be made for the protection of the honor and property of the elderly."
Sisodia has written in the email that "the misbehavior of children has increased so much that some are abandoning their children in old age homes, some are abandoning them anywhere and disappearing, neither providing treatment nor medicines, now incidents of beating and insulting have also increased a lot. Due to the dignity of the family, the elderly do not take the matter to the police station or court, no one gets into the hassle of giving testimony, no evidence is found, no other person supports in the internal matters of the family. Therefore, the government will have to come forward and become a son itself and make such arrangements that the dignity of the elderly is saved and the property is also saved and no one can dare to behave indecently.
He said that in India, the elderly generation is facing the biggest crisis due to the British education system, population explosion and changing environment and decreasing sensitivities. Those who never even give a glass of water to drink, they forget all the dignity in usurping the property of the elderly while they are alive. Property by children In the Haadpo Abhiyan, indecent and insulting behavior towards the elderly is emerging as a problem in the whole country. It is necessary to control it.
Former District General Secretary Sisodia has demanded that the honor and security of the elderly should be taken care of. For this, sensitive arrangements should be made and provisions for severe punishment should be made for violating the norms.
Sisodia has also sent some suggestions for this, which are as follows.
1- Call on a secret toll-free number and inform about the misbehavior with the elderly around.
2- At the local level, Chowkidar, Jamadar, Panch, Sarpanch and Councilor etc. should constantly see in which houses the people above 60 are and meet them every month, talk to them separately and know their problems.
3- In the transfer of any kind of movable and immovable property, valuables of citizens above 60 years of age, the transfer should be accepted only after checking the consent of the elderly. For this, Tehsildar, Subdivision Officer and District Collectors should be given the power to reject the transfer. So that there is no snatching.
4- There should be provision of giving punishment up to 6 months to Tehsildar/Subdivision Officer/District Collector etc. on the complaint of any elderly. There should be a strict law like banishing the child who troubles from the district.
5- If an elderly has to commit suicide due to harassment by children, then a case of murder should be registered against him. If an elderly has to leave the house, then there should be provision of punishment like 7 years imprisonment against him.
That is, the government should make sensitive legal provisions for the care and respect of the elderly.
Yours sincerely
Arvind Sisodia
BJP Kota Division Convenor
BJP, Rajasthan.
- Opposite Bakery, Radhakrishna Mandir Road, Dadwad, Kota Junction.
PIN - 324002
Mobile - 9414180151
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें