वक्फ वेलफेयर के बजाय माफिया का अड्डा बन गया - डॉ. इंद्रेश कुमार RSS Indresh Kumar

अफवाह है वक्फ बोर्ड खत्म किया जा रहा, केंद्र सरकार प्रावधान दुरुस्त कर रही -  डॉ. इंद्रेश कुमार
कोटा - 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि वक्फ बोर्ड को खत्म किया जा रहा है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। केन्द्र सरकार केवल उन प्रावधानों को दुरूस्त करने जा रही है, जिससे कुछ खास लोग देश की लाखों बीघा जमीन को खा रहे हैं। वक्फ का मतलब क्या है, वक्फ की जमीन अल्लाह की जमीन है। उसका उपयोग दीन दुखियों, मजलूमों, बेसहारा, यतीमों की भलाई के लिए काम लिया जाना चाहिए। वो जमीन आज समाज के ठेकेदार बने लोग बचे रहे हैं, किराये पर दे रहे हैं, जो जायज नहीं है।

इंद्रेश कुमार ने यह बात झालावाड़ रोड स्थित राजरानी टॉवर में सोमवार को आयोजित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रदेश कार्यकर्ता सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कही। कहा कि आजादी के बाद से ही मुस्लिम समुदाय को मात्र वोट बैंक बनाकर रखा गया। उन्हें शिक्षा से दूर रखने के प्रयास हुए, जिससे वे विकास से नहीं जुड़ सके। मंच का मुख्य उद्देश्य इन मुस्लिम परिवारों में शिक्षा और राष्ट्रवाद के प्रति चेतना जागृत कर उन्हें मुख्य धारा में लाना है। मंच अपने इन दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी से निभा रहा है।

मंच देश को एकजुट कर सामाजिक समरसता की नई दास्तान लिख रहा है। राजनीति के कुछ ठेकेदार मजहबी बातें कर लोगों को भड़काते हैं। केन्द्र सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी के लिए कानून लागू कर देश की लाखों मुस्लिम बहनों को उनका अधिकार दिया है, इसके बारे भी भ्रम फैलाया गया। कहा कि हमारी पूजा पद्धति भले ही अलग हो, लेकिन हम सभी मां भारती की संतानें हैं। इसके विकास के लिए काम करना हम सबका हक और जिम्मेदारी है। 2047 में विकसित भारत की जो परिकल्पना की गई है, उसमें मुसलमानों को पूरी भागीदारी होनी चाहिए। अपने बच्चों को अच्छी तालीम दें, नई तकनीकी से जोड़ें, मोहब्बत का पैगाम दें और वतन के मुहाफिज बनें। गौ हत्या और मॉब लीचिंग के संकट से फैल रहे धार्मिक विद्वेष से बचने के लिए उन्होंने शपथ दिलाई।

वक्फ कमेटी के पूर्व चेयरमैन अबु बकर नकवी ने कहा कि केन्द्र सरकार बिना किसी भेदभाव के सबको साथ लेकर सबके विकास के लिए कार्य कर रही है। इसलिए समाज को ऐसे लोगों के बहकावे में नहीं आना है, जो हमें बंधुआ बनाकर रखना चाहते हैं। मंच के महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजक रेशमा हुसैन, क्षेत्रीय संयोजक अय्यूब कायमखानी, मंच के जिला संयोजक वहीद मुल्तानी ने भी सं‍बोधित किया। कार्यक्रम में समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही 30 मुस्लिम महिलाओं को सम्मानित किया गया।

संचालन मंच के प्रदेश सह संयोजक इरशाद अली ने किया।
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Kota 
वक्फ संशोधन बिल पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान, कहा- वक्फ को नहीं बनने देंगे माफियाओं का अड्डा

Kota News: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने वक्फ (संशोधन) बिल 2024 का विरोध करने वालों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आज वक्फ को लेकर गहमा गहमी है. आजादी के बाद वक्फ को लेकर कांग्रेस राज में तीन बार संशोधन हुए हैं.

Kota News: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने वक्फ (संशोधन) बिल 2024 का विरोध करने वालों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आज वक्फ को लेकर गहमा गहमी है. आजादी के बाद वक्फ को लेकर कांग्रेस राज में तीन बार संशोधन हुए हैं. पहला नेहरू, दूसरा नरसिम्हा राव व तीसरा मनमोहन सिंह के समय संशोधन हुआ. उन सब के कारण वक्फ आज वेलफेयर के बजाय माफिया का अड्डा बन गया है. डॉ. इंद्रेश कुमार ने कोटा में कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित किया.

मुसलमानों को झूठ बोलकर भड़का रहे विरोधी

उन्होंने कहा कि आज विरोधी झूठ बोलकर भड़का रहे हैं कि सरकार सम्पत्तियों, कब्रिस्तानों की जमीनों पर कब्जा कर लेगी. जबकि आज का अधिनियम पारदर्शिता के लिए है. ताकि वक्फ की संपत्ति व इनकम पारदर्शी होकर सामने आ सकें. दूसरा वक्फ बोर्ड के एक तरफा फैसले के कारण जिन मुसलमानों शोषण हो रहा था, उससे उनका बचाव हो, जो माफिया द्वारा सम्पत्ति हड़पी गई है, वो लूटमार बंध हो.

वक्फ के लिए अलग से व्यवस्था क्यों? 
उन्होंने कहा कि जब सभी धर्मों के धार्मिक सम्पत्ति केस कानून में निपटते हैं तो वक्फ के लिए अलग से व्यवस्था क्यों? यह व्यवस्था खड़ी की गई है, इस पर बंधन क्यू. क्योंकि उसका फैसला खुदा से भी बड़ा है. एक तरह ये खुदा विरोधी व इस्लाम विरोधी व्यवस्था है. इसलिए सब लोगों की डिमांड है कहीं ना कहीं उनके फैसले के आगे कोर्ट के फैसले के लिए रास्ता खोलने चाहिए. ऐसा अधिनियम जो पारदर्शी हो, जिसमें संपत्ति का विवरण, आय का विवरण हो. वेलफेयर वाला हो.

मुसलमानों की हिफाजत के लिए लाया गया बिल 
उन्होंने आगे कहा कि माफियाओं और शोषण से आम मुसलमान की हिफाजत के लिए यह बिल लाया गया है. वक्फ बोर्ड वेलफेयर का सिंबल बने ना कि माफियाओं का अड्डा. इस बिल को लेकर जेपीसी के पास सुझाव आएंगे, उन पर विचार होगा. हो सकता है सुझाव की प्रक्रिया और बड़ी चले. ये आने वाला कल ही बताएगा. जनता क्या कह रही है, जनता ने विरोध ऑर्गेनाइज किया या सेल्फ होकर समर्थन किया. पर एक आवाज तो पक्की है वक्फ माफिया के प्रति सभी मुसलमान में बहुत भारी नाराजगी है.

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