इजराईल का तांडवनृत्य , आत्मरक्षा के लिए आवश्यक मॉडल - अरविन्द सिसोदिया Aatmraksha to Ijraail
इजराईल का तांडव नृत्य , आत्मरक्षा के लिए आवश्यक मॉडल - अरविन्द सिसोदिया
इजराईल इस समय कई राष्ट्रों से एक साथ युद्ध कर रहा है । इन देशों के आतंकवादी अड्डों पर हमला कर रहा है ।
एक तयसुदा तथ्य है कि ईसाइयत 2000 साल पहले से है, जबकि इश्लाम 1400 वर्षो से ! इनमें झगड़ा तो होना ही नही चाहिए, मगर है ।
इस समय यहूदियों के पास एकमात्र सबसे बेकार जगह थी वह है इजराईल , उन्होंने अपने बलबूते से उसे समृद्ध किया है । किंतु उसके पड़ोसी चार पांच देश उसे लगातार परेशान कई दशकों से कर रहे हैं ।
एक ऐसा देश जो अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत है , जिसका सब कुछ छीना जा चुका है जो हजारों वर्षों से भटक रहे हों । उन्हें भी जीने नहीं दिया जा रहा है , यह दुर्भाग्यपूर्ण अमानवीयता है ।
भारतीय संस्कृति में सभी देवी देवता विजेता ही हैं । इजराईल नें अपने अस्तित्व की रक्षा का मार्ग यही चुना है इसीलिए वह जीवित है ।
वर्तमान संघर्ष इजराईल पर थोपा गया है , कुछ देश दोहरा चरित्र जीते हैं , अपनी ही फ़ौज के कुछ अंश को परोक्ष आतंकवादी कहती है और उनका उपयोग अपने हितों में करती है । ऐसा पाकिस्तान भी करता है और कई इस्लामिक देशों ने भी किया हुआ है जो कि अनुचित है ।
कुल मिला कर आने वाले समय भारत की रक्षा इजराईल स्टाइल की रक्षा पद्धति ही करेगी । देश को इस और बढ़ना होगा। भारत को सबसे ज्यादा खतरा देश में ही पल रहे राष्ट्रविरोधी ताकतों से है । इसलिए वर्तमान सरकार पर यह जिम्मरवारी आती है कि संविधान और लोकतंत्र से कहीं अधिक राष्ट्ररक्षा पर ध्यान फोकस करे ।
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