सरकारें बुजुर्गों की असली बेटा बनें - अरविन्द सिसौदिया



दिनांक 21 - 10- 2024

स्थान  -कोटा, राजस्थान

 

माननीय प्रधानमंत्री महोदय 

भारत सरकार , नई दिल्ली

 

 

विषय -   1- वरिष्ठ नागरिकों की समस्या और समाधान

संदर्भ - अब सरकारों व शासन व्यवस्था का बुजुर्गों के असली बेटें बननें का समय आ गया है।

 

आदरणीय,

मार्च 2015 में लोकसभा के एक लिखित उत्तर में यह सामनें आया था कि बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि होनें के साथ साथ समस्याओं में भी वृद्धि हो रही है। अब दस वर्षों में इनमें पांच सात गुणा अधिक वृद्धि हो गई है। बुजुर्गों की सबसे बडी समस्या यह है कि उन्हे तकलीफ वही लोग दे रहे हैं जिनके साथ वे रहते है। इसलिये वे सरकार के समक्ष नहीं पाते है। इन परिस्थितियों में उनकी समस्याओं पर नजर रखने के कर्त्तव्य सरकारें निभायें अब सरकारों शासन व्यवस्था का बुजुर्गों के असली बेटें बननें का समय गया है।

 

तब हेल्प एज इंडिया ने भारत के 12 शहरों में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार पर एक शोध किया था, जिसमें प्रत्येक शहर में 100 बुजुर्गों का नमूना लिया गया। हेल्प एज इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार शहरों में मौखिक दुर्व्यवहार, अनादर और उपेक्षा बुजुर्गों द्वारा सामना किए जाने वाले दुर्व्यवहार के प्रमुख प्रकार थे। इसके अलावा, बुजुर्गों को वित्तीय सहायता, चिकित्सा सहायता और समान रूप से भावनात्मक समर्थन की आवश्यकता है।

 

घरेलू हिंसा और वृद्धों की उपेक्षा की घटनाओं से चिंतित होकर सरकार ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 को अधिनियमित किया था, जो बच्चों/रिश्तेदारों द्वारा माता-पिता/वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण को न्यायाधिकरणों के माध्यम से अनिवार्य और न्यायोचित बनाता है; बच्चों/रिश्तेदारों द्वारा उपेक्षा के मामले में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा संपत्ति के हस्तांतरण को रद्द करने का प्रावधान करता है; वरिष्ठ नागरिकों को त्यागने के लिए दंडात्मक प्रावधान करता है; वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करता है; और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा करता है।

 

गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों को दिनांक 27.3.2008 और 30.8.2013 को दो विस्तृत परामर्श जारी किए हैं, जिनमें उन्हें सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा वृद्ध व्यक्तियों के विरुद्ध सभी प्रकार की उपेक्षा, दुर्व्यवहार और हिंसा को समाप्त करने के लिए तत्काल उपाय करने की सलाह दी गई है, जैसे कि वरिष्ठ नागरिकों की पहचान; वृद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा के संबंध में पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाना; पुलिस बल का नियमित दौरा; निःशुल्क वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन की स्थापना; वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना; घरेलू सहायकों, ड्राइवरों आदि का सत्यापन।

 

अर्थात वर्तमान परिस्थितियों में तकनीकी बदलाव की परिस्थितीयों में वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक दशा, समस्याओं समाधानों पर व्यापक अध्ययन और उनकी सुरक्षा संरक्षण के वास्ते विस्तृत दिशा निर्देश राज्य सरकारों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों की शासन व्यवस्था पर जारी करवायें जानें का आग्रह है।

 

 

 वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं और समाधानों पर चर्चा करना बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में वृद्धि हो रही है, और उनकी देखभाल और समर्थन के लिए कई चुनौतियाँ हैं ¹.

 

*वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएं:*

 

- _आर्थिक सुरक्षा_: वरिष्ठ नागरिकों को अक्सर आर्थिक सुरक्षा की कमी का सामना करना पड़ता है, खासकर यदि वे काम नहीं कर पाते हैं।

- _स्वास्थ्य देखभाल_: वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, और उनके लिए उचित स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।

- _सामाजिक अलगाव_: वरिष्ठ नागरिकों को अक्सर सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ता है, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है.

 

*वरिष्ठ नागरिकों के लिए समाधान:*

 

- _वृद्धावस्था पेंशन_: सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जा सके।

- _स्वास्थ्य बीमा_: वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाएं उपलब्ध हैं जो उनके स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम कर सकती हैं।

- _सामाजिक समर्थन_: वरिष्ठ नागरिकों के लिए सामाजिक समर्थन समूह और संगठन हैं जो उनकी सामाजिक और मानसिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.

 

इन समस्याओं और समाधानों पर ध्यान देने से हम वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं और उन्हें सम्मान और समर्थन प्रदान कर सकते हैं।

 

वरिष्ठ नागरिकों के दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:

 

1. दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन: वरिष्ठ नागरिकों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को डिजिटल रूप में संग्रहीत किया जा सकता है, जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि.

2. सुरक्षित भंडारण: वरिष्ठ नागरिकों के दस्तावेजों को सुरक्षित स्थान पर रखा जाना चाहिए, जैसे कि तिजोरी या लॉकर.

3. नामित व्यक्तिः वरिष्ठ नागरिक अपने दस्तावेजों की देखभाल के लिए एक नामित व्यक्ति को नियुक्त कर सकते हैं. या दो संयुक्त व्यक्ति भी नियुक्त कर सकें इस तरह की व्यवस्था बनाई जावे। अथवा वे अपना विधि प्रतिनिधि के रूप में वकील को भी नियुक्त कर सकें इस तरह की व्यवस्था बनाई जावे।

4. दस्तावेजों की जांच: नियमित रूप से वरिष्ठ नागरिकों के दस्तावेजों की जांच की जानी चाहिए ताकि उनमें कोई बदलाव या अपडेट हो.

5. सरकारी योजनाएं: सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है, जैसे कि डिजिटल लॉकर आदि.

6. विशेषज्ञ सलाह: वरिष्ठ नागरिकों को अपने दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए.

इन व्यवस्थाओं को अपनाकर वरिष्ठ नागरिकों के दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

 

परिजनों की गुंडागर्दी से वरिष्ठजन को बचाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

 

1. सामाजिक समर्थन: वरिष्ठजन को सामाजिक समर्थन प्रदान करें, जैसे कि परिवार के अन्य सदस्यों से बातचीत, दोस्तों से मिलना आदि.

2. कानूनी सलाह: वरिष्ठजन को कानूनी सलाह लेने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे कि वकील से परामर्श लेना.

3. सुरक्षा उपाय: वरिष्ठजन के घर में सुरक्षा उपाय करने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे कि सीसीटीवी कैमरा लगाना.

4. परामर्श: वरिष्ठजन को परामर्श लेने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे कि मनोवैज्ञानिक से बातचीत.

5. स्थानीय प्रशासन: स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें और उनकी मदद लें.

6. हेल्पलाइन नंबर: वरिष्ठजन को हेल्पलाइन नंबर दें, जैसे कि 1090, 100 आदि.

7. सामाजिक संगठनों से मदद लें: सामाजिक संगठनों से मदद लें, जैसे कि वरिष्ठ नागरिक संगठन.

इन कदमों को उठाकर परिजनों की गुंडागर्दी से वरिष्ठजन को बचाया जा सकता है।

 

 

 

वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई वैज्ञानिक उपाय अपनाए जा सकते हैं:-

1. स्मार्ट होम सिस्टम: वरिष्ठ नागरिकों के घरों में स्मार्ट होम सिस्टम लगाए जा सकते हैं, जो उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं।

2. व्यक्तिगत अलार्म सिस्टम: वरिष्ठ नागरिकों को व्यक्तिगत अलार्म सिस्टम दिए जा सकते हैं, जो उन्हें आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए अलार्म भेजने की अनुमति देते हैं।

3. मेडिकल अलार्म सिस्टम: वरिष्ठ नागरिकों को मेडिकल अलार्म सिस्टम दिए जा सकते हैं, जो उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं और आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए अलार्म भेज सकते हैं।

4. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम: वरिष्ठ नागरिकों को जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम दिए जा सकते हैं, जो उनकी स्थिति की निगरानी कर सकते हैं और उन्हें खो जाने से बचा सकते हैं।

5. सोशल रोबोट: वरिष्ठ नागरिकों को सोशल रोबोट दिए जा सकते हैं, जो उनके साथ बातचीत कर सकते हैं और उन्हें अकेलेपन से बचा सकते हैं।

6. हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम: वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम दिए जा सकते हैं, जो उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं और आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए अलार्म भेज सकते हैं।

7. सुरक्षा कैमरे: वरिष्ठ नागरिकों के घरों में सुरक्षा कैमरे लगाए जा सकते हैं, जो उनकी सुरक्षा की निगरानी कर सकते हैं।

8. आपातकालीन बटन: वरिष्ठ नागरिकों को आपातकालीन बटन दिए जा सकते हैं, जो उन्हें आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए अलार्म भेजने की अनुमति देते हैं।

 

इन वैज्ञानिक उपायों को अपनाकर वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा में सुधार किया जा सकता है।

 

अतः आपसे आग्रह है कि उपरोक्त संदर्भ में केंद्र सरकार स्तर एवं राज्यों की सरकार को स्पष्ट नियमावली बनाये जानें के निर्देश प्रदान करनें का श्रम करें सादर

                            भवदीय

 

                           अरविन्द सिसोदिया

प्रति , कार्यवाही हेतु ,

1- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री महोदय,

भारत सरकार , नई दिल्ली

2- केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री महोदय

भारत सरकार , नई दिल्ली

3- केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्री महोदय,

भारत सरकार , नई दिल्ली।

3- मुख्यमंत्री महोदय ,

राजस्थान सरकार , जयपुर

4- मुख्यमंत्री महोदय ,

मध्यप्रदेश सरकार , भोपाल

-------------------------

दिनांक - 27-10-2024

स्थान - कोटा , राजस्थान।

 

आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय 

भारत सरकार , नई दिल्ली

 

विषय - बुजुर्गों की संपत्तियों और सम्मान की सुरक्षा को लेकर प्रभावशाली कानून व्यवस्था निर्माण किये जानें के संदर्भ में  

 

मान्यवर

 

रामराज्य में एक अन्याय से पीड़ित महिला राजा राम जी के महल पहुंची किन्तु उसे न्याय नहीं दिया जा सका , इस घटनाक्रम को बहुत ही गंभीरता से रामजी नें लिया , गुप्तचर और स्वयं सच्चाई जानीं अर्थात किसी भी शासन में अपराध की अन्याय की रोकथाम और अन्यायकर्ता को कठोर दंड देने प्रथम और सर्वोच्च राजधर्म है राजस्थान में 10-10-2024 को नागौर में सामने आई एक घटना जिसकी 11-10-2024 कटिंग संलग्न है , ने बड़ा प्रश्न उपस्थित किया है

 

ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली, जनसंख्या विस्फोट  और बदलते परिवेश में सबसे ज्यादा संकट बुजुर्ग पीढ़ी के सामने खड़ा हो गया है बेटे एक ग्लास पानी तो कभी पिलाते नहीं हैं ,मगर बुजुर्गों के जीते जी संपत्ति हड़पने में सभी मान मर्यादाएं भूल जाते हैं यह पूरे देश में ही हो रहा है   

 

सन्तानों का दुर्व्यवहार इतना बड़ गया  कि कोई वृद्धाश्रम में छोड़ रहा है , तो कोई कहीं भी छोड़ कर गायब हो रहा है इलाज करवाते , दवाईयां दिलाते , अब मारपीट और जलील करनें की घटनाएं भी बहुत अधिक हो गईं है परिवार की मानमर्यादा के चलतेबुजुर्ग बात थानें कचहरी  नहीं आते , गवाही के झंझट में कोई पड़ता नहीं , सबूत मिलते नहीं , कोई दूसरा व्यक्ति परिवार के अंदरूनी मसले में साथ देता नहीं। इसलिए सरकार को आगे होकर खुद अब बेटा बनना होगा और कुछ इस तरह की व्यवस्थाएं करनीं होंगी की बुजुर्गों का सम्मान भी बचे और संपत्ति भी बचे

 

सबसे बड़ी बात बुजुर्गों के मान  सम्मान और सुरक्षा की है इस हेतु संवेदनशील व्यवस्था निर्माण और बड़ी सजा की जरूरत है जैसे कि -  1- गुप्त टोलफ्री नंबर पर कॉल करने आसपास के बुजुर्गों से हो रहे दुर्व्यवहार की सूचना देना  

 

2- स्थानीयस्तर पर चौकीदार , जमादार , पंच, सरपंच और पार्षद आदि यह निरन्तर देखें कि 60 प्लस के लोग किस किस घर में हैं उनसे प्रतिमाह मिलें अलग से बात करें समस्याएं जानें

 

3- 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के किसी भी प्रकार के चल अचल संपत्ति, बहुमूल्य वस्तुओं  हस्तांतरण में बुजुर्ग की सहमति जांचने के बाद ही हस्तांतरण स्वीकार किया जावे   ऑनलाइन सुविधाओं से बुजुर्गों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा , उन पर दबाब डालना और आसान हो जाएगा, इसलिए इसमें भी संसोधन जरूरी है इस हेतु तहसीलदार , उपखंड अधिकारी और जिला कलक्टर्स को हस्तांतरण अस्वीकृत करने के अधिकार प्रदान किये जावें ताकी छीना झपटी बचे

 

4- किसी भी बुजुर्ग की शिकायत पर तहसीलदार / उपखण्ड अधिकारी /जिला कलेक्टर आदि को 6 माह तक की सजा देने के प्रावधान हों कष्ट देनें वाली सन्तान को जिला बदर करने जैसा कठोर कानून हो

 

5- यदि किसी बुजुर्ग को सन्तान की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या करना पड़े  तो उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो किसी बुंउर्ग को घर छोड़ना पड़े तो उसके खिलाफ 7 साल के कारावास जैसे दंड के प्रावधान हों

 

अर्थात बुजुर्गों की सारसंभाल और उनके सम्मान के प्रति सरकार को संवेदनशील कानूनी प्रावधान बनानें चाहिए। सादर !  

 

                          भवदीय

 

                           अरविन्द सिसोदिया

                            भाजपा कोटा संभाग संयोजक

                           भाजपा , राजस्थान

                                                  बेकरी के सामने , राधाकृष्ण मन्दिर रोड़,

                           डडवाड, कोटा जंक्शन। पिन - 324002

                           मोबाइल - 9414180151

 

प्रति, कार्यवाही हेतु -

 

आदरणीय केंद्रीय गृह मंत्री महोदय 

भारत सरकार , नई दिल्ली

 

आदरणीय केंद्रीय विधि एवँ कानून मंत्री 

भारत सरकार , नई दिल्ली

 

आदरणीय मुख्यमंत्री महोदय 

राजस्थान सरकार, जयपुर

 

आदरणीय मुख्यमंत्री महोदय 

मध्यप्रदेश सरकार , भोपाल

----------------------

दिनांक - 27 अक्टूबर 2024

स्थान - कोटा , राजस्थान।

 

माननीय प्रधानमंत्री जी

भारत सरकार ,नई दिल्ली

 

 

विषय - वरिष्ठजन की चल-अचल संपत्ति की , परिजनों की जबरिया छीना झपटी से सुरक्षा हेतु हस्ताक्षरों की पुनःपुष्ठी का कानून बनाये जाने के संदर्भ में

 

मान्यवर

उपरोक्त सन्दर्भ में लेख है कि वर्तमान समय में कमजोर कानून व्यवस्था, भयंकरतम भ्रष्टाचार और परिवारों में विकृत सोच के बढ़ते प्रभाव में बुजर्गों के मान सम्मान और सुरक्षा के लिए बहुआयामी खतरे , अपने ही परिजनों से उतपन्न हो गए हैं यह विषय अत्यंत गंभीर और त्वरित कार्यवाही हेतु अग्रेसित है

 

आज सबसे ज्यादा असुरक्षित स्थिति, बुजुर्गों की हो गई है जीवन के अंतिम समय में बुजुर्गों का समूह भयंकर यन्त्रणा को भोगते हुए मृत्यु को प्राप्त होता है जोकि एक अभिशाप से कम नहीं है

 

बुजुर्गों से , उन पर जबरिया दबाव बना कर हस्ताक्षर करवा लेना, धोके से हस्ताक्षर प्राप्त कर लेना, जबरिया  सहमति प्राप्त कर लेना, एक आम समस्या  ही गया इसके साथ ही झूठे मुकदमों के द्वारा समय नष्ट कर , बुजुर्गों को वाजिब हकों से भी बंचित किया जाता है इसलिये देश के बुजुर्गों की सुरक्षा पर व्यापक , बहुआयामी और प्रभावशाली कार्य सुरक्षातंत्र खड़ा किया जाना सुनिश्चित करें

 

1- 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजन केद्वारा किसी भी तरह के संपत्ति हस्तांतरण और बड़ी राशि के हस्तांतरण पर हस्ताक्षर की रिचेकिंग व्यवस्था अनिवार्य करवाई जावे और इस हेतु प्रभावशाली  सक्षम अधिकारीगण नियुक्त किये जावें , इनके साथ वरिष्ठजन टोली के सदस्य भी संयुक्त किये जावें

 

2- 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजन की किसी भी प्रकार की चल अचल संपत्ति और बहुमूल्य वस्तुओं के हस्तांतरण पर सक्षम अधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर या उपखण्ड अधिकारी की पूर्व अनुमति आवश्यक की जाए ताकि क्लेश उतपन्न कर वरिष्ठजनों की संपत्ति हड़पी जा सके

 

3- बैंकिंग क्षेत्र में भी वरिष्ठजन विषयक लेन देन को निरापद बनाये जाने हेतु , वरिष्ठजन का संरक्षण करने वाले कानून तथा पाबन्दियां लगाई जाएं ओटीपी व्यवस्था आधारित लेन - देन के द्वारा भी हड़पा होती है , जिसे रोकना आवश्यक है

 

4- अदालतों और सेमी अदालतों में भी बुजुर्गों से जुड़े मसलों और मुकदमों में अतिरिक्त संवेदनशीलता और सावधानी सहित बुजुर्गों के हित चिंतन के संरक्षण कानून बनाये जाएं

 

अतः आपसे आग्रह है कि उपरोक्त क्रम में प्रभावी कार्यवाही करवाये जानें का श्रम करें सादर

 

 

                                    भवदीय

 

                           अरविन्द सिसोदिया

                            भाजपा कोटा संभाग संयोजक

                           भाजपा , राजस्थान

                                                  बेकरी के सामने , राधाकृष्ण मन्दिर रोड़,

                           डडवाड, कोटा जंक्शन। पिन - 324002

                           मोबाइल - 9414180151

 

 

प्रति प्रभावी कार्यवाही हेतु

 

1- माननीय गृह मंत्री महोदय 

भारत  सरकार , नई दिल्ली

 

2- माननीय वित्त मंत्री महोदया

भारत सरकार , नई दिल्ली

 

3- माननीय विधि एवं कानून मंत्री महोदय

भारत सरकार , नई दिल्ली

 

4- माननीय मुख्यमंत्री महोदय 

राजस्थान सरकार , जयपुर

 

5- माननीय मुख्यमंत्री महोदय 

मध्यप्रदेश सरकार , भोपाल

 

 

  


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