हिन्दुत्व विघटित करने के षडयंत्र की स्वछंदता क्यों - अरविन्द सिसौदिया

 हिन्दुत्व को विघटित करने के षडयंत्र की स्वछंदता क्यों - अरविन्द सिसौदिया

Why is there so much freedom in the conspiracy to disintegrate Hinduism - Arvind Sisodia




हिन्दुत्व विघटित करने के षडयंत्र की स्वछंदता क्यों - अरविन्द सिसौदिया


भारत में हिन्दू विभाजन का एजेण्डा ब्रिटिश सरकार का था ताकि उनका साम्राज्य बना रहे । भारत में सबसे पहले रिजर्वेशन भी ब्रिटिश सरकार  ही लाई थी। हिन्दू मुस्लिम को आपस में लडानें उन्हे अलग अलग चुनाव क्षैत्र के द्वारा विभाजित करनें का काम भी ब्रिटिश सरकार नें ही किया था और जब भारत छोडनें की अनिवार्यता विश्वस्ता पर हुये निर्णय के कारण हुई तो , भारत विभाजन ाक निर्णय भी ब्रिटिश सरकार का था और उन्हेने जानें पहले यह सुनिश्चित किया कि ईसाई मिशनरियों को भारत में स्वतंत्रतापूर्वक अपने धर्मान्तरण अभियान को जारी रखनें की स्वतंत्रता हो , इसके लिये भारत के संविधान के निर्माण पर भी ब्रिटिश सरकार ने ंपूरी तरह पकड रखी और बांछित अनुच्छेद उसमें रखवाये। 


आज भी वही विभाजन देश में कार्य कर रहा है और उनका सपोर्ट संविधान में दर्ज अनुच्छेद कर रहे हैं। उनका सपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय से भी होता है। यह ब्रिटिश सरकार  की स्वतं़त्रता के बाद भी भारत में बनी रही ताकत थी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सरकार में आनें के बाद कुछ बाधा पहुंची मानी जा सकती है। अर्थात 2014 तक का भारत ब्रिटिश सरकार के तयसुदा एजंण्डे पर चल रहा था। 


इसी कारण 2019 से भारत में हिन्दूओं के विभाजन की षडयंत्र तेज हुआ और अब चरम पर है। जाती जनगणना, तमाम बहसें , मीडिया रिपोर्टस सभी को हिन्दू विभाजन के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है जिसका अंतिम उदेश्य भारत को मुस्लिमों के सहयोग से इसाईयत में कन्वर्ट करना है। कांग्रेस इा राह पर चल रही है। वह बडे साहसित तरीके से हिन्दू विभाजन को तत्पर है, जिसका विरोध अत्यंत धीमा है। जिससे देश को खतारा बड गया है।


इसलिये भारत को अपनी एकता अखण्डता और स्वत्व को बचानें के लिये इप ताकों को पूरी तरह पराजित करना ही होगा। मुसलमानों में भी 72 फिरके बताये जाते है। किन्तु भारत का मीडिया औश्र भारत की पोलटिक्स कभी भी उस तरफ दहीं देखता है। उन्हे सबसे आसान हिन्दू लगता जिसे सभी तरफ से निरंतर काटा जाता रहता है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को इस तरह की साम्प्रदायिकता पर तुष्टीकरण पर दृडता से रो क लगानी होगी। 


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Why is there so much freedom in the conspiracy to disintegrate Hinduism - Arvind Sisodia


The agenda of Hindu division in India was of the British government so that their empire could remain intact. The British government was the first to bring reservation in India. The work of making Hindus and Muslims fight among themselves and dividing them through separate constituencies was also done by the British government and when the necessity of leaving India arose due to the decision taken on trust, the decision to divide India was also of the British government and they first ensured that Christian missionaries have the freedom to continue their conversion campaign in India freely, for this the British government also had complete control over the making of the Constitution of India and got the desired articles included in it.


Even today the same division is working in the country and the articles mentioned in the Constitution are supporting them. They are also supported by the Supreme Court. This was the power of the British government which remained in India even after independence. In which some hindrance can be considered after Prime Minister Narendra Modi came to power. That is, till 2014, India was running on the agenda set by the British government.


For this reason, the conspiracy to divide Hindus in India has intensified since 2019 and is now at its peak. Caste census, all debates, media reports, all are being encouraged to divide Hindus, whose ultimate aim is to convert India to Christianity with the help of Muslims. Congress is walking on this path. It is ready to divide Hindus in a very courageous manner, the opposition to which is very slow. Due to which the danger to the country has increased.


Therefore, to save its unity, integrity and identity, India will have to completely defeat these evil forces. There are also 72 sects among Muslims. But the media of India and the politics of India always look in that direction. They find Hindus to be the easiest, who are constantly being cut from all sides. The Central Government and State Governments will have to firmly stop this type of communal appeasement.


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