यूपी में कांग्रेस ने अपने आपको विड्रा कर खुद की इज्जत बचाई - अरविन्द सिसोदिया

यूपी में कांग्रेस ने अपने आपको विड्रा कर खुद की इज्जत बचाई - अरविन्द सिसोदिया

कांग्रेस नें यूपी से अपने आपको विड्रा करके अपनी ही इज्जत बचाई है क्योंकि कि यूपी में कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है । विधानसभा 2012 में यूपी में कांग्रेस की 28 सीटें थीं किन्तु वे 2017 में मात्र 7 रह गईं और 2022 में तो मात्र 2 सीट ही रह गईं थीं । इसलिए उनका उपचुनाव नहीं लड़ना खुद की इज्जत बचाना ही है ।

क्योंकि लोकसभा चुनावों में भी 2014 में मात्र 2 सीटें कांग्रेस पर थीं और 2019 में मात्र 1 सीट उन पर थी । 2024 में  विपक्ष के संयुक्त गठबन्धन के बावजूद वह मात्र 6 सीटें ही जीत पाई है । 

हाल ही में वह हरियाणा में विधानसभा चुनाव लगातार तीसरीबार हरि बल्कि जम्मू और कश्मीर में गठबन्धन के बावजूद कांग्रेस की सीटें हाफ हो गईं । पहले 12 सीटें थीं अब 6 पर सिमट गईं ।

इस तरह कांग्रेस स्वयं अपना बजूद खो चुकी है , वह किसी दूसरी पार्टी के सहारे ही जीत पाती है ।

यूपी चूंकि कांग्रेस का गृह प्रदेश है और उसमें उसका अस्तित्व रहना चाहिए था , किन्तु राम विरोध के चलते यूपी नें कांग्रेस का बिस्तर गोल कर दिया ।

रामविरोध के चलते 1993 में 28, 1996 में  33, 2002 में 25, 2007 में 22 , 2012 में 28, 2017 में 7 और 2019 में सिर्फ 2 विधायक कांग्रेस जीता पाई । जबकि उनके करीब करीब 11 मुख्यमंत्री यूपी मरण हुए । वहीं जवाहरलाल नेहरू , लालबहादुर शास्त्री , इंदिरा गांधी और राजीव गांधी यूपी से ही प्रधानमंत्री बने । इसके बाद भी कांग्रेस के पतन का दूसरा बड़ा कारण नेहरूजी के वर्तमान वंशज ईसाई होना और हिन्दू विरोधी होना भी है ।

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