महाराष्ट्र में मुस्लिम राजनीति का उबाल, क्या परेशानी खडी कर सकता है


 

महाराष्ट्र में मुस्लिम राजनीति का उबाल, क्या परेशानी खडी कर सकता है 


हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की पराजय से पूरे देश में कांग्रेस के विरूद्ध दबाव की राजनीति प्रारम्भ हो गई है वहीं भाजपा गठबंधन में बने हुये अजीत पंवार नें गठबंधन की विचारधारा के विरूद्ध जाकर 10 प्रतिशत सीटें मुस्लिम समाज को देनं की घोषणा करदी है। भारत में सबसे अविश्वसनीय राजनेताओं में प्रथम क्रम पर नितिश कुमार हैं तो द्वितीय क्रम पर अजीत पंवार हैं। अजीत नें अपने 10 प्रतिशत िस्लिम सीट की मांग करके संभवतः कांग्रेस खेमें में जानें का रास्ता खुला रखा है। क्यों कि वे बहुत अधिक महत्वाकांक्षी है।


वहीं कांग्रेस के दो मुस्लिम नेताओं नें भी ताल ठोक दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुसैन दलवई नें मुसलमानों के लिए 24 सीटों की मांग की है। तो कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री असलम शेख ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महा विकास अघाड़ी गठबंधन से विधानसभा में 20 फीसदी सीटें मुस्लिम उम्मीदवारों को देने और उपमुख्यमंत्री पद पर एक मुस्लिम विधायक को मौका देने की मांग की है ।


महाराष्ट्र ने लगभग 12 प्रतिशत मुस्लिम वोट हैं, 1980 में ए आर अंतुले के रूप में एक मात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री महाराष्ट्र रह भी चुके हैं, लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों की बदौलत महाविकास अघाड़ी को राज्य में भारी सफलता मिली। लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 में से 17 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था। इसको लेकर राज्य के मुस्लिम समुदाय में नाराजगी भी दिखी थी। संभवतः यही कारण है कि मुस्लिम नेतागण अभी से कांग्रेस को चेता रहे हैं। क्यों कि महाराष्ट्र में मुस्लिम मतदाताओं के सामनें शरद पंवार की पार्टी विकल्प के रूप में है। 


मुस्लिम सीटों को लेकर उठ रहे उबाल से अजीत भाजपा को और कांग्रस के मुस्लिम नेता शिवसेना उद्धव गुट को परेशानी तो खडी कर ही रहे हैं।

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