संकल्प स्वदेशी अपनाने का, इसी से सिद्ध होगी, भारत की अमरता - अरविन्द सिसोदिया

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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी नें एक बार फिर से स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देनें और उन्हें सर्वोच्चता से अपनानेँ का आग्रह किया है। इसे देशवासियों को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि विश्व में जो वर्तमान परिस्थितियां बन रही हैँ वे बहुत जटिल हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ़ बार का जो पागलपन सामने आरहा है,वह परमाणु युद्ध से भी अधिक खतरनाक है। हम स्वदेशी उत्पादनों में जितने सक्षम होंगे, जितने आत्मनिर्भर होंगे उतने ही मज़बूत होंगे। इसलिए स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का संकल्प प्रत्येक व्यक्ति को लेना चाहिए। मोदीजी का यह संकल्प भारत की अमरता के लिए अमृत के समान है।
विचार - संकल्प स्वदेशी अपनाने का, इसी से सिद्ध होगी, भारत की अमरता 

व्याख्या - यह एक प्रेरणादायक विचार है ! स्वदेशी अपनाने से न केवल हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और विरासत को भी संरक्षित करने में मदद करता है। स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को अपनाकर, हम न केवल अपने देश के विकास में योगदान करते हैं, बल्कि हमारी आत्मनिर्भरता भी बढ़ती है।

स्वदेशी अपनाने के कई फायदे हो सकते हैं, जैसे कि:-

-आर्थिक विकास -  स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को अपनाने से हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है और हमारे देश के विकास में योगदान होता है।

- सांस्कृतिक संरक्षण - स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को अपनाने से हमारी संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने में मदद मिलती है।

- आत्मनिर्भरता - स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं को अपनाने से हमारी आत्मनिर्भरता बढ़ती है और हम विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम कर सकते हैं।

आपका संकल्प स्वदेशी अपनाने का एक अच्छा कदम है और इससे भारत की अमरता को सिद्ध करने में मदद मिल सकती है!
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 Arvind Sisodia - 9414180151 

- नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में भारत में कई प्रमुख बदलाव आए हैं। उनके कार्यकाल में कुछ महत्वपूर्ण पहल और उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:-

- आर्थिक विकास -
    - भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि हुई है।
    - विभिन्न आर्थिक सुधारों के माध्यम से व्यवसाय को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

- स्वास्थ्य और बीमा-
    1- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई):
 यह योजना गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के लिए शुरू की गई है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में मदद मिल सके।

  2 - प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना: 
यह एक जीवन बीमा योजना है जो गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ती दरों पर जीवन बीमा प्रदान करती है।

- विकास और बुनियादी ढांचे -
    1- स्वच्छ भारत अभियान-  यह अभियान देश भर में स्वच्छता और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।
    2- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और सुधार किया जा रहा है।

- *शिक्षा और कौशल विकास*:
    1- स्किल इंडिया मिशन- इस मिशन का उद्देश्य युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है।
    2- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ-  यह अभियान लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।

- *ऊर्जा और पर्यावरण*:
    1- उज्ज्वला योजना -  इस योजना के तहत गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे वे स्वच्छ ईंधन का उपयोग कर सकें।
    2- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन- यह एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
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इतिहास....

1- आज़ादी के बाद भी स्वदेशी आंदोलन प्रासंगिक बना रहा। स्वदेशी की अवधारणा दूर की बजाय पास की चीज़ों को प्राथमिकता देने के बारे में है। स्वदेशी का मूल है परिवार, फिर समाज, राष्ट्र और अंततः विश्व - "वसुधैव कुटुम्बकम" (विश्व एक परिवार है)।

2- आरएसएस ने 1991 में 'स्वदेशी जागरण मंच' की स्थापना की।

स्वदेशी आंदोलन एक ऐसा आंदोलन है जिसका समर्थन प्रत्येक भारतीय को करना चाहिए, क्योंकि यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की जिम्मेदारी है।]यह आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है।स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने से "मेड इन इंडिया" का संदेश मजबूत होता है। पतंजलि, टाटा और रिलायंस जैसी कंपनियां इस कार्य में योगदान दे रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार नागरिकों से स्वदेशी को बढ़ावा देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, "2020 में वोकल फॉर लोकल हमारा मंत्र होना चाहिए। हमें अपने देश में बने उत्पादों को अपनाना चाहिए क्योंकि यह आत्मनिर्भर भारत की नींव है।"

स्वदेशी आंदोलन सिर्फ खरीदारी का निर्णय नहीं है बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक कदम है। इससे विदेशी आयात पर निर्भरता कम होती है और स्थानीय कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलता है।

"अमृत भारत स्टेशन योजना" रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, यात्री सुविधाओं को बढ़ाने और स्थानीय कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य स्टेशनों को शहर के केन्द्रों में बदलना है, जो शहरों की विरासत को प्रतिबिंबित करेंगे। इस योजना में "एक स्टेशन एक उत्पाद" भी शामिल है, जो स्थानीय हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थों की बिक्री को बढ़ावा देता है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है और स्थानीय कारीगरों के कौशल को मान्यता देता है।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भरता के महत्व और "अमृत काल" के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वास्तव में "आत्मनिर्भर भारत" "आत्मनिर्भर नारी" पर निर्भर करता है।
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प्रधानमंत्री मोदीजी के आह्वान पर, भारत में निर्मित वस्तुओं को अपनानेँ से लाभ और हानि..।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "आत्मनिर्भर भारत" और "मेड इन इंडिया" जैसे अभियानों की शुरुआत करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में स्वदेशी परंपरा को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस अभियान का उद्देश्य केवल स्थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि भारतीय उपभोक्ता अपने देश में निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता दें।

लाभ
1. आर्थिक विकास
भारत निर्मित स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन मिलता है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और आर्थिक विकास की गति तेज हो गई है। जब लोग स्वदेशी उत्पाद खरीदने की मानसिकता के होते हैं, तो इससे घरेलू बाजार में धन की बहुतायत होती है, जिससे उत्पादों और सेवाओं की मांग में वृद्धि होती है।
( स्थानीय उत्पादन का आर्थिक प्रभाव )।

2.आत्मनिर्भरता
इस अभियान का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है। जब देश अपने आवश्यक उत्पादों का स्वयं उत्पादन करने में सक्षम होता है, तो यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता को कम करता है।
 ( वैश्विक अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भरता )।

3. गुणवत्ता सुधार
भारतीय उद्योगपति को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। जब उपभोक्ता स्वदेशी सामानों की मांग करते हैं, तो कंपनी अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए मजबूर हो जाती है।
( भारतीय विनिर्माण में गुणवत्ता में सुधार )।

4. सांस्कृतिक पहचान
स्वदेशी परंपरा से भारतीय संस्कृति और परंपरा का संरक्षण होता है। यह स्थानीय हस्तशिल्प और पारंपरिक शिल्प को जीवित रखने में मदद करता है।
( सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक विकास )।

प्रधानमंत्री मोदीजी के आह्वान पर भारत निर्मित वस्तुओं को अपनानेँ के अभियान से आर्थिक विकास, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा जैसे कई लाभ हैँ । हालाँकि इसके साथ कुछ नुकसान भी जुड़े हुए हैं, जैसे उच्च लागत और गुणवत्ता की कमी। इसलिए यह जरूरी है कि सरकार लागत और गुणवत्ता की दिशा में संतुलन बनाए ।

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