कांग्रेस नें ही संविधान की हत्या कर, आपातकाल रूपी जनअत्याचार किया था - सिसोदिया

कांग्रेस नें ही संविधान की हत्या कर, आपातकाल रूपी जनअत्याचार किया था - सिसोदिया Aapatkal 

कोटा 24 जून। भारतीय जनता पार्टी के मीडिया संपर्क विभाग के प्रदेश सहसंयोजक एवं राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यासी अरविंद सिसोदिया ने कहा है कि " कांग्रेस का संविधान बचाओ अभियान झूठ और भ्रम पर आधारित राजनैतिक नौटंकी मात्र है, जबकि सच यह है कि कांग्रेस ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाकर भारतीय संविधान की हत्या की थी,1 लाख से अधिक निर्दोष देशवासियों को जेलों में डाल दिया था, प्रेस की आजादी का गला घोटा था और 1 करोड़ से अधिक देशवासियों की जबरिया नसबंदी का अत्याचार किया था और करोड़ों आवासीय संरचनाएँ जिनमें घर, दुकान और झुग्गियां पूरे देश में तौड़ी  गईं थीं।"
सिसोदिया ने कहा कि " इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लोकसभा निर्वाचन को गैरकानूनी पाये जाने पर निरस्त कर दिया था। जिससे नाराज होकर उन्होंने न केवल गैरजरूरी आपातकाल लगाया बल्कि निर्दोष विपक्ष को भी रातों रात जेलों में डाल दिया और 18 महीनेँ तक जन अत्याचार किया था । "

सिसोदिया नें कहा कि " निर्दोष नागरिकों को सीधे घर से उठा कर जेलों में डालने के संविधान विरोधी कृत्य के लिए कांग्रेस इतिहास में हमेशा संविधान की हत्यारी होकर अपराधी रहेगी। "

सिसोदिया नें कहा कि " आपातकाल में क्रूरता की सभी हदें पार की गईं, मनमाने अत्याचार किये गये, जिनकी न अपील थी न दलील थी। 18-18 महीनेँ तक निर्दोषों को जेलों में रखा गया। कुछ तो 21 महीनेँ तक जेल में रखे गये थे। उनके परिजनों को प्रताड़ित किया गया, कष्ट दिये गये, विरोध करने वालों को जेलों में डाल दिये गया। पूरे देश को अघोषित गुलाम बनाया गया, भयानकतम मनमानी की गईं।"

सिसोदिया नें कहा कि " प्रेस की आजादी छीननेवाली, प्रेस की बिजली काट देनें वाली, नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लेने वाली कांग्रेस के मुंह से, आज संविधान बचाओ शब्द सिर्फ इसलिए निकल रहा है कि वह नागरिकों को भ्रमित कर " समाप्त होती कांग्रेस" को बचानें की जुगत है। यह छल देश की जनता अच्छी तरह समझ रही है।"
सिसोदिया नें बताया कि कांग्रेस प्रायोजित आपातकाल में जयप्रकाश नारायण,अटल बिहारी वाजपेयी, नानाजी देशमुख, लालकृष्ण आडवाणी, राजमाता विजयाराजे सिंधिया,महारानी गायत्री देवी, मुलायम सिंह यादव , मोरारजी देसाई , चौधरी चरण सिंह , जॉर्ज फर्नांडीस , लालूप्रसाद यादव , नितीश कुमार, अरुण जेटली सहित कांग्रेस के मोहन धारिया और चंद्रशेखर को भी जेलों में डाल दिया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अनेकों सामाजिक संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। संघ के तृतीय सरसंघचालक रहे श्रद्धेय बालासाहेब देवरस को आपातकाल मे जेल मे निरुद्ध रखा गया था। संघ के निर्दोष प्रचारकों को जेलों में डाल दिया था।"

सिसोदिया नें बताया कि आपातकाल के दौरान सबसे ज्यादा अत्याचार संघ विचारधारा के लोगों के साथ कांग्रेस सरकार नें किये और आपातकाल को चुनौती भी संघ के स्वयंसेवकों नें ही दी, इस दौरान सत्याग्रह करने वाले 1 लाख 35 हजार से अधिक सत्याग्रहियों में से 1 लाख से अधिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक थे वहीं 30 हजार से अधिक सिखों नें पंजाब में सत्याग्रह किया था। उन्होंने बताया कि मीसा के तहत कैद 30 हजार से अधिक लोगों में से 25 हजार से अधिक संघ के स्वयंसेवक थे, वहीं स्वयंसेवक संघ के करीबन 100 कार्यकर्ताओं की जान भी चली गई थी, संघ नें तब पुनः गणतंत्र की स्थापना में भूमिगत कार्यकर्ताओं के द्वारा जनजागरण करके महान योगदान दिया था।"

उन्होंने बताया कि " आपातकाल में अधिकतर गिरफ्तारियां मीसा , डीआईएसआईआर जैसे कानूनों के तहत हुईं । आपातकाल के दौरान निर्दोष प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता, संसद सदस्य और विधान सभा के सदस्य भी जेलों में डाल दिये गये थे। मीसा के तहत 35 हजार लोग गिरफ्तार किए गए और डीआईएसआईआर के तहत 76 हजार लोग गिरफ्तार किए गए । इसमें ज्यादातर राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता थे। वास्तविक संख्या बहुत अधिक थी जो कभी सामने नहीं आई। यहाँ तक कि रिकार्ड भी नष्ट कर दिया गया।" 

सिसोदिया ने कहा कि " आपातकाल में काग्रेसी पागलपन चरम पर था, अत्याचार की कोई सीमा नहीं थी। एक करोड़ से अधिक लोगों की जबरिया नसबन्दी की गईं, जिसमें अविवाहित से लेकर 70 साल के बुजुर्ग तक से जोर जबरदस्ती की गईं। इतना ही नहीं साफ सफाई के नाम पर करोड़ों जगह तोड़फोड़ की गईं, अकेले दिल्ली में डेढ़ लाख संरचनाएँ तोड़ी गईं थी। जिनमें से अधिकांश गरीब लोगों की झुग्गी झोपडीयां थीं। "

सिसोदिया नें कहा कि " 1975 का आपातकाल सिर्फ निर्दोष विपक्ष को जेलों में डालने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह निर्दोष जनता पर अत्याचार की पराकाष्ठा बन कर टूटा था। जिसमें भारत के नागरिकों के सभी संवैधानिक अधिकारों की हत्या हुई थी। इसके लिए कांग्रेस को देश से क्षमा मांगनी चाहिए।" 

भवदीय 

अरविन्द सिसोदिया
9414180151

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