श्री चांदमारी बालाजी मंदिर मार्ग कोटा की समस्या व समाधान Chandmari Balaji Kota

श्री चांदमारी बालाजी मंदिर मार्ग समस्या कोटा Chandmari Balaji Kota

                            

विषय :- 

1- श्री चांदमारी बालाजी मंदिर मार्ग कोटा जंक्शन को चित्तौड़गढ़ गेट स्टेशन रोड़ कोटा जंक्शन, राजस्थान के सेना द्वारा जबरिया बंद किये गये पराँपरागत मार्ग को जनहित में खोले जानें के सन्दर्भ में।

2- श्री चांदमारी बालाजी मंदिर मार्ग के राजस्थान सरकार सार्वजनकि निर्माण विभाग द्वारा पूर्व में बनवाये गये डामरीकृत मार्ग , जो वर्तमान में अत्यंत क्षतिग्रस्त है, को पुनः बनवाया जाने हेतु। इस हेतु राशि भी स्विकृति है।


3- श्री चांदमारी बालाजी मंदिर मार्ग में रोशनी हेतु नगर निगम को खम्भे खडे करने में भी सेना की बाधा हटाई जाने हेतु ।  


4- मेन रोड से मंदिर तक कवर्ड रूट बना कर भी समस्या का स्थायी समाधान किये जाने हेतु ।

प्राचीन और चमत्कारी हनुमान मंदिर चांदमारी बालाजी

आदरणीय,

यदि आप स्वयं विजिट कर इस क्षेत्र को देखलें तो मात्र 10 मिनिट में जबरिया उत्पन्न की गईं समस्या से श्री हनुमान जी महाराज मुक्त करवा देंगे ।

निवेदन इस प्रकार से है कि :-

1- कोटा में अत्यंत प्राचीनकालीन हनुमान जी महाराज का मंदिर चंबल के तट पर कोटा नगर के भीमगंजमंडी क्षेत्र में स्थित है। जिसे वर्तमान में चांदमारी बालाजी के नाम से जाना जाता है। पूर्व में इस स्थान को रडी के बालाजी एवं डड़वाड़ा के बालाजी महाराज के नाम से जाना जाता रहा है। वर्तमान में श्री चांदमारी बालाजी मंदिर ट्रस्ट की देखरेख में संचालित है। किन्तु यह धर्मस्थल सभी की आस्था व विश्वास का केंद्र है।

2- यह मंदिर करीब - करीब 300 वर्षों से अवाध रूप से हनुमानजी की पूजा अर्चना एवं प्रतिमा सहित अन्य प्रतिमाओं के साथ विराजमान है। जिनकी प्रतिदिन पूजा अर्चना होती है।

3- राजस्व विभाग के दृष्ट्रिकोण से यह मंदिर ग्राम - डडवाडा तहसील लाडपुरा, भीमगंजमंडी क्षेत्र जिला कोटा के सिवाय चक भूमि खसरा क्रमांक 70 में स्थित है।

इस मंदिर के धार्मिक कार्यक्रमों के उपयोग में आने वाली काफ़ी भूमि पर भी सेना नें कुछ वर्ष पूर्व जबरिया कब्जा कर लिया है। जबकि इसका आतित्व सेना से भी पूर्व का है। वर्तमान में सेना किसी भी तरह की मरम्मत तक नहीं करने देती। पक्की डामर रोड़ की भी मरम्मत नहीं करने दे रही है। जी की सिर्फ अन्याय की अति है।

4- कोटा नगर की मुख्य सड़क, स्टेशन रोड़ जो की नयापुरा की और से आकर कोटा जंक्शन एवं आगे रंगपुर की और जाति है। इस रोड के मिलिट्री गेट चित्तौड़गढ़ गेट से मंदिर परिसर तक पूर्व का परमंपरागत मार्ग है, यह भी लगभग 300 वर्ष पूर्व से चला आ रहा है। यह मार्ग पूर्व से ही डामरीकृत है। जो इस बात का साक्ष्य है कि पूर्व से ही इस धार्मिक स्थान के प्रति प्रभावशाली राजकीय मान्यता भी रही है।

   इसी तरह इस स्थान पर पहुँच की गांव डडवाडा से दो पगदण्डियाँ भी थीं, जो इमैन्युअल स्कुल और निर्मला स्कुल के पास से हनुमानजी के मंदिर तक पहुँचती थी, डडवाड़ा गांव के लोग इन्ही पगडंडियो से भी आते जाते थे को भी बंद कर दिया गया है। इसे लगभग 15-20 वर्ष पूर्व सिर्फ हनुमानजी के दर्शनार्थियों के लिये बहुत अधिक सख्ती के साथ बिना किसी विशेष ओचित्य के बंद कर दिया गया है। जबकि उपरोक्त मार्ग का उपयोग मिलिट्री निरंतर कर रही है। इस मार्ग का उपयोग निरापद तरीके से भी बहुत कम व्यय से किया जा सकता है।

5- कई शताब्दीयों से यह प्रसिद्ध धर्मस्थल है, प्रति मंगलवार यहाँ जाने वाले श्रद्धांलुओं की संख्या काफ़ी अधिक रहती है। यूँ भी यह सिद्ध स्थान है और इसके दर्शनों के प्रति प्रतिदिन भी काफ़ी श्रद्धांलुओं का आवागमन रहता है। आस्था और विश्वास से जुड़े इस स्थान के साथ सेना को अन्यायपूर्ण व्यवहार नहीं करना चाहिए था। पूर्व में राजपरिवार की सेना नें भी कभी पूजा अर्चना एवं आयोजनों में अड़चन नहीं डाली। रास्ता बंद करने के पूर्व को भारतीय सेना थी उसने भी कभी अड़चन नहीं की। अथार्त यह निरापद स्थान हमेशा ही शक्ति व भक्ति का स्थान रहा है।

6- वर्तमान में हनुमानजी के दर्शन को जानें वालों को बहुत ही कठिन व गलियों में से होकर अत्यंत लंबे रास्ते से 10 गुने से ज्यादा दूरी तय करके जाना होता है। जो कि खेड़ली फाटक से होकर अंदर सघन बस्ती से मंदिर तक जाता पड़ता है।

7- कई - कई दशकों के अस्तित्व में रहे आम रास्ते को अचानक मिलिट्री के द्वारा बंद किया जाना पूरी तरह ओचित्यहीन है। जबकि यहीं मिलिट्री के अन्य रास्तों पर आवागमन खुला हुआ है। इस चित्तोड़गढ़ गेट के ठीक सामने हल्दीघाटी गेट है, उससे आवागमन खुला है,सूचना केंद्र के सामने स्थित मिलिट्री वाउंड्री में तो बस्ती तक बनी हुई है। वहाँ भी आवागमन खुला हुआ है। मालाफाटक की और से आवागमन खुला हुआ है। वहीं एस पी आफिस के पास से मिलिट्री क्षेत्र के मध्य से सड़क गांधीकालोनी को गईं हुई है।

8- उपरोक्त बंद किये गये मार्ग के एक तरफ ही कथित मिलिट्री क्षेत्र है और यह भी 500 मीटर ही होगा। इस क्षेत्र को टीन शेड के द्वारा कवर करके भी जनता के लिये जारी रखा जा सकता है। टीन शेड के लिये खर्च यहाँ की लोकलवाड़ी उठा लेगी अथवा भक्त गण उठा लेंगे। अभी चंबल नदी के बहाव के कारण हो रेह भूमि कटाब से इस मंदिर को बचाने पर करोड़ो रूपये लोकल बाड़ी नें व्यय करके नदी की ओर से सुरक्षा दीवार बनवाई है। 

9- लोकल बाडी के द्वारा मंदिर तक लाईट की लाईन डली हुई है जो इस बात की सबूत है कि यहां जक आम जन की पहुच बिना रोक टोक है। 

10- उपरोक्त मंदिर और सेना के बीच कोई भी मामला आम रास्ते को लेकर नहीं है और पराँपरागत रास्ता सेना को बंद नहीं करना चाहिए, सेना जब कोटा वासियों की भूमि, संसाधन, सड़कों, बाजारों का उपयोग करती है तो उन्हें नैतिकता के नाते हनुमानजी महाराज के दर्शनार्थियों के लिए पराँपरागत खोलना चाहिए, वे चाहें तो उसे अपनी व्यवस्था के अंतर्गत खोल सकते हैँ।

उपरोक्त आग्रह भीमगंजमंडी क्षेत्र के हनुमानजी महाराज के भक्तो की ओर से है।

   अतः 

1- आपसे विनम्र आग्रह है कि आस्था और लोकमान्यता की प्राचीन परंपरा से जुडे उपरोक्त मंदिर परिसर तक आवागमन मार्ग को सार्वजनिक रूप से खोल कर बहाल करनें के निर्देश कोटा स्थित सेना के अधिकारियों एवं जिला कलक्टर कोटा सहित सम्बंणित संस्थानों को प्रदान करनें का श्रम करें।

2- उपरोक्त मार्ग को खोला जाये और यदी इसे छुपावदार करना आवश्यक है तो टीन शेड से करवाये जानें की शर्त के साथ खोल दें, भक्तगण व्यवस्था कर लेंगे। सादर।


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ETV Bharat / State

कोटा : मंदिर को लेकर श्रद्धालु और आर्मी आमने-सामने, मिलिट्री गेट के सामने किया हनुमान चालीसा का पाठ - DISPUTE IN KOTA

कोटा में सेना के चांदमारी बालाजी में पुताई कार्य रूकवाने से श्रद्धालु नाराज हो गए. श्रद्धालुओं ने मिलिट्र्री गेट पर हनुमान चालीसा पाठ किया.

Devotees protest against stopping of maintenance work at Chandmari Balaji temple in Kota

कोटा में चांदमारी बालाजी मंदिर में रखरखाव कार्य रूकवाने पर विरोध जताते श्रद्धालु (ETV Bharat Kota)



By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : March 25, 2025 at 3:19 PM IST

3 Min Read

कोटा: शहर के जंक्शन एरिया में आर्मी स्टेशन के निकट चांदमारी बालाजी के प्रसिद्ध और पुराना हनुमान मंदिर के श्रद्धालु व सेना के अधिकारी आमने-सामने हो गए. हनुमान जयंती और चैत्र शुक्ल एकम से नवरात्रि के मद्देनजर मंदिर में शुरू रखरखाव व पुताई कार्य सैन्य अधिकारियों ने बंद करा दिया. आर्मी की आपत्ति के बाद मंदिर में निर्माण और विकास कार्य रुक गया. इससे क्षेत्रवासी आक्रोशित हो गए.

घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम गजेंद्र सिंह और पुलिस उप अधीक्षक द्वितीय गंगासहाय शर्मा मौके पर पहुंचे. एसडीएम गजेंद्र सिंह का कहना है कि दोपहर से लोग विरोध में आर्मी गेट के सामने बैठे हुए हैं. लोगों से समझाइश का प्रयास किया जा रहा है. आर्मी के अधिकारियों से भी उच्च अधिकारी बातचीत कर रहे हैं. स्टेशन रोड पर सिंगल लेन पर ट्रैफिक चालू है. एक लेन को एहतियातन बंद किया है. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल भी तैनात किया हुआ है.


कोटा के चांदामारी बालाजी मंदिर में कार्य रूकवाने के विरोध में प्रदर्शन (ETV Bharat Kota)

वहीं, मंदिर से जुड़े अरविंद सिसोदिया का कहना है कि करीब 300 साल पुराना प्रसिद्ध, प्राचीन और चमत्कारी हनुमान मंदिर चांदमारी बालाजी है. मंदिर में जाने के कई रास्ते थे. सभी को बंद कर दिया गया है. मामले में पुलिस और प्रशासन को कई बार लिखा, लेकिन आर्मी अफसरों के सुनवाई नहीं करने के चलते काम नहीं हो रहा था. मंदिर में पुताई और रंगाई की जा रही थी, जिसे रूकवा दिया गया. ऐसे में हमें मजबूरन सड़क पर ही हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करना पड़ रहा है.



Devotees gathered outside the Army's Chittaurgarh Gate

आर्मी के चित्तौड़गढ़ गेट के बाहर जमा श्रद्धालु (ETV Bharat Kota)

इससे पहले श्रद्धालु चांदमारी बालाजी मंदिर पर एकत्र हुए, जहां से आरती के बाद रैली के रूप में वाहनों से खेड़ली फाटक स्थित आर्मी के चित्तौड़गढ़ गेट के बाहर पहुंचे. श्रद्धालुओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ किया. इसमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग और महिलाएं शामिल रही. इससे स्टेशन जाने वाला मुख्य मार्ग बंद हो गया और जाम के हालात बन गए. सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंचे. लोगों से वार्ता की, लेकिन प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शन में विनोद गौतम, अशोक गौतम, दुष्यन्त सिंह, सुनील शर्मा पार्षद, महावीर नागर, श्री राम मंदिर प्रबंध समिति सभापति डॉ सुधीर उपाध्याय, महामंत्री परमानंद शर्मा, हेमंत चतुर्वेदी व चेतन महावर आदि मौजूद थे.


Due to the protest in Kota, many roads are blocked

कोटा में विरोध प्रदर्शन के चलते कई रास्तों पर जाम (ETV Bharat Kota)

उल्लेखनीय है कि इस मंदिर का रास्ता पहले आर्मी एरिया से जाता था, जिसे कई साल पहले बंद करा दिया गया. इसका दूसरा रास्ता खेड़ली फाटक के अंदर होकर जाता है हालांकि, यह आर्मी कैंट से बिल्कुल सटा है.


ARMY STATION IN KOTA

कोटा का चांदमारी बालाजी मंदिर

DEVOTEES ANGER STOP OF TEMPLE WORK

चांदामारी  मंदिर 300 साल पुराना

DISPUTE IN KOTA





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