मेरी कवितायें My poems - Arvind Sisodia

 

 


अनुक्रमिणिका

1- पुस्तक का र्शीषक

2- प्रस्तावना

3- अभिव्यक्ति

4- मां

5- उठ जाग मुसाफिर

6- अखण्ड बनाओ भारती

7- जब नेता बेईमान हो जाता है

8- युगों युगों में एक ही मोदी आता है

9- कोटि कोटि धन्यवाद मोदी जी

10-युग निर्माता महामानव मोदी

11- शाबास मोदी जी जांबाज मोदी जी

12- वाह वाह मोदी जी

13- मोदी जी के रूप में वह महामानव आया है

14- जौहर की ज्वालायें कहतीं

15- अजि हिन्दुस्तान है मोदी

16- मोदी जी महान हैं

17- मोदीजी के युग परिवर्तन से

18- युग परिवर्तन करता हिन्दुस्तान देखा

19- मोदी जी के शासन में कांप रहा है आतंकवाद का नाम

20- देख न लेना नीचे झुक कर; गांधी  हिन्दुस्तान को

21- 'संविधान और लोकतंत्र की बातचीत "

माँ.... 

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माँ ग्रँथ है, काव्य है, गाथा है।

जन-जीवन भाग्य-विधाता है।

माँ कल-कल बहती सरिता है।

माँ रामायण, भागवद गीता है।

माँ मंदिर और शिवाला है।

हँस कर पीती हाला है।

माँ गज़लों में, रुबाई में।

माँ तुलसी की चौपाई में।

माँ सर्वसुख कल्याणी है।

माँ उपनिषद की वाणी है।

माँ वेदों की ऋचाएं-श्रुति है

माँ प्रभु प्रार्थना-स्तुति है।

माँ मंत्रों का उच्चारण है।

माँ कारण और निवारण है।

माँ क्षमा-धर्म की मूरत है।

माँ प्रभु की सच्ची सूरत है।

माँ तो अंतर्यामी है।

माँ सर्वगुणों की स्वामी है।

माँ करुणा, दया का सागर है।

माँ कुदरत सत्य उज़ागर है।

माँ निर्गुण ब्रह्म साकार है।

माँ भावों का आकार है।

माँ शाश्वत सत्य सनातन है।

माँ चिर-चिरंतन अंतर्मन है।

माँ अमर अमिट अविनाशी है।

माँ खुद में काबा-काशी है।

माँ देवकी, यशोदा, सीता है।

माँ अहिल्या, द्रौपदी पुनीता है।

माँ साथी तुम, सहारा भी।

माँ भवसागर का किनारा भी।

माँ बच्चों की इबारत है।

माँ उनकी आदत, इबादत है।

माँ सत्कर्मों का प्रतिफल है।

माँ पुण्यात्मा निश्छल है।

माँ सब धर्मों का सार है।

माँ संसार का आधार है।

माँ दिल से दिल की आस है।

माँ रब की सच्ची अरदास है।

माँ प्रभु का प्रसाद है।

माँ ईश्वर का आशीर्वाद है।

माँ जीवन में वरदान है।

माँ स्वयं ही भगवान है।

 

 

 

 

 

उठ जाग  मुसाफिर .......

- मोहनलाल गालव ( ग्राम कोयला जिला बांरा, राजस्थान।)

 

उठ जाग मुसाफिर सोच जरा, तेरे मौत कि नौबत बाज रही।

कोई आज मरा कोई कल को मरा, कोई मरने को तैयार पडा।। 1 ।।

धन दौलत और ऐश्वर्य सब, कोई होगा साक्षी तेरा।

जीवन साथी सब छूटेंगें, जिसका तुछकों है ,मलाल जरा।। 2 ।।

करनी धरनी सब तेरे हाथ में, व्यर्थ समय क्यों गवां रहा  

पशु तुल्य जीवन व्यतीत कर, मानव जीवन क्यों पतित करा। 

दुखः रूपी क्रीडा स्थल में, तुम परोपकारी जीव बनों।

मन्थर गति से चलते चलते , तुम गूढ आध्यात्म प्राप्त करो।

सत्य अहिंसा मार्ग पकड तुम, कोटि - कोटी जन के परित्राण हरो।

सर्वस्व अर्पण कर ईश्वर को तुम, जीवन लक्ष्य प्राप्त करो।

जीवन मृत्यु एक रहस्य है,इसको तुम अंगीकार करो।

जीवन के दिवसों का भी तुम , शुद्ध सात्विक विचार करो।

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राम कृष्ण जैसे वीरों से इस धरती ने जीना सीखा है।
राणा और शिवा ने इसे अपनी वीरता से सींचा है,
युग युग से हमारे पुरखों की गौरव गाथायें ,
 
मार्ग हमारा  प्रशस्थ करती आईं हैं
लक्ष्मीबाई और दुर्गावति की इस धरा ने जीत हमेशा ही पाई है।
बलिदानी संतानों की मातृभूमि भारत ने अमर नित्य होने की वर पाई हे।
जय हिन्द !! जय गणतंत्र दिवस !! 

 


 

आदरणीय प्रधानमंत्री श्रीयुत नरेन्द्र मोदी जी,

करूण कहानी विभाजन के नाम से मेरे ब्लाग परबनाओ अखण्ड भारतीनामक कविता का प्रकाशन 18 अगस्त 2010 को किया था इस कविता में विभाजन के मंजर को कविता स्वरूप में लीपिबद्ध करने का प्रयास किया का। 14 अगस्त 2021 को मेरी आंखों में आंसू गये जब मेनें टी वी पर सुना कि भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने 14 अगस्त को  “ विभाजन विभीषिका स्मृति दिवसके तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। मेरे रोंगटे खडे हो गये, मेरी आंखों में आंसू थे। मेरी इस कविता को कोई लोकप्रियता नहीं मिली,सिर्फ एक टिप्पणी मिली थी। किन्तु जब मोदी जी ने इस दिन कोविभाजन विभिषिका स्मृति दिवसके रूप में मनाने का निर्णय लिया तो मुझे लगा कि मेरी उस अभिव्यक्ति को, उस श्रृद्धांजली को आत्मा मिल गई है। कोटि कोटि धन्यवाद प्रधानमंत्री जी आपने " अपना सर्वस्व स्वाहा करने वालों उन निर्दोषों की शहादत को सम्मान दिया जिसे बहुत ही चालांकी से झुपा दिया गया था। " आदर सहित
आपका
-
अरविन्द सिसौदिया 9414180151


करूण कहानी विभाजन,बनाओ अखंड  भारती .....! 
- अरविन्द सीसोदिया 
करुण  कहानी विभाजन की, हे वीरों तुम्हे  पुकारती ,
जाग उठो अबजाग उठो अब, बनाओ अखंड भारती
चीख रही थी तब मानवता, पर चिंघाड़  रही  थी  दानवी
खून से लथपथ  वे मंजर,कंप-कप़ी आज भी छुडाते हैं ,
स्वतन्त्रता की वेदी  परतब नरमूंडों से हुई थी  आरती!! 
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पंजाब बटा,बंगाल बटा  , सिंध गया, बलूच गया,
भारत माँ  को काट दियाबेदर्दी से हत्यारों ने,
रावी की शपथ मौन  थी, अखंडता का वचन गोण   था,
सोच समझ का समय नहीं  , भागो-भागो मची देश  में,
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गैर रहे  बचें , इस शैतानीं  में , पाक में नपाक हेवानीं  थी ,
घरों पर हमले हुए, जिन्दा जलाये , क़त्ल हुए ,
भूखेप्यासे राहों में भटकेखूब थके और खूब मरे ,
व्यवस्थित कोई बात  थी, अदला - बदली की सोगात थी,
राह दिखानेवाला,  कोई बचानेवाला
गुंडों की गुंडागर्दी ही तब राज बनीं थी, ताज बनीं थी
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माता बहिनों की मत पूछो, क्या - क्या उन पर जुल्म हुए,
लाज  गईवेलाज  हुईंतार तार शर्मसार हुईं ,
 
कितनीं थीं वे जो पाईं , कितनीं थी वे जो नहीं पाईं
किसीने भी नहीं उनकी सूधली  , एक तरफ़ा व्यभिचार के मद में
हर साँस और सिसकी को ,उस समय चक्र ने घेरा था  ,
बेबस  चीखेंआज भी गूंजती हैं, नीरव श्मसानों  में ,
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दर्द था पर राहत नहीं थी, घाव था पर पट्टी नही थी
राह थी पर अंत नही थापथ पर चलते जाना था... ,
कब भारतमाँ का आँचल मिले, हर  सांस इसी में विकल थी ,
कुछ आये,कुछ राह में रह गए,कुछ को चलने दिया नहीं,
वे दृश्य  वे मंजर , वे चीत्कारें , फिरसे दुनिया में आयें ,
बार बार मानवता यह पुकारती ,
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यह भीषण कथानक है , जो सुनाने में नहीं आता है
गाँव - गावं ख़तम हुए थे, शहर - शहर वीरान हुए थे
सोना चांदी रुपया पैसा, जमीन और जायदादें....,
लूट  सकता था वह सब लूट लिया शैतानों नें  ,
खून से लिखी इबारतें वे , छलकी आखें पढ़ नही पाती हैं ,
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कहीं दया का दरिया नही था, ममता कहीं  मिलती नहीं थी ,
सब को अपना माने  ..., वह आंचल वह गिरेवान नहीं थे ,
 
एक भारत भूमि  जिसने,सब को सदियों से अपना माना , 
अपना दामन  दिया सभी को , अपनीं गोदी  दी सबको , 
सबको अपनापन दिया , सबको सुख शांती दी ,
पर उसके बेटों को दुत्कार क्यूँ फटकार क्यूँ ...? 
हर  मुल्क बने भारत जैसा , यही विश्व  भारती पुकारती |
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फूल चढ़े और दीप जले, उनकी कोई कहानीं है,
हे अनाम शहीदों, तुमने खूब लड़ी लडाई  और दी कुर्बानी है ,
नत मस्तक है माँ भारती , गर्व करती माँ भारती
नाज तुम पर सदा रहेगा,  तुम हो नव युग कि आरती
माफ़ करो हे वीरों , खण्डित हे माँ भारती ..!!
देश आजाद हुआ है लेकिनअखंडता  लानी है बाक़ी ....  |
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फिर कोई राणा प्रताप बनों , या बनों वीर शिवाजी ,
सुभाष , भगत सिंह , चंदशेखर , माता तुमें बुलाती ,
षड्यंत्रों नें हमको मारा , कमजोरी से देश है  हारा
आपसी फूट मिटाना होगा, दिल में जनून जगाना होगा
बंद  मुट्ठी करके लें द्रढ़ संकल्प, राह बनायेंगेचाह  बनायेंगे ,
विभाजन को  ख़त्म करेंगे, अखंड भारत फिर बनायेंगे ..!

जब नेता बेईमान हो जाता है,
नीति मर जाती है, न्याय मर जाता है,
जिधर देखो उधर शैतान नजर आता है,
विश्वास में विष, आशीर्वाद में आघात,
हमदर्दी में दुखः-दर्द, मिठास में मधुमेह,
पावनता में महापतन और...,
ईमान में महाबेईमान घटित हो जाता है।
    (1)
भगवान भी जिसके भय से कांपने लगता है,
राष्ट्रधर्म प्राण बचाकर भागने लगता है,
सूरज भी पश्चिम से उगता है यारों,
जब राजसिंहासन बेईमान हो जाता है...!
लोगों, जीवन नर्क बन जाता है
बातों की नकाबों में, इन शैतानों में,
सम्पत्ति की होड़ - धनलूट की दौड़ ,
बीस साल पहले, जिस पर कोड़ी भी नहीं थी यारों,
वह करोपतियों में भी सिरमौर नजर आता है।
    (2)
गले में महानता के उसूल टांगे,
वाणी में संतों की सम्प्रभुता की बांगें,
जो मिले उसे लूट लेना हैं मकशद,
अपनी तो हवस मिट ही जायेगी,
असल इंतजाम तो,
अगली अस्सी पीढ़ी का कर जाना है यारों...!
    (3)
जो मिले, जहां मिले, जितना मिले,सब स्वीकार है,
भिष्ठा में मिले, मदिरा में मिले, मंदिर में मिले..,
किसी की घर गृहस्थी और जायदाद में मिले,
किसी के सुख-सुकून और संतान में मिले,
वह सब हमें मिले, यही प्रार्थना, यही कामना है,
इसी का इंतजार है !
    (4)
गद्दार--वतन को तो फांसी दे सकते हैं यारों,
मक्कार को मुसीबत खडी कर सकते हैं यारों,
जो ईमान पर चले उस पर ठहाके लगा सकते हैं,
मगर क्या करें इन नेताओं के प्रभुत्व का,
इनके खिलाफ कानून भी दुम दबाकर भाग जाता है,
कितना भी बड़ा भ्रष्टाचार हो,
कितनी भी बड़ी रकम डकार हो,
कितने भी महल फैक्ट्रियां ध्ांधे
क्यों पल-क्षण में खडे़ हों,
इन से क्या पूछे ,
ये तो कानून पालनहार हैं ?
    (5)
अमरीका से आयात होता नहीं,
चीनी सामान में मिलता नहीं,
इन्हें सुधारे कौन सा यंत्र ?
इन्हे नापे तौले कौन सा तंत्र ?
हर धर्म, हर मजहब में टटोला,
सुधारने की कोई इबारत काम कर जाये,
पता चला कि अब ये ही सब आदर्श पुरूष हैं,
ये स्वयंभू ईश्वर से कम नहीं,
ये इबादत हैं, धर्मप्राण हैं,
महान है, मंत्र हैं,अनुष्ठान हैं,
इनसे संसद चलती है, गिरती है,
इनसे विधानसभाएं बनती हैं, बिगड़ती हैं,
जिला परिषद हो, पंचायत समिति हो,
संगठन से सरपंच तक इनका ही बोलवाला है,
इसलिए यारों आजकल ये ही महाप्रभुत्वमय हैं।
इनकी जयजयकार करो, इसी में निहाल है !
    (6)
क्या हो गया इस देश की जवानी को ?
क्या हो गया इस देश की कुर्बानी को ?
कहां चले गए सब मजहब और धर्मों के कुनबे ?
कहां चली गई नीतियों और सि(ान्तों की इबारतें ?
क्या नई गुलामी कुबूल करना ही स्वतंत्रता है !
क्या राम से लेकर गांधी तक,
सबको दीवारों पर टंगना है?
अच्छाईयां और आदर्शं,
भग्नावशेषी खण्डहर बनने थे ?
    (7)
सारे प्रचार तंत्र, बन गये दुष्चारक,
सेवासदन बन गये षडयंत्र सदन,
किस राष्ट्रवाद पर विश्वास करें,
जो सिर्फ गुलछर्रे उडाता हो,
धनबल की मौलतौल में योग्यता को भुलाता है,
बहला फुसला कर महज बर्बादी पर अटकाता है,
इनसे तो वे सैनिक महान है ,
जो सीमा पर अपनी आहूती से सत्य को निभाते हैं,
कुछ सीखो समय से,
आने वाले कल में सब इतिहास बन जाता है।
    (8)
देखो, सुनो, बदलनी होगी ये तस्वीर,
सत्य का सामना सत्य से ही करना होगा,
देखो, सुनो, सुननी होगी, गरीब की आह,
उसके दुखदर्द के लिये जम कर लडना होगा,
देखो, सुनो, छोड़ना होगा, आलस्य और स्वार्थ,
तुम्हें वीर बनना होगा, प्रजातंत्र की हीर बनना होगा,
पुरखे नहीं आएंगे, हक परस्ती के मैदाने जंग में,
मगर इतिहास की स्फूर्ति संग, तुम्हें विजेता बनना होगा।
    (9)
हम देश हैं, हम धर्म हैं, नैतिकता और जनतंत्र हैं,
हक हमारे लूटे हैं, हुक्म हमारा छिना है,
हम जो थे, उसे छला गया है,
पुरखों को जलील किया गया है,
मगर, गुलामी के अवशेषों पर जश्न है,
हम जो होने थे, उसे भी लूटा गया है,
नेताओं की सत्तामदी धृतराष्ट्रों से,
प्रशासन हुआ दुशासन ,
अन्याय, लूट, डकैती, चोरी और शोषण का आसन।
शकुनियों ने घेरा सिंहासन,राजधर्म हुआ निद्रासन,
सुबह स्वार्थपूजा, शाम को मदिरासन है,
क्या हो गया यह? क्यों हो गया है ?
    (10)
सुनो कान खोल,चंद पूंजीपतियों के लिए,
सारा देश गरीब नहीं होगा,
चंद महली खुशियों के लिए,
सारा देश आंसू नहीं पियेगा,
चंद कंपनियों की खातिर,
घर-घर का धंधा बंद नहीं होगा,
मत छेडो इस आग को,
इसमें तुम्हे भी स्वाहा होना होगा,
    (11)
उद्योग में, व्यापार में, खेत में खलिहान में,
दूसरे मुल्कों का सिक्का चलना स्वीकार नहीं,
हम गोलियां खाएं, आत्महत्या करें,
जहर पिएं, फांसी लगाएं,      
मुनाफा बाहरी खायें,ये नहीं चलेगा ! ये नहीं चलेगा !!
    (12)
ललकार भी हम बनें, हूंकार भी हम बनें,
तोड़ें ये बेडियां सारी, हर घर में सुख का दिया जले,
इसके लिए यदि जीवन ज्योति अपनी बुझे,
तो बुझा दें अभी,मगर चुप बैठो, चौराहों पर आओ,
चर्चा करो, प्रश्न पूछो,उत्तरों से जूझो,खूब बहस करो,
देश हमारा, धरती अपनी,
इसका मर्म हमारा दुख-दर्द है!
    (13)
प्रजातंत्र जन्मसिद्ध अधिकार है,
राष्ट्र रक्षा सर्वोपरि स्वीकार है,
जो गरीब को सुख समृद्धि दे उसके पीछे चलो,
जो गरीब का निवाला छीने,
न्याय का, नैतिकता का, व्यवस्था का गला घोंटे,
अपने स्वार्थ के लिए समाज का,
समर्थन का मोल वसूले,
उसे धक्का देकर पीछे करो-पीछे करो,
खुद आगे बढो,आगे बढो ,
संभालों अपने ताज को, संभालो अपने काज को,
कहो जोर से, जय श्री राम, नहीं लेंगे अब विश्राम।

युगों युगों में एक ही मोदी आता है   - अरविन्द सिसोदिया

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का निर्माता है

गर्व करे उस पर मां भारती,

आओ उतारें हम सब आरती

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का निर्माता है

--1--

वह धर्म,नीति और ज्ञान का ज्ञाता है,

वह रामराज्य फिर लाता है

वह जन जन की अभिलाषा है,

वह विश्व नायक बन छा जाता है।

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का निर्माता है

---2---

आओ हम भी पुण्य कमाएं,

मोदी जी संग ध्यान लगायें,

कर्म करें सेवा सत्कर्मों का,

गिरे हुये को गले लगायें।

यही तो वह सिखलाता है।

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का निर्माता है

--3--

गरीबों के कष्ट दूर वह करता है,

मातृशक्ति के सारे संकट वह हरता है

शत्रुओं का संहार वह करता है

मानवता का प्यार वह भरता है।

शोषण से मुक्त करे वह धरा को।

धर्म ज्ञान से युक्त करे वसुधा को

नेतृत्व वह विश्व का करता है।

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का निर्माता है

--4--

किसानों का पग पग पर कल्याण करे,

उधोग और व्यापार में नए प्राण भरे

युवाओं में उत्साह भरे, हिम्मत और साहस भरे।

हार नहीं उसके मन में, वह जीत का मंत्र देता है।

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का निर्माता है

--5--

वह महामारी से लडता,वह वैक्सीन बनवाता है।

वह भूख को दूर भगाता है,वह प्राण वायु लाता है।

वह जोश सबमें भरता ,वह होश में सबको रखता है।

वह जीवन ज्योत बचानें को,जाग जाग कर जीता है

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का निर्माता है

 --6--

 वेदों का ज्ञान बताता है वह,धर्म का मान बढ़ता है वह।

सभ्यता की शान है वह, संस्कृति का उत्थान है वह,

धर्म धरा पर  द्विव्य निर्माणों को कराता है वह,

वह पुनरोदय का देव तृल्य मानव है,

वह विजय पथ की ध्वजा बन कर,

विश्व गगन में भारत को लहराता है।

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का  निर्माता है

--7--

भारतमाता खून के आंसू पीती थी,

अपने ही लालों के खून कि होली सहती थी

सिंहासन की शह पर भष्ट्राचार आम था,

मदमस्त अत्याचारियों से देश परेशान था

तब भारत माँ का शेर आया,

राष्ट्रधर्म की ध्वजा लाया।

वह बहादुर बेटा नरेंद्र मोदी है,

जिसके जगने से भारत मां आनन्द से सोती है।

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का निर्माता है

---8---

चहुॅंओर अमन और चैन है,अत्याचारी मौन है।

अब होती है पावन मानवता की आरती

वह मोदी है, युग निर्माता है,

जिस पर गर्व करती भारती

वह सेवा ही सेवा करता है,

नर में वह नारायण भरता है

वह भारत को देव भूमि बनाता है।

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,

जो दिव्य नवभारत का  निर्माता है

 

 

 

 

 

 

 

 

 

मोदी जी महान हैं,मोदी जी महान - अरविन्द सिसोदिया

मोदी जी महान हैं, मोदी जी महान 

मोदी जी, भारत की प्राण ज्योति और राष्ट्रधर्म का मान हैं।

मोदी जी,पवित्रता की धवल कीर्ति और पुरुषार्थ का सम्मान है।

मोदी जी महान हैं, मोदी जी महान हैं।

=1=

यूँ तो भारत सदियों से महान था ,

पर अब लगता है कि भारत में जान है।

जान है भई जान है, मान और सम्मान है।

यूँ तो भारत सदियों से विश्वगुरु था,

पर अब गुरुता के कई प्रमाण हैं।

प्रमाण है भई प्रमाण हैं। आन वान शान है।

मोदी जी महान हैं, मोदी जी महान हैं।

=2= 

अब भारत आजाद लगता है,

परिंदो सी ऊँची उड़ान लगता है,

दुनिया में अपनी धाक रखता है।

मुठ्ठी में आसमान रखता है।

आज का भारत,

कर्तव्यपथ का मान है, वैभव की शान है।

पुरखों का सम्मान है, राष्ट्र का स्वाभिमान है।

मोदी जी महान हैं , मोदी जी महान हैं।

=3= 

मोदी युग का भारत, एक अलग पहचान है ,

विश्व पटल पर गूंज रही भारत कि शान है।

कोई बोले बॉस , तो कोई मांगे आटोग्राफ ,

कोई चरणों में झुक जाये,तो कोई गले लग जात है

पूरी दुनिया को भारत का अनोखा विश्वास है

मोदी जी महान हैं मोदी जी महान हैं

=====

 

 

 

 

 

कविता"कोटि कोटि धन्यवाद मोदीजी,देश के उत्थान के लिए "

https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2022/05/koti-koti-dhanyavaad-modiji-modiji.html

कविता "कोटि कोटि धन्यवाद मोदीजी,देश के उत्थान के लिए "

गूंज रहे विश्व पटल पर, मां भारती के यशोगान के लिए,

कोटि कोटि धन्यवाद मोदीजी, देश के उत्थान के लिए !

धन्यवाद धन्यवाद मोदी जी, मोदीजी मोदीजी मोदी जी।

धन्यवाद मोदी जी, धन्यवाद मोदी जी,

कोटि कोटि धन्यवाद, धन्यवाद मोदी जी।।

....1....

मातृभूमि के महान-वैभव प्रतिष्ठान के लिए,

सत्य सनातन के देवत्व पुनरोत्थान के लिए,

भव्य आन-बान-शान और सम्मान के लिए,

दिव्य ज्ञान -विज्ञान और अनुसंधान के लिए।

....2....

सैन्य सपूतों को मिल रहे नवसम्मान के लिए,

अस्त्र-शस्त्र में आधुनिकता के अधिष्ठान के लिए,

शक्ति-स्वाभिमान में समग्र-शौर्यवान के लिए,

सीमाओं पर निडरता से शत्रुओं संधान के लिए।

....3....

नव पुरूषार्थ के प्रचण्ड उदयमान के लिए,

आत्म गौरव के विराट आव्हान के लिए,

विकासपथ में महान कीर्तिमान के लिए

नवयुग निर्माण में, असीम योगदान के लिए।

....4....

महासंकटों पर कड़े प्रहार के लिए,

जन जन की अपार संभाल के लिए,

कौशल विकास में नव उत्साह के लिए,

जन मन हो रहे नवउमंग अल्हाद के लिए।

.....5.....

विश्व में भारती की जय-जयकार के लिए,

विश्व बंधुत्व के सनातन सहगान के लिए,

नवयुग के नव वैभव में,नवआनन्द के लिए

भारत के विश्वमंगल गान के लिए।

--------------------

 

 

युग निर्माता महामानव मोदी

हे सत्य निष्ठ, हे धर्म निष्ठ, युग निर्माता महामानव मोदी

ईश्वर की अनुकम्पा हो तुम, धन्य हुई भारत मां की गोदी।।

..1..

विश्व प्रेम की थाती को, उदित किया सारे जग में,

युगों युगों के पराभव को, बदल दिया प्रकाश में,

भय मुक्त विश्व का भाव, जगाया विश्व भर में

सत्यनिष्ठ संस्कृति को, फिरसे उजलाया मानव मन में। 

हे सत्य निष्ठ, हे धर्म निष्ठ, युग निर्माता महामानव मोदी

..2..

सत्य सनातन का गौरव लेकर, चल रहे नित्य नव नूतन को

विश्व गुरू का भाव लिये, बढ़ रहे मानवता के अभिनन्दन को

देख रही हे हर्षित मां भारती,पुत्र पवित्र के परिश्रम को,

जग जग कर जनजन की सुध लेता,राम राज देनें को

हे सत्य निष्ठ, हे धर्म निष्ठ, युग निर्माता महामानव मोदी

........

 

 

 

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी    https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2023/06/shabas-modi-jawanj-modi.html

अचंभित सारी दुनिया,गर्वित भारत माता।

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी ....

जाँबाज मोदी जी ....शाबास मोदी जी....

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मूछों पर ताब दिये,

जब अभिनंदन पाकिस्तान से वापस भारत आता है!

अचंभित सारी दुनिया,गर्वित भारत माता।

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी ....

जाँबाज मोदी जी ....शाबास मोदी जी....

-1-

चीन की सीमा पर भारत जब भिड़ जाता है,

टकराता है - लड़ जाता है, चीन को मार भगाता है!

अचंभित सारी दुनिया,गर्वित भारत माता।

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी ....

जाँबाज मोदी जी ....शाबास मोदी जी....

-2-

पाकिस्तानी आतंकी जब देश को नुकसान पंहुचाते ,

भारत सीमा पार कर बम वर्षाता है,

तहस नहस दुश्मन को करके आता है

अचंभित सारी दुनिया,गर्वित भारत माता।

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी ....

जाँबाज मोदी जी ....शाबास मोदी जी....

-3-

जब सारी दुनिया महामारी से घबराई थी,

तब उसनें साहस की ज्योति जलाई थी,

सकुशल देश बचाया , सबका इलाज कराया !

अचंभित सारी दुनिया,गर्वित भारत माता।

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी ....

जाँबाज मोदी जी ....शाबास मोदी जी....

-4-

सारी दुनिया में अब्बल वह कहलाता।

पूरी दुनिया गीत उसके गाती है,

कोई चरणस्पर्श करता, कोई गले लगाता,

कोई बास कह कर मान बड़ता.

अचंभित सारी दुनिया,गर्वित भारत माता।

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी ....

जाँबाज मोदी जी ....शाबास मोदी जी....

-5-

वह मां के पाँव पखारता है,

वह हरिजन के पाँव पखारता,

वह भारत मां को संवारता है.

वह विश्वको उद्धारता है.

वह मोदी मोदी कहलाता है,

विश्व का महानायक बन जाता है।

अचंभित सारी दुनिया,गर्वित भारत माता।

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी ....

जाँबाज मोदी जी ....शाबास मोदी जी....

----------------------

 

 

जी टवनटी जब आता है,

भारत मंडपम वह बनाता है,

भारत की थीम चलाता,

दिव्य संस्कृति को सम्मान दिलाता है

विश्व गुरु सा छा जाता है

नये नये इतिहास बनाता है।

अचंभित सारी दुनिया,गर्वित भारत माता।

शाबास मोदी जी ....जाँबाज मोदी जी ....

जाँबाज मोदी जी ....शाबास मोदी जी....

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।

--0--

चीन का पसीना छूटे, पाकिस्तान काँपे रे

मोदी मोदी कह कर, देखो पूरा विश्व नाचे रे।

गौरव देख भारत का , जन गन मन हर्षाये रे।

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।।

-1-

मोदीजी नें,भारत की अग्रपूज्य बनाया।

मोदीजी नें,भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाया,

मोदीजी नें, भारत का मान बढ़ाया,

मोदीजी नें, भारत का सामर्थ्य दिखलाया,

मोदीजी नें, भारत को असली भारत बनाया।

 

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।।

-2-

मोदीजी, जन धन के खाते खुलवायें ,

मोदीजी, स्वछता का कर्मयोग चलाएं,

मोदीजी, तीन तलाक से मुक्ती दिलायें ,

मोदीजी, धुएँ से मातृशक्ति बचाएँ ,

मोदीजी, किसानों का सम्मान बन जाएँ,

 

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।।

-3-

मोदीजी, सनातन का संघोष सुनाएँ,

मोदीजी, हिंदुत्व का ह्रदय दिखलाएं,

मोदीजी, संस्कृति के वैभव को सजाएँ,

मोदीजी, मर्यादाओं का अलख जगाएं,

मोदीजी, पुरखों का पुरषोर्थ प्रगटाएं,

 

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।।

-4-

मोदीजी, चौकीदार हैं जन जन के,

मोदीजी, पहरेदार हैं देश धरम के,

मोदीजी, उत्साह है विज्ञान परम के ,

मोदीजी, कर्मयोगी हैँ कर्तव्यपथ के,

मोदीजी, नवउत्थान हैँ भारत के,

 

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।।

-5-

मोदीजी नें, कश्मीर को 370 से मुक्त कराया,

मोदीजी नें, श्रीरामजी का भव्य मंदिर बनाया,

मोदीजी नें, सेना का स्वाभिमान बढ़ाया

मोदीजी नें, चंदा मामा पर चंद्रयान पहुंचा

मोदीजी नें, भारत को आत्मनिर्भर बनाया

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।।

-6-

मोदीजी, नये नये इतिहास बनाते हैं,

मोदीजी, महामारी को हराते हैं,

मोदीजी, दुश्मन के घर में घुस जाते हैं,

मोदीजी, इण्डिया को भारत बनाते हैँ,

मोदीजी, मोदीजी, राष्ट्र स्वाभिमान बढाते हैं.

वाह वाह मोदीजी, जय हो मोदीजी।।

------

" मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है "

 मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है।

 देश - धर्म बचाने को, भगवान ने प्रगटाया है।।

 अवतार है वह शौर्य का, पुरुषार्थ साथ में लाया है।

श्रेष्ठ भारत का परचम,पूरे विश्व में लहराया है।

 मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....---1---

 आओ उनके साथ चले  आओ उनकी बात करें,

 उनकी जय जय कार करें, गुंजित आसमान करें,

 सारे शत्रु-सारे व्यवधान,जिस मंत्र से हों परेशान,

 उस मोदी - मोदी का, हम सब मिल जाप करें।

मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....---2---

भय भूख भ्रष्टाचार से देश मुक्त करवाया है,

छल कपट और पाखंडों से देशको छुड़ाया है,

कर्ज है उनका जीवन पर,महामारी से देश बचाया है,

धर्म है इस जीवन का,उनका साथ निभाना है।

मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....---3---

वह देश बचानें खड़ा हुआ एक अकेला अपनी दम सें,
सौ सौ कौरव घेर रहे, उसको आतंकी मन से,
विदेशी शत्रु भी देखो कूद पड़े पाखण्डीपन में,
पर पूरा भारत, कृष्ण - सुदर्शनचक्र बन, साथ हैं मोदीजी की कमान में.
मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है ....---4---

दूर हटो ये दुनिया वालों,देश हमारा अपना है।
बलिदानों से पूरा करते हम इसका हर सपना है।
सत्य सनातन शौर्य हमारा, सदियों से गहना है,
मत समझना उसे अकेला ,
भारत मां का बच्चा बच्चा,मोदीजी का चेहरा है।
मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....

" मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है "

https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2023/02/modi-ji-ke-roop-men-vh-mahanayk-aaya-hae.html

 मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है।

 देश - धर्म बचाने को, भगवान ने प्रगटाया है।।

 अवतार है वह शौर्य का, पुरुषार्थ साथ में लाया है।

श्रेष्ठ भारत का परचम,पूरे विश्व में लहराया है।

 मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....

---1---

 आओ उनके साथ चले  आओ उनकी बात करें,

 उनकी जय जय कार करें, गुंजित आसमान करें,

 सारे शत्रु-सारे व्यवधान,जिस मंत्र से हों परेशान,

 उस मोदी - मोदी का, हम सब मिल जाप करें।

मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....

---2---

भय भूख भ्रष्टाचार से देश मुक्त करवाया है,

छल कपट और पाखंडों से देशको छुड़ाया है,

कर्ज है उनका जीवन पर,महामारी से देश बचाया है,

धर्म है इस जीवन का,उनका साथ निभाना है।

मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....

---3---

वह देश बचानें खड़ा हुआ एक अकेला अपनी दम सें,

सौ सौ कौरव घेर रहे, उसको आतंकी मन से,

विदेशी शत्रु भी देखो कूद पड़े पाखण्डीपन में,

पर पूरा भारत, कृष्ण - सुदर्शनचक्र बन, साथ हैं मोदीजी की कमान में.

मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....

---4---

दूर हटो ये दुनिया वालों,देश हमारा अपना है।

बलिदानों से पूरा करते हम इसका हर सपना है।

सत्य सनातन शौर्य हमारा, सदियों से गहना है,

मत समझना उसे अकेला ,

भारत मां का बच्चा बच्चा,मोदीजी का चेहरा है।

मोदी जी के रूप में वह महानायक आया है .....

 

जौहर की ज्वालायें कहतीं,शत्रु को शत्रु मानों भारत - अरविन्द सिसौदिया
जौहर की ज्वालायें कहतीं,

उठो भारत, जागों भारत,राष्ट्रधर्म संभालों भारत।
अटल सत्य को पहचानों,शत्रु को शत्रु मानों भारत।
-1-
करूणा,दया और अहिंसा की बातें हैं बेमानी,
शौर्य,शक्ति और बलिदानों से लिखी जाती विजयी कहानी,
जीवन क्षण भंगुर है,मौत तो है आनी जानी,
राष्ट्र और धर्म की अक्क्षुण्यता पर बलिदान हो जवानी
शत्रु को शत्रु मानों, मत धोका खाओ प्राणी
वीर बनों, वीरों की तरह अडो - लडो, यह देश हमारी शानी
..
जौहर की ज्वालायें कहतीं,उठो भारत,
जागों भारत,राष्ट्रधर्म संभालों भारत।
अटल सत्य को पहचानों,शत्रु को शत्रु मानों भारत।
...
फूट,लालच और भय में गुलामी को ढोया,
अपनों के सिर काटे और अपनों को ही खोया,
अब भी समय है सच को पहचानों,
देश बचाओ, धर्म बचाओं,शत्रु को है भगाना,
झूठी बातों के चक्रब्यूह से बाहर निकलों ,
मत बनों चारा,सगे भाई से होता है, भाई चारा,
..
जौहर की ज्वालायें कहतीं,उठो भारत,
जागों भारत,राष्ट्रधर्म संभालों भारत।
अटल सत्य को पहचानों,शत्रु को शत्रु मानों भारत।
..
सिखों के गुरूओं से पूछो क्या क्या जुल्म हुये हैं,
क्रांतीपथ पर चल कर देखों क्या क्या जख्म हुये है।
केसरियावाना बता रहा कैसे कैसे निर्दोषों के रक्त कुण्ड भरे हैं
जौहर की ज्वालायें कहतीं कैसे निर्दोर्षों के भस्मी बनें है।
वीभत्स हिंसा जिनके रग रग में उनके लिये क्या है बुद्ध की वाणी,
सत्य को जानों सत्य को मानों सत्य ही ईश्वर की वाणी।
..
जौहर की ज्वालायें कहतीं,उठो भारत,
जागों भारत,राष्ट्रधर्म संभालों भारत।
अटल सत्य को पहचानों,शत्रु को शत्रु मानों भारत।
..
हे भरतवंशीयों सौगंध तुम्हे स्वाभिमान की ,
श्रीराम की श्रीकृष्ण की गुरू गोविन्द सिंह प्यारे की,
राणा प्रताप,शिवाजी की वीर बंदा बैरागी की
शक्ति को धारण करो, शौर्य का सिंहासन वरो,
रक्षा और सुरक्षा पर अब कोई चूक नहीं।
विजय पथ पर चलना है सदियों सदियों,
यही संकल्प, यही साधना अविरल रखनी है।
मां भारत की सनातन किलकारियां विश्व में गुंजायमान करनी है।
.....


 

 

 

 

 

 

 

 

अजी हिंदुस्तान है मोदी - अरविन्द सिसोदिया

 

गर्व से सीना फूल जिससे,

उसका नाम है मोदी,

दुश्मन जिससे थरथर काँपे,

उसका नाम है मोदी

देश का मान है मोदी, देश की शान है मोदी

देश की जान है मोदी, अजी हिंदुस्तान है मोदी ।।

-1-

जिस पर भारतमाता हर्षाये,

उसका नाम है मोदी 

मातृभूमि का चिंतन करता,

उसका नाम है मोदी

राष्ट्र धर्म पर हमेशा जगता,

उसका नाम है मोदी

रोम रोम में राष्ट्र जगाये

उसका नाम है मोदी

-2-

आतंकी जिससे भय खाते

उसका नाम है मोदी

गद्दार जिसके नाम से भागे,

उसका नाम है मोदी

मन स्वाभिमान से भर जाये

उसका नाम है मोदी

पुरषार्थ करके जो दिखलाये,

उसका नाम है मोदी

-3-

जिसकी वाणी मंत्र बन जाये

उसका नाम है मोदी

हर कोई जिसे गले लगाये

उसका नाम है मोदी 

विश्व जिसको माने अपना 

उसका नाम है मोदी

जिस नाम से देश खुश हो जाये

उसका नाम है मोदी 

-4-

गरीबों का दर्द पहचानें

उसका नाम है मोदी

मातृशक्ति को देवी मानें

उसका नाम है मोदी

युवा जिस पर इठलायें

उसका नाम है मोदी

जो अपना फर्ज निभाये

उसका नाम है मोदी

-5-

जो काम करके दिखलाए

उसका नाम है मोदी

जो महामरी को मार भगाये

उसका नाम है मोदी

मुसीबतों से जो भिड़ जाये

उसका नाम है मोदी

जो राष्ट्र नायक कहलाये

उसका नाम है मोदी

 

 

मोदी जी महान हैं, मोदी जी महान हैं।

मोदी जी, भारत की प्राण ज्योति और राष्ट्रधर्म का मान हैं।

मोदी जी,पवित्रता की धवल कीर्ति और पुरुषार्थ का सम्मान है।

मोदी जी महान हैं, मोदी जी महान हैं।

=1=

यूँ तो भारत सदियों से महान था ,

पर अब लगता है कि भारत में जान है।

जान है भई जान है, मान और सम्मान है।

यूँ तो भारत सदियों से विश्वगुरु था,

पर अब गुरुता के कई प्रमाण हैं।

प्रमाण है भई प्रमाण हैं। आन वान शान है।

मोदी जी महान हैं, मोदी जी महान हैं।

=2= 

अब भारत आजाद लगता है,

परिंदो सी ऊँची उड़ान लगता है,

दुनिया में अपनी धाक रखता है।

मुठ्ठी में आसमान रखता है। आज का भारत,

कर्तव्यपथ का मान है, वैभव की शान है।

पुरखों का सम्मान है, राष्ट्र का स्वाभिमान है।

मोदी जी महान हैं , मोदी जी महान हैं।

=3= 

मोदी युग का भारत, एक अलग पहचान है ,

विश्व पटल पर गूंज रही भारत कि शान है।

कोई बोले बॉस , तो कोई मांगे आटोग्राफ ,

कोई चरणों में झुक जाये,तो कोई गले लग जात है

पूरी दुनिया को भारत का अनोखा विश्वास है

मोदी जी महान हैं , मोदी जी महान हैं

=====

मोदीजी के युगपरिवर्तन से ,

सादियों कि गुलामी को भगाया है ,

कठोर परिश्रम के पुष्प चंदन से ,

राष्ट्रमंदिर को भव्य सजाया है।

मोदीजी के युगपरिवर्तन से .......!

---1----

रामलला के अभिनन्दन से,

अभिभूत ये सारा दिव्यदर्शन है,

महा कुंभ की जगमग आभा का,

देवलोक भी करता बंदन है।

कश्मीर के नव उन्नत ललाट से,

दिव्य भारत प्रकाशमान है।

आजादी मिली कभी थी ,

पर आजादी दिखी अभी से है।

मोदीजी के युगपरिवर्तन से ......!

----2----

अपनी जड़ों को गहरा करता भारत,

अगली पीढ़ियों को संस्कृति सौंपता भारत,

युगों युगों की अगुवाई करनेवाला भारत,

फिर गर्व से उठता भारत,

दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास से भरा भारत,

विश्वमंच का नेतृत्वकर्ता भारत।

स्वाभिमान से भरा भारत,

आजाद हुये कबसे थे,

पर स्वाभिमान से दिखे अब से हैँ।

मोदीजी के युगपरिवर्तन से .......!

---3---

सत्य सनातन की अगुवाई,

विश्व पूरा है भाई - भाई,

इसी भाव की ध्वजा फिरसे,

भारत नें दुनिया में लहराई,

शांति और सदभाव की अलख,

श्रद्धा विश्वास से फिर जगमगाई।

आजाद हैँ दशकों से,

पर आजादी के असली दर्शन अब से हैँ.

मोदीजी के युगपरिवर्तन से .......!

 

---समाप्त ---- 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है 

 

पराकाष्ठा से ऊपर एक इन्शान देखा है,

कर्मयोग में सबसे ऊपर उसका नाम देखा है,

युग बदलते हुये एक प्रधान देखा है,

मोदीजी के रूप में राष्ट्र का निर्माण देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है 

---1---

कभी जहाँ सर झुका कर पहुँचते थे हम ,

अब वहाँ अभिनंदन अविराम देखा हैँ।

कभी पीछे खडे रहते थे बेकार से हम ,

अब बीच में खडे करने का सम्मान देखा है।

विश्वगुरु कहलाते थे सदियों से हम ,

पर संकट में विश्वगुरु में हिंदुस्तान देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है। 

------2-----

आजादी को डस रही थी पड़ोसी दादागिरीयां

अब दादाओं के ऊपर हिंदुस्तान देखा है।

रोज रोज आतंकी हमले हम पर होते थे ,

मुंह तोड़ जबावों से उन पर विराम देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है।

----3----

तुष्टिकरण के तले स्वाभिमान दवा था सदियों से

हम स्वयं सब कुछ भूल गये थे अपने से,

अब सशक्तिकरण में हिंदुस्तान देखा है।

इस वक़्त नें बहुत कुछ बदलते देखा है,

देश का दिव्य स्वाभिमान देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है। ----4-----

फूट से खो चुके थे अपनी ताकत को,

एक जुटता से उभरता हिंदुस्तान देखा है।

सतर्कता स्वतंत्रता की क़ीमत है यह मानलो,

एकता सुरक्षा की जान है पहचान लो,

एक हैँ तभी सेफ में अपना जहान देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

कविता 

मोदी के शासन से कांप रहा है आतंकवाद का नाम

मोदी के शासन से कांप रहा है आतंकवाद का नाम।

घर में घुस कर,दुश्मन को अब ठोक रहा है हिंदुस्तान।

-----

सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक हो,

या हो गलवान घाटी में चीन से हुआ सीधा संग्राम ।

सेना के पुरषार्थ नें शौर्य का सम्मान किया,

दुश्मन की हर हरकत पर, सो टके का संधान किया।

-----

मोदी युग में सीना ताने खड़ा है भारत का स्वाभिमान।

बिल में घुसे हुये आतंकवादी खौफ से परेशान,

खत्म हुआ उग्रवाद का तूफान,

सनातन कहता है,पुरषार्थ ही है सुरक्षा का मान ,

मोदी युग सनातन शौर्य का पाया फिर से हिन्दुस्तान।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

देख न लेना नीचे झुक कर;

गांधी  हिन्दुस्तान को ,

- अरविन्द सीसोदिया

देख न लेना नीचे झुक कर; गांधी  हिन्दुस्तान को ,

फफक - फफक कर रो उठेगो ; अपने स्वाभिमान को !

--1--

गांधी तेरी विरासत पर ; नेहरूवंश का कब्जा है,

गांधी तेरी फ़ोटू नीचे ही  ; बट्टा ही बट्टा है ,

गेहू चावल  दाल ओ घानी ; सब पर सट्टा ही सट्टा है ,

तू नहीं झुका अंग्रेजों से; पर अब अंग्रेजी का पट्टा है !

--2--

राजनीति के ऊचे हिमालय से ; भ्रष्टाचार क़ी गंगा बहती हैं ,

इसी त्रिवेणी  के संगम में ; सरस्वती भी बैठी है ,

कहाँ तुम भारत माता को खोजोगे; डिस्को के  वियावान में ,

वह तो बंद पड़ी है ; संसद के सन्दूकदान में !

--3--

रघुपति राघव राजा राम ; आपका था प्रिय धाम ,

उन्हें भी बंदी बनाया ; बरसों चला यह अपमान,

प्रातिबंध और आपातकाल ; बने लोकतंत्र का मान,

सत्य अहिंसा और धर्म को ; भूल गई तेरी संतान,

--4--

गाँव गरीवी की गर्त में ; गायें क़त्ल खानों में ,

इलाज हुआ हैवान  यहाँ ; शिक्षा पूंजीवाद के नाम ,

क्या हुआ तेरी वसीयत का..; कहाँ तेरे सपनों की शान..!

------- 

 

कविता - 'संविधान और लोकतंत्र की बातचीत "

- अरविन्द सिसोदिया 9414180151

* लोकतंत्र नें पूछा संविधान से,

कहां हो भाई, दिखाई नहीं पड़ते ?

 

* संविधान नें कहा लोकतंत्र से, भाई में तो हस्तनापुर से बँधा हूं, राजतंत्र की इच्छा पूरी करने में तत्पर रहता हूं।

 

      राजा के पास लाखों कर्मचारी है करोड़ों समर्थक है, उनकी ही सेवा करता रहता हूं। इनसे फुरसत मिलती ही नहीं, कि अपना काम कभी देखूँ ! क्योंकि राजा का कुनवा मुझ पर राज्य करता है और में हाजिरी भरता हूँ। 

 

* संविधान नें उलट कर पूछ लिया भाई लोकतंत्र जी तुम भी तो लोक में दिखाई नहीं दिखाई देते ? राजा तो बना देते हो, पर जनता को न्याय नहीं देते! क्या तुम भी राजा के रनिवास से बाहर नहीं निकलते ?

 

* लोकतंत्र नें उदास मन से कहा, जब जन्म हुआ था तब सोचा था देश सेवा करूंगा! मगर ज्यों ज्यों बड़ा हुआ तो पता चला कि मुझे तो सिर्फ सत्ता की सेवा करनी है! इनके मनमुताबिक सामन्तशाही करनी है और उससे भी आगे जाकर, सिर्फ हाँ जी और हजूरी करनी है!

 

    भाई देश स्वतंत्र नहीं स्वछंद हुआ है, अपनी अपनी सोच पर संविधान लीखा हुआ है। दिखाते किताब हैँ उसमें खाली पन्नो को जिल्द किया हुआ है।

 

* दोनों ही कुछ देर चुप रहे और ठंडी आह छोड़कर बोले... हमारा कोई अर्थ नहीं। जो विपक्ष में आता है वह हमारा नाम जाप करता है। हम लेबील बन कर रह गये सामान कुछ और होता है।

 

   सच तो यह है कि हम भी सत्ता के गुलाम हैँ या मानों गुमनाम हैँ। लोग हमारा बैनर लगा कर करते अपना अपना काम करते हैँ।

 

* फिर दोनों नें ही कहा.... चलो कभी तो वह दिन आएगा, जो हमें पुलिस और पटवारी से मुक्त करवाएगा। बाबू जी ही हमारी नियति हैँ और नेताजी हमारी दुर्गति हैँ। 

 

* यह मान कर हम जी रहे हैँ। जब कोई व्यवस्था जमीन से जुड़ जायेगी , तब वह हमें मुक्त करवाएगी , तब वह हमें मुक्त करवाएगी

 

* संविधान और लोकतंत्र को अपनी बातें करते - करते नींद आगई.....! तुम भी क्यों जाग रहे हो, तुम भी सो जाओ!!

 

इंतजार करो कुदरत का वह ही कुछ कर पायेगी।

आशा यही है कि रात भले ही हो, सुबह जरूर आएगी। सुबह जरूर आएगी।

 

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