कविता - युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है Have seen India changing era

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी पर कवितायें - अरविन्द सिसोदिया




कविता 

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है 

- - अरविन्द सिसौदिया 9414180151

पराकाष्ठा से ऊपर एक इन्शान देखा है,
कर्मयोग में सबसे ऊपर उसका नाम देखा है,
युग बदलते हुये एक प्रधान देखा है,
मोदीजी के रूप में राष्ट्र का निर्माण देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है 
---1---

कभी जहाँ सर झुका कर पहुँचते थे हम ,
अब वहाँ अभिनंदन अविराम देखा हैँ।
कभी पीछे खडे रहते थे बेकार से हम ,
अब बीच में खडे करने का सम्मान देखा है।
विश्वगुरु कहलाते थे सदियों से हम ,
पर संकट में विश्वगुरु में हिंदुस्तान देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है।
 
------2-----

आजादी को डस रही थी पड़ोसी दादागिरीयां , 
अब दादाओं के ऊपर हिंदुस्तान देखा है।
रोज रोज आतंकी हमले हम पर होते थे ,
मुंह तोड़ जबावों से उन पर विराम देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है।

----3----
तुष्टिकरण के तले स्वाभिमान दवा था सदियों से, 
हम स्वयं सब कुछ भूल गये थे अपने से,
अब सशक्तिकरण में हिंदुस्तान देखा है।
इस वक़्त नें बहुत कुछ बदलते देखा है,
देश का दिव्य स्वाभिमान देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है।
----4-----
फूट से खो चुके थे अपनी ताकत को,
एक जुटता से उभरता हिंदुस्तान देखा है।
सतर्कता स्वतंत्रता की क़ीमत है यह मानलो,
एकता सुरक्षा की जान है पहचान लो,
एक हैँ तभी सेफ में अपना जहान देखा है।

युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है।

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