कविता - महामानव मोदी kavita Mahamanav Modi
कविता - 4
महामानव मोदी
हे सत्य निष्ठ, हे धर्म निष्ठ, युग निर्माता महामानव मोदी ।
ईश्वर की अनुकम्पा हो तुम, धन्य हुई भारत मां की गोदी।।
..1..
विश्व प्रेम की थाती को, उदित किया सारे जग में,
युगों युगों के पराभव को, बदल दिया प्रकाश में,
भय मुक्त विश्व का भाव, जगाया विश्व भर में,
सत्यनिष्ठ संस्कृति को, फिरसे उजलाया मानव मन में।
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हे सत्य निष्ठ, हे धर्म निष्ठ, युग निर्माता महामानव मोदी ।
ईश्वर की अनुकम्पा हो तुम, धन्य हुई भारत मां की गोदी।।
..2..
सत्य सनातन का गौरव लेकर, चल रहे नित्य नव नूतन को,
विश्व गुरू का भाव लिये, बढ़ रहे मानवता के अभिनन्दन को,
देख रही हे हर्षित मां भारती,पुत्र पवित्र के परिश्रम को,
जग जग कर जनजन की सुध लेता,राम राज देनें को ।
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हे सत्य निष्ठ, हे धर्म निष्ठ, युग निर्माता महामानव मोदी ।
ईश्वर की अनुकम्पा हो तुम, धन्य हुई भारत मां की गोदी।।
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इसे और विस्तृत करना है, सुझाव टिप्पण्णी के माध्यम से भेज सकते हैं। - अरविन्द सिसौदिया 9414180151
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