इंटरव्यू में काट-छांट की , नरेंद्र मोदी ने आपातकाल से तुलना की




इंटरव्यू पर चली कैंची, मोदी ने कहा-इमरजेंसी!

आईबीएन-7 | May 03, 2014  
http://khabar.ibnlive.in.com/news/120029/12

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने दूरदर्शन के अपने इंटरव्यू में काट-छांट से उठे विवाद को प्रेस की आजादी पर हमला करार दिया है। मोदी ने आज एक ट्वीट के जरिये इस घटना की तुलना आपातकाल   के दौरान मीडिया पर लगी पाबंदी से कर डाली। उधर प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार ने भी सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी पर दूरदर्शन की स्वायत्तता में दखलंदाजी का आरोप लगाया है। हालांकि मनीष तिवारी ने इन आरोपों को खारिज किया है।
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर पत्रकारों को बधाई दी, लेकिन असल मकसद सरकार पर हमला करना था। दूरदर्शन पर नरेंद्र मोदी के हालिया इंटरव्यू में हुई काट-छांट के पीछे राजनीतिक मंशा के आरोप पर पहले ही बवाल मचा हुआ है। शनिवार को मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा कि मैं अपने नेशनल टीवी चैनल को स्वायत्तता के लिए जूझते देख दुखी हूं। हमने आपातकाल के वो डरावने दिन देखे हैं जब प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाया गया। ये हमारे लोकतंत्र पर धब्बा है।
मोदी के ट्वीट ने इस विवाद पर अब तक चुप्पी साधे बैठे सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी को बोलने पर मजबूर कर दिया। तिवारी ने दूरदर्शन में सेंसरशिप के तमाम आरोपों को गलत ठहराया। तिवारी ने कहा कि चाहे स्वायत्ता की बात हो या प्रसार भारती के कामकाज में दखलअंदाजी की बात हो, दोनों गलत हैं। मैंने कभी उनके काम में दखल नहीं दिया। डीडी न्यूज प्रसार भारती का हिस्सा है। जवाहर सरकार की नाराजगी कि वजह क्या है ये तो वही बताएंगे। वो मुझसे बड़े हैं और मैं उनकी इज्जत करता हूं।
तिवारी ने कहा कि मेरा ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ है कि प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसार भारती की स्वायत्ता को लेकर कई खबरें छपी हैं। प्रसार भारती संसद के कानून द्वारा अधिकृत है, प्रसार भारती का प्रबंधन एक बोर्ड देखता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय प्रसार भारती के साथ संबंध बनाए रखता है। हमने प्रसार भारती की स्वायत्ता को लेकर सैम पित्रोदा कमेटी का गठन किया था जिसने फरवरी 2012 में अपनी रिपोर्ट सरकार के सामने रखी थी।
दरअसल इससे पहले प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार भी मनीष तिवारी पर कामकाज में दखलंदाजी का आरोप लगा चुके हैं। प्रसार भारती बोर्ड के सदस्यों को लिखी चिट्ठी में उन्होंने प्रसार भारती की स्वायत्ता में गड़बड़ी के लिए मनीष तिवारी को जिम्मेदार ठहराया।
जवाहर सरकार ने लिखा है कि सूचना प्रसारण मंत्रालय से प्रसार भारती को वैसी स्वायत्ता नहीं मिली है, जिसकी उम्मीद की जाती है। प्रसार भारती के सीईओ के मुताबिक युवा मंत्री के आने के बाद उनसे काम में ज्यादा आजादी की उम्मीद की गई थी, लेकिन पुरानी परंपराओं को तोड़ने में वो भी नाकाम रहे।
जवाहर सरकार ने तो यहां तक लिखा है कि समाचार प्रभाग में नियुक्ति, तबादला, करियर के मूल्यांकन जैसे फैसले भी पर्दे के पीछे से लिए जाते हैं। प्रसार भारती दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो का संचालन करने वाली स्वायत्तशासी संस्था है।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हिंडेनबर्ग और उसके आकाओं की राष्ट्रहित में गहरी जांच हो - अरविन्द सिसौदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan

मुस्लिम वोट के लिए कांग्रेस नौटंकी दिल्ली में काम नहीं आएगी - अरविन्द सिसोदिया

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar