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जुलाई, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

World's Parliament of Religions, Chicago : Swami Vivekananda

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http://www.ramakrishnavivekananda.info/vivekananda/volume_1/vol_1_frame.htm RESPONSE TO WELCOME At the World's Parliament of Religions, Chicago 11th September, 1893 Sisters and Brothers of America, It fills my heart with joy unspeakable to rise in response to the warm and cordial welcome which you have given us. I thank you in the name of the most ancient order of monks in the world; I thank you in the name of the mother of religions; and I thank you in the name of millions and millions of Hindu people of all classes and sects. My thanks, also, to some of the speakers on this platform who, referring to the delegates from the Orient, have told you that these men from far-off nations may well claim the honour of bearing to different lands the idea of toleration. I am proud to belong to a religion which has taught the world both tolerance and universal acceptance. We believe not only in universal toleration, but we accept all religions as true. I am proud to belong

HERO OF YOUTH - Swami Vivekananda

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HERO OF YOUTH - Swami Vivekananda "Let us proclaim to every soul. - Arise, awake and stop not till the goal is reached. Arise, Awake from hypnotism of this weakness. None is really weak; the soul is infinite, omnipotent and omniscient. Stand up, assert yourself, proclaim the GOD within you, do not deny him!  Too much of inactivity, too much of weakness, too much of hypnotism, has been & is upon our race. O ye modern Hindus, de-hypnotise yourselves.  The way to do that is found in your own sacred books. Teach yourself, teach everyone his real nature, call upon the sleeping soul and see how it awakes.Power will come, glory will come, goodness will come, purity will come, everything that is excellent will come when this sleeping soul is roused to self-conscious activity. Ay, If there is anything in the Gita that I like , it is these verses, coming out strong as the very gist, the very essence, of Krishna's teaching "He who sees the supreme Lord dwelling alike in

रणकपुर : जैन समुदाय के लिए पाँच पवित्र स्थलों में से एक

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रणकपुर :  जैन समुदाय के लिए पाँच पवित्र स्थलों में से एक    खूबसूरती sculptured जैन मंदिरों इस प्रसिद्ध जगह की महिमा निशान. एक जैन समुदाय के लिए पाँच पवित्र स्थलों में से एक माना जाता, ये 15 वीं सदी में राणा कुम्भ के शासनकाल के दौरान बनाया गया था. ये एक दीवार में संलग्न हैं. केन्द्रीय Chaumukha [चार सामना मंदिर] Adinathji करने के लिए समर्पित है. यह मंदिर 29 हॉलों और 1444 खम्भों सब साफ़ खुदवाए, नहीं, दो स्तंभों की जा रही के साथ एक जैसा वास्तुशिल्प महिमा का एक अद्भुत रचना है. मंदिर के हर हॉल है अचिंतनीय सतह बराबर विनम्रता के साथ नक़्क़ाशीदार. मुख्य मंदिर के मंदिरों का सामना कर रहे हैं Parasvanath - Neminath उत्तम अंक जो कि खजुराहो मूर्तियां के समान लग रहे टेक्सचराइज़र के साथ. दौरा कर लायक एक अन्य मंदिर है कि 'आसपास के सूर्य मंदिर' को समर्पित की 'सूर्य भगवान'. मंदिर, बड़े योद्धा, घोड़े और आकाश के carvings के साथ संवरना एक polygonal दीवार है (नक्षत्रों, grahs) bodies.The सूर्य भगवान ने अपने वाहन की सवारी के रथ पर दिखाया गया है. वहाँ श्रद्धालुओं की एक धारा के आ

सावन मास में भगवान शिवशंकर के सोमवार व्रत

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बड़े ही फलदायक हैं श्रावण में  भगवान शिवशंकर के सोमवार व्रत पं. केवल आनंद जोशी Tuesday July 03, 2012 http://blogs.navbharattimes.indiatimes.com श्रावण मास में भगवान त्रिलोकीनाथ, डमरुधर भगवान शिवशंकर की पूजा अर्चना का बहुत अधिक महत्व है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए श्रावण मास में भक्त लोग उनका अनेकों प्रकार से पूजन अभिषेक करते हैं। भगवान भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होने वाले देव हैं। वह प्रसन्न होकर भक्तों की इच्छा पूर्ण करते हैं। 13 जुलाई 2014 : सावन मास का पहला दिन, 14 जुलाई: पहला सावन (श्रावण) सोमवार व्रत, 21 अगस्त: दूसरा सावन (श्रावण) सोमवार व्रत, 04 अगस्त: तीसरा सावन (श्रावण) सोमवार व्रत, 10 अगस्त: चौथा और आखिरी सावन (श्रावण) सोमवार व्रत, 16 अगस्त: सावन (श्रावण ) मास 2014  का आखिरी दिन           श्रावण मास के इन समस्त सोमवारों के दिन व्रत लेने से पूरे साल भर के सोमवार व्रत का पुण्य मिलता है। सोमवार के व्रत के दिन प्रातः काल ही स्नान ध्यान के उपरांत मंदिर देवालय या घर पर श्री गणेश जी की पूजा के साथ शिव पार्वती और नंदी बैल की पूजा की जाती है। इस दिन प्रसाद के रू

देवकीनन्दन खत्री : 'चन्द्रकान्ता' अमर उपन्यास

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बाबू    देवकीनन्दन ख त्री - प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल (जन्म- 29 जून, 1861 - मृत्यु- 1 अगस्त, 1913) हिन्दी के प्रथम तिलिस्मी लेखक थे। देवकीनन्दन खत्री जी का जन्म पूसा, मुजफ्फ़रपुर, बिहार में हुआ था। उनके पिता का नाम 'लाला ईश्वरदास' था। उनके पूर्वज पंजाब के निवासी थे और मुग़लों के राज्यकाल में ऊँचे पदों पर कार्य करते थे। महाराज रणजीत सिंह के पुत्र शेरसिंह के शासनकाल में लाला ईश्वरदास काशी आकर बस गये। देवकीनन्दन खत्री जी की प्रारम्भिक शिक्षा उर्दू - फ़ारसी में हुई थी। बाद में उन्होंने हिन्दी, संस्कृत एवं अंग्रेज़ी का भी अध्ययन किया। मुजफ्फरपुर देवकीनन्दन खत्री के नाना नानी का निवास स्थान था। आपके पिता 'लाला ईश्वरदास' अपनी युवावस्था में लाहौर से काशी आए थे और यहीं रहने लगे थे। देवकीनन्दन खत्री का विवाह मुजफ्फरपुर में हुआ था, और गया ज़िले के टिकारी राज्य में अच्छा व्यवसाय था। कुछ दिनों बाद उन्होंने महाराज बनारस से चकिया और नौगढ़ के जंगलों का ठेका ले लिया था। इस कारण से देवकीनंदन की युवावस्था अधिकतर उक्त जंगलों में ही बीती थी। इन्हीं जगंलों और उनके खंडहरों से देवकीनन्दन ख

उत्तरप्रदेश निकाय चुनाव में भाजपा की भारी जीत, कांग्रेस का सूपड़ा साफ

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यूपी में भाजपा की वापसी..... उत्तरप्रदेश में मात्र कुछ महीनें पहले बहूमत हांसिल करने वाली सपा ने गुंडाराज के चलते अपना जनमत बुरी तरह गंवा दिया है। वहां 12 नगरनिगम चुनावों में 9 में भाजपा ने जीत हांसिल की है कांग्रेस खता नहीं खेल सकी। जबकि सत्ता रूढ सपा मात्र 1 स्थान पर और 1 पर बसपा समर्थित जीत पाये है। एक की मतगणना जारी है। ---------------- यूपी निकाय चुनाव में भाजपा की भारी जीत, कांग्रेस का सूपड़ा साफ लखनऊ/अमर उजाला ब्यूरो Story Update : Saturday, July 07, 2012 उत्तर प्रदेश के महानगरों में भाजपा ने परचम फहरा दिया है। सूबे के 12 नगर निगमों में राजधानी लखनऊ सहित नौ में भाजपा के महापौर चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। एक-एक सीट सपा और बसपा समर्थित प्रत्याशियों के कब्जे में गई है। गाजियाबाद नगर निगम के महापौर पद के लिए भाजपा व सपा समर्थित उम्मीदवार के बीच संघर्ष चल रहा है, लेकिन यहां का महापौर पद भी भाजपा के ही खाते में जाने की संभावना दिख रही है। नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के अब तक जो रुझान मिले हैं, उनमें निर्दलियों का दबदबा दिख रहा है। पार्टी वार विश्लेषण करें तो यहां

जम्मू - कश्मीर को फिर से भारत से अलग करने का षडयंत्र

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विशेषज्ञ सलाहकारों की सलाह की ओट से, जम्मू - कश्मीर को फिर से भारत से अलग करने का षडयंत्र कश्मीरी अलगाववादी गुलाम नबी फई प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद उसके निमंत्रण पर जाने वाले वार्ताकारों की काफी किरकिरी हो चुकी है। इस कारण त्रि-सदस्यीय पैनल की देश के प्रति निष्ठा भी संदिग्ध मानी जाने लगी है। फई वॉशिंगटन स्थित कश्मीरी अमेरिक...न कौंसिल (केएसी) का प्रमुख है। वह 1990 अमेरिका में रह रहा है। उसको कश्मीर मसले पर लाबिंग और पाकिस्तान सरकार व उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में एफबीआई ने 19 जुलाई को वर्जीनिया में गिरफ्तार किया था। फिलहाल अमेरिकी अदालत ने फई को गहन निगरानी में रखने का आदेश सुनाते हुए 27 जुलाई को जमानत दे दी।        पडगांवकर और प्रो. कुमार पर आरोप लगा था कि उन्होंने फई द्वारा विदेशों में कश्मीर मसले पर आयोजित कई सम्मेलनों में हिस्सा लिया और पाकिस्तान के पक्ष में अपने विचार व्यक्त किये। हालांकि पडगांवकर और प्रो. कुमार के अलावा इस श्रेणी में कई और भारतीय बुद्धिजीवी भी हैं, जिन्होंने समय-समय पर भारत की कश्मीर नीति के खिलाफ बोला। कश्मीर मसले पर फई