हाथी को चींटी ने पछाड़ा : खबरों से खिलवाड़
हाथी को चींटी ने पछाड़ा आज चैनली मिडिया में कुछ चैनल इस तरह खबरों को परोस रहे हैं कि सच हाथी की तरह वजनदार हो कर भी झूठ रुपी चींटी से परास्त हो गया | इसके लिया कुछ चैनलों का व्यवहार / लक्ष्य - हिंदुत्व को किसी भी तरह नीचा दिखाओ , उसे अपमानित करो , हिन्दू समाज में विभाजन करो , देश का बुरा करने वालोँ पक्ष लो , मदद करो की नीति का है | कुछ चैनलों के कारण सम्पूर्ण मिडिया के प्रति अविश्वास फैलता जा रहा हे | ------ खबरों से खिलवाड़ : पांचजन्य से साभार ...... दिनांक 24-अप्रैल-2018 सत्य को न देखने के कारण यह संसार जला है, इस समय जल रहा है और जलेगा। — अश्वघोष (सौंदरनंद 16/43) संस्कृत की प्रख्यात उक्ति है- अति सर्वत्र वर्जयेत्। यानी किसी भी चीज की अधिकता बुरी है। यदि यह कसौटी खबरों पर लागू करें तो पाएंगे कि आजकल हम सूचनाओं की बमबारी से त्रस्त हैं। दिनभर जैसी कच्ची-पक्की, सच्ची-झूठी, नफरत या राजनैतिक एजेंडे में पगी खबरों की बमवर्षा होती है उसमें खबरों की छंटाई लगता है बीते दिनों की बात हो गई है। यह लापरवाही पाठक और मीडिया दोनों के स्तर पर है और इसीलिए दोहरी खतरनाक भी है।