पकडे अन्ना-छोडे अन्ना,क्या मखौल है देश में।

-मोहनलाल गालव (कोयला जिला बांरा,राजस्थान) पकडे अन्ना-छोडे अन्ना,क्या मखौल है देश में। धूर्तों का दिवाला निकला , खाकी वर्दी वेष में।। 1।। सरकार गृहमंत्रालय , देखो करते मनमानी। दूरदर्शिता बिलकुल नहीं है,बन गये ऐशे अभिमानी।। 2।। गांधीमार्ग कलंकित कर रहे , देखो आज संसद में। रावण की लंका में जैसे, पग रोपा हो अंगद ने।। 3।। ईमानदारी,सत्य,अहिंसा की, शपथ जो ये खाते है। घर भरने में नहीं चूकते,रिश्वत खूब कमाते हैं।। 4 ।। उपर से करते हैं थोथी बातें, भ्रष्टाचार मिटाने की। मंशा इनकी तीव्र होती है,कालाधन कमानें की ।। 5 ।। भ्रष्टाचारी कालेधन को , लेकर आवे देश में। देश समृद्धि की गणना हो,सम्पूर्ण विश्व में।। 6 ।। देशवासियों जागों अब तो, माता तृम्हे पुकारती। देख कर इनके करतब सारे,इनको वह दुत्कारती ।। 7।। भारतमाता - कालेधन पर परत पडी है,उसको में तुडवा दूंगी। तुम मुझे अहिंसा दो , में तुम्हे वैभव दूंगी।। 8 ।। अन्ना के लिये - कत्तव्य मार्ग पर अडे रहो, सत्य मार्ग मिल जावेगा। जीवन लक्ष्य प्राप्त करो तुम, काल कभी न आवेगा।। 9 ।।