बजट : 2018-19




एक्साइज ड्यूटी घटने के साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी हो गई है तो मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क बढ़ा दिया है. जिससे मोबाइल-टीवी महंगे हो जाएंगे.

- 1 फ़रवरी, 2018

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया. बजट की प्रमुख बातें : - बजट में भारतीय रेल के लिए 2018-19 में 1,48,528 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. सभी रेलगाड़ियों को वाई-फाई, सीसीटीवी और अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा सुगम बनाने के लिए पांच लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जाएंगे. सरकार क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी, जिसका इस्तेमाल अवैध लेनदेन के लिए किया जा रहा है. निजी उपक्रमों को भी यूनीक आईडी से जोड़ा जाएगा. सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के तहत और दो करोड़ शौचालयों के निर्माण की योजना है. वित्त वर्ष 2018-19 में टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए 7,148 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. इसके साथ ही दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है. एक्साइज ड्यूटी घटने के साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी हो गई है तो मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क बढ़ा दिया है. जिससे मोबाइल-टीवी महंगे हो जाएंगे.
20 बड़ी बातें
* वेतनभोगी कर दाताओं को राहत देने के उद्देश्य से परिवहन भत्ता और विविध चिकित्सा व्ययों के संदर्भ में वर्तमान कटौतियों के बदले 40,000 रुपए की मानक कटौती की अनुमति दी गई है. हालांकि दिव्यांगजनों को बढ़े दर पर मिलने वाला परिवहन भत्ता जारी रहेगा.
* स्वास्थ्य क्षेत्र में दो महत्तवपूर्ण पहलों की घोषणा. 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रो के लिए 1200 करोड़ रुपये का आबंटन. 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए * राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना.
उन कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत के घटे हुए दर का प्रस्ताव किया है, जिनका वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान टर्नओवर 250 करोड़ रुपए तक है.  यह सूक्ष्म लघु और मझौले उद्यमों के पूरे संवर्ग को फायदा पहुंचाएगा.  टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाली 99 प्रतिशत कंपनियां इसी संवर्ग में आती हैं.
* रक्षा क्षेत्र को बजटीय सहयोग सरकार की प्राथमिकता. दो रक्षा औद्योगिक गलियारे विकसित किए जाएंगे. सरकार औद्योगिक अनुकूल रक्षा उत्पादन नीति 2018 लाएगी.
* घरेलू मूल्य वर्द्धन एवं ‘मेक इन इंडिया’ को और ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने, इसके कुछ कलपुर्जों एवं सहायक सामान पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने तथा टीवी के कुछ विशेष कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है.
* काजू प्रसंस्करण उद्योग की मदद करने के उद्देश्य से कच्चे काजू पर सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से घटा कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है.
* चमड़ा उद्योग को आयकर अधिनियम की धारा 80-जेजेएए के अंतर्गत लाभ देने का प्रस्ताव किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने आज संसद में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए कहा कि वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 80-जेजेएए के तहत वर्ष के दौरान न्यूनतम 240 दिनों तक रोजगार पाने वाले योग्य नए कर्मचारियों को मिलने वाले 100 प्रतिशत पारिश्रमिक में से सामान्य कटौती के अतिरिक्त 30 प्रतिशत वृद्धि की कटौती की अनुमति है.
* हालांकि वस्त्र उद्योग में न्यूनतम रोजगार की अवधि में 150 दिनों तक की छूट है। वित्त मंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि फुटवियर और चमड़ा उद्योग को भी न्यूनतम 150 दिनों की छूट मिलने से इस क्षेत्र में नए रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा.
* कृषि में फसल काटने के पश्‍चात मूल्‍य संवर्धन में व्‍यवसायिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने वित्‍त वर्ष 2018-19 में पांच वर्ष की अवधि के लिए सौ करोड़ रुपए तक के वार्षिक उत्‍पादन वाली कृषक उत्‍पादक कंपनियों के रूप में पंजीकृत कंपनियों के अपने कार्यकलापों से होने वाले लाभ के संबंध में सौ प्रतिशत तक कटौती का प्रस्‍ताव दिया गया.
* केंद्रीय बजट 2018-19 में सूक्ष्‍म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 3794 करोड़ रूपये के प्रावधान की घोषणा करते हुए केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि ऐसा इस क्षेत्र को ऋण समर्थन, पूंजी एवं ब्‍याज सब्‍सिडी और नवाचार के लिए किया गया है।
* सरकार ने अर्थव्‍यवस्‍था में वृद्धि के प्रमुख संवाहक की भू‍मिका की पहचान करते हुए, आम बजट 2018-19 में बुनियादी ढांचे के आबंटन में महत्‍वपूर्ण वृद्धि की है। इस क्षेत्र के लिए बजटीय और अतिरिक्‍त बजटीय व्‍ययों को 2017-18 के 4.94 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2018-19 में 5.97 करोड़ रुपए कर दिया है। 2018-19 में परिवहन क्षेत्र के लिए 1,34,572 करोड़ रुपए का अब तक का सबसे अधिक आबंटन किया गया जबकि आपदा से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए 60 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया.
* सरकार ने निधियां जुटाने एवं बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाने के उपाय शुरू किए हैं.  2018-19 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में कहा कि सरकार ने 24 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में नीतिगत विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें एअर इण्डिया का नीतिगत निजीकरण शामिल है.
 2017-18 में लक्ष्य से कहीं अधिक 1 लाख करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने 2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य भी 80,000 करोड़ रुपये रखा है.
 * 2018-19 के दौरान कुल व्यय 24.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है.  3.3 प्रतिशत राजकोषीय घाटा 6 लाख 24 हजार 276 करोड़ रुपये होने का अनुमान है जिसका वित्त पोषण ऋण लेकर किया जाएगा.
* विदेश व्यापार में आसानी लाने के लक्ष्य के अंतर्गत तथा व्यापार सुविधा समझौते के कुछ प्रावधानों में एकरूपता लाने के उद्देश्य से आम बजट 2018-19 पेश करते हुए सीमा शुल्क अधिनियम 1962 में कुछ संशोधनों की घोषणा की गई.
* वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के साथ ही आम बजट 2018-19 पेश करते हुए घोषणा की कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदल कर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) रखा जाएगा.  कानून में आवश्यक बदलाव वित्त विधेयक में प्रस्तावित किए गए हैं.
* 2017-18 की अवधि के दौरान विनिवेश के जरिए रिकार्ड एक लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है. बैंकों के नई पूंजी उपलब्ध कराने के कार्यक्रम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त उधार दे सकेंगे.  निधियां जुटाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 14,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शुरू की गई एक्सचेंज ट्रेडिड फण्ड भारत-22 सभी भागों में ओवर सब्सक्राइब थीं. वित्त मंत्री ने 2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य भी 80,000 करोड़ रुपये रखा है.
* केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2018-2019 पेश करते हुए कहा कि अनुसूचित जातियों के लिए 279 कार्यक्रमों के लिए वर्ष 2016-17 के 34,334 करोड़ रूपये की तुलना में वर्ष 2017-18 में आवंटन को बढाकर 52,719 करोड़ रूपये किया गया.
* खुले में शौच से गांवों को मुक्त करने तथा ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बजट भाषण में गोबर-धन (गैलवनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्स धन) योजना के शुभारंभ की घोषणा की. मंत्री महोदय ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा.
 * साल 2018-19 में ‘ वर्तमान में अचल संपत्‍ति के लेने-देन के संबंध में पूंजीगत लाभ, कारोबारी मुनाफा एवं अन्‍य स्रोतों से होने वाली आय पर कर लगाते समय कुल राशि अथवा सर्किल रेट मूल्‍य, जो भी अधिक हो, पर विचार किया जाता है. अंतर को क्रेता एवं विक्रेता की आय मानी जाती है. कभी-कभी भूखंड की स्‍थिति एवं उसके आकार जैसे तमाम कारकों के कारण समान क्षेत्र की विभिन्‍न संपत्‍तियों के संदर्भ में यह अंतर दिख सकता है. इस प्रकार रियल एस्‍टेट लेन-देन को आसान बनाने के क्रम में वित्‍त मंत्री ने प्रस्‍ताव दिया है कि उन मामलों में कोई समायोजन नहीं किया जाएगा जहां सर्किल रेट का मूल्‍य कुल राशि के 5 फीसदी से अधिक न हो. 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा में भाजपा नेतृत्व की ही सरकार बनेगी - अरविन्द सिसोदिया

भारत को बांटने वालों को, वोट की चोट से सबक सिखाएं - अरविन्द सिसोदिया

शनि की साढ़े साती के बारे में संपूर्ण

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

देव उठनी एकादशी Dev Uthani Ekadashi