होली : नरसिंह अवतार, भक्त प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और होलिका.....

होली की बहुत बहुत शुभ कामनाएं और बधाई ..! रंगों के इस त्यौहार का सन्देश स्पष्ट है कि जिन्दगी बहुरंगी होनी चाहिए ..! एक रंग नीरसता को लाता है .. तो बहुरंगता विविधता के द्वारा नीरसता को तोड़ता है ..! जीवन को बहु रंगी बनायें .. जम कर होली मनाएं ..! - अरविन्द सिसोदिया , कोटा , राजस्थान , भारत | 09414180151 Blog - arvindsisodiakota.blogspot.com Blog - arvindsisodiakota.blogspot.com ------ संझिप्त में होली की कथा ..... होली के प्रचलन की अनेक कथाओं में प्रमुख है भक्त प्रहलाद , उसके पिता , बुआ और भगवान की कथा। कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक असुर था जिसका नाम था हिरण्यकश्यप। अपने बल और सामर्थ्य के अभिमान में वह स्वयं को ही भगवान मानने लगा था। उसका पुत्र प्रह्लाद बड़ा ईश्वर भक्त था। हिरण्यकश्यप की भारी व्यथा यह थी कि उसके घर में ही उसे विद्रोह के स्वर (धर्म-पालन और ईश्वर-भक्ति के वचन) सुनाई दे रहे थे। अर्थात प्रह्लाद की ईश्वर-भक्ति और धर्मपरायणता उसके ढोंग को नकार देते थे ..! जिससे नाराज होकर हिरण्यकश्यप ने ...