सभी संस्कृतियों का आदर करने से समृद्ध होगा विश्व : परमपूज्य श्री भागवत जी
सभी संस्कृतियों का आदर करने से समृद्ध होगा विश्व : परम पूज्य श्री भागवत जी
भागवत ने कहा कि हिन्दू धर्म नहीं बल्कि जीवन पद्धति है। हम विश्व बंधुत्व को मानने वाले हैं और वसुधैव कुटंबकम पर विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सभी धर्म और संस्कृतियों का आदर करना चाहिए और ऐसा करने पर ही विश्व और ज्यादा समृद्ध होगा ।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण के साथ मनुष्य किस प्रकार संतुलन बनाकर रह सकता है, भारतीय संस्कृति में इन प्रश्नों का उत्तर है। उन्होेने कहा कि एक स्वस्थ समाज के लिए जरूरी है कि वह नियमित व्यायाम और उचित आहार लेते हुए एक संयमित जीवन जिये।
हिन्दू स्वयंसेवक संघ की ओर से लंदन से नजदीक हर्टफोर्डशायर में कंट्री शो मैदान में लगे इस शिविर में ब्रिटेन के एचएसएस से जुड़े 2200 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। 1966 में ब्रिटेन में संगठन की स्थापना की गई थी। इस वर्ष इसकी स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है।
29 जुलाई को श्री भागवत ने तीन दिवसीय कैंप का उद्घाटन किया जिसमें सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और एचएसएस यूके इकाई के राम वैद्य सहित अन्य संगठन के वरिष्ठ जनों ने भाग लिया। इस शिविर की थीम `संस्कार, सेवा और संगठन` थी।
इस दौरान लंदन के उपमहापौर बिजनेस राजेश अग्रवाल ने एचएसएस के शीर्ष बिजनेस नेताओं से शुक्रवार को मुलाकात की। इस दौरान पिछले 50 वर्षों मेे एचएसएस की उपलब्धियों को लेकर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।
संघ से प्रेरित एचएसएस-यूके ब्रिटेन में काम करने वाला एक सामाजिक संगठन है जो समय-समय पर दान, आध्यात्म तथा सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहता है जिसकी सराहना ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून और मार्गेट थैचर कर चुके हैं।
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