मोदी सरकार के बेमिसाल तीन साल - अरविन्द सिसौदिया


मोदी सरकार के तीन साल बेमिसाल:अरविन्द सिसौदिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र जी मोदी की केन्द्र सरकार के तीन साल 26 मई 2017 को होनें जा रहे है। मीडिया के क्षैत्र में अलग - अलग तरीकों से जांच पड़ताल हो रही है , आलेख लिखे जा रहे हैं , रायसुमारियां हो रहीं हैं, कि मोदी सरकार के तीन साल कैसे रहे। “स्वच्छ भारत से स्वच्छ धन” तक की मोदी सरकार की यात्रा के तीन साल भारत में प्रौ़द्योगिकी के उपयोग, आंतरिक विकास एवं बदलाव के लिये बेमिसाल रहे हैं। जीवन को उन्नत करनें और मानवता को अधिकतम लोगों तक ले जानें के महान प्रयास में मोदी सरकार को युगों - युगों तक स्मरण किया जाता रहेगा। सम्पूर्ण भारत के जन - जन की अभिलाषा है कि मोदी जी लगातार इसी तेजश्विता से , ऊर्जा से भारत को नेतृत्व प्रदान करते रहें । हम सफलतम तीन वर्ष  के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करते है। उन्हे बधाई प्रेषित करते है।
आपका
अरविन्द सिसौदिया ,
जिला महामंत्री भाजपा, कोटा, राजस्थान
 9414180151 / 9509559131



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-16 मई को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव जीती बीजेपी
-26 मई को पीएम के तौर पर नरेंद्र मोदी ने ली थी शपथ
-उनके कार्यकाल के कई काम काफी सराहे गए.

नई दिल्ली: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को तीन साल पहले जनता ने गुजरात छोड़कर दिल्ली में आने को मजबूर कर दिया. खुद बीजेपी ने नहीं सोचा था कि पार्टी को इस प्रकार का बहुमत मिलेगा जो ऐतिहासिक होकर भारतीय राजनीति के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो जाएगा. यह पहली बार हुआ कि एक वर्तमान मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री पद का उत्तराधिकारी बना.

कारण साफ था गुजरात के बाहर मोदी की कार्यशैली, निर्णय लेने की क्षमता, कुछ नया करने की इच्छाशक्ति और भविष्य को ध्यान में रखकर तकनीक का प्रयोग आदि की खबरें जो आई उसने लोगों के दिलोदिमाग पर एक ही छाप छोड़ी, अबकी बार मोदी सरकार. लोगों ने यह नारे नहीं लगाए, अबकी बार बीजेपी सरकार.

पहले लोग गुजरात के बाहर मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के जानते थे. अब लोग एक पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी को जानते और समझने लगे हैं. पिछले तीन सालों में पीएम मोदी के प्रति लोगों का लगाव कुछ ऐसा बढ़ा है कि उनकी लोकप्रियता का ग्राफ नीचे आने का नाम ही नहीं ले रहा है. विपक्ष इसी बात से परेशान है. पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के तीन साल में पीएम को लोगों को जानने और समझने का मौका मिला. इन तीन सालों में पीएम मोदी के कुछ ऐसे काम रहे जो तमाम लोगों की नजर बेहतर पाए हैं. इनमें से 15 का जिक्र अब बनता है.

नरेंद्र मोदी का स्वच्छता का प्रति झुकाव 
शायद ही इससे पहले किसी प्रधानमंत्री का स्वच्छता के प्रति इतना झुकाव देश ने देखा होगा. स्वच्छता को एक अभियान बनाना. अभियान का हिस्सा बनना. खुद झाड़ू लेकर मैदान में उतरना और लाखों लोगों को इसके लिए प्रेरित करना. आसान काम नहीं है. लेकिन पीएम मोदी ने बखूबी कर दिया. परिणाम कितना मिला इस बारे में ज्यादा नहीं कहा जा सकता, लेकिन देश में लोग इस बारे में प्राथमिकता से विचार करने लगे, यह इस अभियान की सफलता के पयमाने में एक जरूर है.

पीएम नरेंद्र मोदी का समय का पालन करना
पीएम नरेंद्र मोदी काफी मेहनती है. कहा जाता है कि दिन में 18 घंटे वह काम करते हैं. समय की पाबंदी पसंद करते हैं. जब से सत्ता में आए इन्होंने सरकारी कर्मचारियों में इसे लागू करवाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी. कई मंत्रालयों में जहां कर्मचारी 11 बजे के बाद दिखाई देते थे और 3 बजे तक कुर्सियां खाली होना शुरू हो जाती वहां की परिस्थिति बिल्कुल बदल गई है. पीएम मोदी ने आदेश देकर लगभग सभी  केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने के आदेश दे दिए.

सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान और विपक्ष का मुंह बंद 
नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर के हिस्से में सर्जिकल स्ट्राइक की मंजूरी दी और भारतीय सेना ने पहली यह कारनामा कर पूरी दुनिया को अचरज में डाल दिया. यह अलग बाद है कि कांग्रेस की ओर से कहा गया कि उनके कार्यकाल के दौरान में ऐसा हुआ लेकिन उन्होंने ढिंढोरा नहीं पीटा. वर्तमान डीजीएमओ ने इसे अपनी तरह का पहला  आपरेशन बताया तो कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सीमा पर अकसर इस तरह की कार्रवाई होती है.

पीएम के मन की बात
सत्ता में आने के बाद किसी प्रधानमंत्री ने जनता से जुड़ने का अनोखा माध्यम निकाला मन की बात. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महीने के अंतिम रविवार को लगातार मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम के लिए लोगों से सुझाव मंगाते और कई मुद्दों पर लोगों से बात करते हैं. पीएम की इस पहल की लोगों ने काफी सराहना की है.

भ्रष्टाचार पर अंकुश की कोशिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही यह प्रयास आरंभ किए कि भ्रष्टाचार पर हर प्रकार का अंकुश लगे. इसके लिए सरकार सभी सरकारी भुगतान ऑनलाइन करने का निर्णय लिया. टेंडरिंग को पूरी तरह ऑनलाइन करने का आदेश दिया. इस प्रकार के कई आदेश सरकार दिए और इसकी उपलब्धि कितनी है इस बारे में ठोस नहीं कहा जा सकता है. कहा जा सकता है तो सिर्फ इतना कि पिछले तीन साल में अभी  तक सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है. जबकि पिछली सरकार में मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पर आरोप लगते रहे हैं.

नोटबंदी का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को तत्कालीन 500 और 1000 के नोट को बंद करने का ऐलान किया. देश की पूरी अर्थव्यवस्था जैसे रुक गई. पीएम ने लोगों ने दो महीने का समय मांगा और लोगों ने दिया. लोगों को काफी कष्ट झेलने पड़े. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया. नोटबंदी को गलत कदम करार दिया. चुनाव में भुनाने का प्रयास भी लेकिन यह लोगों का मोदी से विश्वास कम नहीं हुआ.

स्वस्थता के प्रति सजगता
पीएम मोदी स्वास्थ्य के प्रति काफी सजग हैं. वह सुबह उठकर योग करते हैं. उन्होंने पूरी दुनिया में योग दिवस मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया और भारत के नाम एक अंतरराष्ट्रीय सफलता लगी. इतना ही नहीं वह लगातार लोगों से यह अपील कर रहे हैं कि वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें. योग को अपनाएं और स्वस्थ जीवन शैली.

तकनीक के प्रति रुझान
प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे. वहां से वह लगातार सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़े रहे हैं. मोबाइल तकनीक और तकनीक का प्रयोग कामकाज में करने ताकि पारदर्शिता बने और काम सहज हो. यह प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की देश को एक देन है. भारत में राष्ट्रपति का एक ट्विटर हैंडल  बना. पीएमओ का ट्वीटर हैंडल, पीएम का, सभी मंत्रालयों और मंत्री को ट्वटीर से लोगों से जुड़ने का आदेश दिया गया और सभी को सक्रियता से इससे जुड़ने की बात कही गई. परिणाम साफ है कि विदेश मंत्रालय से लेकर रेल, और कई मंत्रालयों में लोगों ने ट्विटर के जरिए अपनी समस्याओं का समाधान किया. कई बार तो बड़ी समस्याओं का समाधान एक ट्वीट से हो गया. उससे से बड़ी बात समय पर लोगों को सुविधा मिली और लोगों ने पीएम की इस मुहिम का लाभ उठाया और दिया धन्यवाद.

डिजिटल भारत की मुहिम
डिजिटल भारत के सपने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी आगे बढ़ रहे हैं. उनके पिछले तीन साल के कार्यक्रम में वह लगातार इस ओर बढ़ते जा रहे हैं. लोगों ने इस दिशा में काम करने का आग्रह कर रहे हैं. सरकार के सभी विभागों को डिजिटलाइजेशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनका मानना है कि इससे पर्यावरण से लेकर धन की हानि दोनों को बचाया जा सकता है. कई सरकारी काम अब इस माध्यम से होने लगे हैं. इतना ही नहीं कई ऐसे फॉर्म को सरल किया जिसके चलते लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

कैशलेश भारत की मुहिम
पीएम ने न्यू इंडिया की संकल्पना की है. उन्होंने इसके लिए कैशलेस भारत की बात कही है. वह चाहते हैं कि देश में नकदी का चलन न हो. यह सबसे बड़ा माध्यम है भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का. पीएम को कितनी कामयाबी मिली, या मिलेगी यह तो साफ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन लोगों ने माना कि पीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत किलेबंदी की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

रोज एक कानून किया खत्म
आजादी के पहले अंग्रेजों ने भारत के लिए कई कानून बनाए. आजादी के बाद भी हजारों की संख्या में इस प्रकार के कानून भारत में चलते रहे. कई ऐसे कानून भी हैं जिनकी अब आवश्यकता भी नहीं रही. आजादी के 70 से भी ज्यादा हो गए कई सरकारें आईं कई लेकिन किसी ने भी इस ओर विचार नहीं किया. नरेंद्र मोदी सरकार ने कई ऐसे कानून रद्द कर दिए जिनकी अब कोई जरूरत नहीं है. एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि जब से वह सरकार में आए हैं तब से लेकर अब तक उन्होंने 1000 से ज्यादा कानून रद्द कर दिये हैं. वे अपनी इस मुहिम में रोज  आगे बढ़ रहे हैं. उनका मानना है कि कई गैरजरूरी कानून लोगों के लिए दिक्कत पैदा करते हैं.

नीति आयोग का गठन
योजना आयोग अब इतिहास हो गया है. इसके स्थान पर पीएम मोदी ने नीति आयोग का गठन किया है. जब मोदी गुजरात के सीएम थे तब योजना आयोग, उसकी कार्यशैली और राज्यों से व्यवहार उन्हें उचित नहीं लगा. राज्यों से केंद्र के बेहतर समन्वय के लिए उन्होंने नीति आयोग का गठन किया.

पाकिस्तान को अलग थलग करना 
अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद को नीति के रूप में प्रयोग कर रहे पाकिस्तान को भारत ने अलग थलग कर दिया. आज पाकिस्तान पर अमेरिका से लेकर कई देशों ने दबाव बनाया है कि वह आतंकवाद को प्रशय देना बंद करे. इस काम में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है.

चीन की आंखों में आंखों डालना
पिछले काफी समय से चीन भारत के बड़े भाई की भूमिका में आने के प्रयास में रहा. एक तरफ जहां वह पाकिस्तान की मदद कर रहा है वहीं भारत के कई हिस्से पर अपना दावा करता रहा है. एलएसी को वह स्वीकार नहीं कर रहा है. लेकिन कई दशकों बाद भारत ने लेह के आगे अपने 100 टैंक भेजे और युद्धाभ्यास किया. वहीं अरुणाचल प्रदेश के विकास और सीमा पर सड़क निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया गया.

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