नीतीश कुमार : दो बार मौका था तब क्यों नहीं याद आई बिहार की बेटी मीरा कुमार ?



बिहार के सीएम नीतीश का विपक्ष पर हमला, 
पूछा-मीरा कुमार को हराने के लिए राष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों बनाया

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jun 23, 2017

पटना
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव इफ्तार पार्टी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 'टेस्ट' बदलने में कामयाब नहीं रहे। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के साथ मजबूती से खड़े नीतीश ने इफ्तार पार्टी से बाहर निकलते ही विपक्ष पर जोरदार निशाना साधा और पूछा कि क्या बिहार की बेटी का चयन हारने के लिए किया गया है? लालू ने नीतीश से फैसले पर पुनर्विचार करने और विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन की अपील की थी।

शुक्रवार को सभी की नजरें लालू की इफ्तार पार्टी पर ही टिकी हुईं थीं। इसमें नीतीश-लालू गले तो जरूर मिले, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव पर दोनों की पसंद अलग ही रही। नीतीश ने मीडिया कर्मियों से कहा, 'मैं मीरा कुमार का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन क्या बिहार की बेटी का चयन हराने के लिए किया गया? जिताने के लिए क्यों नहीं किया गया? दो बार मौका था तब क्यों नहीं याद आई बिहार की बेटी? यदि सच में सम्मान करना है तो 2019 में जीत के लिए रणनीति बनाइए और 2022 में बिहार की बेटी को राष्ट्रपति बनाइए। अभी भी मौका है उन्हें दोबारा सोचना चाहिए। हम लोगों ने हर पहलू पर गौर करके निर्णय लिया है। यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है। जहां तक जेडीयू की बात है पार्टी स्वतंत्र निर्णय लेती है। पिछली बार जब प्रणव मुखर्जी और हामिद अंसारी उम्मीदवार थे तो बीजेपी के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ बयानबाजी की थी तो मैंने उसकी मुखालफत की थी। एनडीए में रहते हुए हमने उनका समर्थन किया था।'

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार के तौर पर मीरा कुमार के नाम के ऐलान के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मीरा को 'बिहार की बेटी' बताते हुए कहा था कि कोविंद को समर्थन देकर नीतीश 'ऐतिहासिक भूल' कर रहे हैं। पत्रकारों ने जब नीतीश से इस पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा, 'लालू जी आपको क्या कहते हैं मुझे उस पर कुछ नहीं कहना है? जब 17 पार्टियां एक साथ बैठीं और एक उम्मीदवार तय किया तो उनका फर्ज था अपील करना। कहा जा रहा है कि ऐतिहासिक भूल है....तो करने दीजिए... छोड़ दीजिए।

विपक्ष को झटका
जेडीयू का एनडीए उम्मीदवार को समर्थन विपक्ष की एकता के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। नीतीश के इस कदम से बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर भी कयासों के नए दौर की शुरुआत हो सकती है। सियासी गलियारों में काफी लंबे समय से जेडीयू और आरजेडी के रिश्तों में तल्खी के कयास लग रहे हैं। 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

पहले दिन से सुपरफ़ास्ट दौड़ रही है भजनलाल शर्मा सरकार - अरविन्द सिसोदिया cm rajasthan bhajanlal sharma

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan