भारतीय डाक्टर्स डे - अरविन्द सिसौदिया , कोटा 9414180151

Doctor's Day 2016: जानिए 1 जुलाई को भारत में क्यों मनाया जाता है डॉक्टर्स डे  - Jansatta

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 भारतीय डाक्टर्स डे - अरविन्द सिसौदिया , कोटा 9414180151


कोरोना संक्रमण से लडाई जिन योद्धाओं ने लडी, सम्पूर्ण विश्व में उनमें अव्बल भारतीय चिकित्सक ही थे। दोनों लहरों को जिस तेजी से काबू किया और मृत्यु दर को लगभग रोक कर रखा तथा नागरिकों का जीवन बचाते हुये, हजारों चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी एवं अन्य शहीद भी हो गये। हम उनका जीवन तो वापस नहीं ला सकते किन्तु उनके प्रति हमारी अनंत कोटी कृतज्ञता ही व्यक्त कर सकते हैं। उन्हे याद कर सकते है। ईश्वर उन्हे अपने धाम में स्थान दें। यह भारत की उस गौरवशाली परम्परा से ही संभव हुआ जिसमें चिकित्सक को ईश्वर माना जाता है। उनकीे ईश्वरतुल्य समाजसेवा के लिये भारत कोटि कोटि आभार ज्ञापित करता है।

भारत में यूं तो हम कीरोडों वर्षों से दिन विशेष मनाते रहे है। पर्व त्यौहार भी इसी निमित्त मनाये जाते है। यूं भी पहला चिकित्सक ईश्वर ही है। उसने हमारे शरीर में स्वचलित स्वास्थय लाभ एवं स्वास्थ्य की क्षतीपूर्ती की व्यवस्था की है और वही हमें जन्म देती है, जीवन करे जिन्दा रखती है। समय समय पर जब शरीा संकट में पढता है जो वह उससे उवारती है। घाव को भरने वाले मांस को ईश्वर प्रदत्त चिकित्सा व्यवस्था पूराकरती है। सृकष्ट में सबसे ज्यादा चिकित्सकीय कार्य स्वंय ईश्वर की स्व चलित व्यवस्था करती है। प्रथम सत्य जो यही है। द्वितीय तथ्य यह है कि प्रथम मानव आधारित चिकित्सा शास्त्र का जन्म एवं प्रेरणा भारत में ही हुई और लगभग 500 वर्ष पूर्व तक भी यह विश्व में प्रथम ही थी। इसे नष्ट करने का कार्य मुगल आक्रमण और बिट्रिशों के द्वारा सुनियोजित प्रकार से समाप्त करने की कोशिशें के चलते हुआ । आजाद भारत की बागडोर अंग्रेजों के मानसिक गुलामों ने संभाली इस कारण इसका विकास या पुर्न उत्थान नहीं हो पाया। किन्तु कोरोना और अन्य अनेकों संक्रमणों में भी इस प्राचीन पद्यती ने अपनी अग्र भूमिका निभाई हे। विश्व में अब कोई पैथी नहीं बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान काम कर रहा है। वह भी अपने आप में हिन्दू चिकित्सा पद्यती की ही संतान है। 

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यह खास दिन उन तमाम डॉक्टरों को समर्पित है जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे इंसानों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि एक नया जीवन भी देते हैं.


नई दिल्ली: डॉक्टर्स को धरती पर भगवान का दर्जा दिया गया है. उन्हें जीवनदाता भी कहा जाता है. डॉक्टर्स ही हर परिस्थिति में अपना फर्ज निभाते हुए मरीजों को बेहतर इलाज मुहिया कराते हैं. उन्हें उनकी ईमानदारी और समर्पण के प्रति सम्मान देने के लिए हर साल एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. इसके अलावा भारत के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए भी यह दिवस मनाया जाता है.

कैसे हुई नेशनल डॉक्टर्स डे की शुरुआत?

एक जुलाई को डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि होती है. उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है. उन्हें उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए बंगाल का आर्किटेक्ट भी कहा जाता है. साल 1961 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था. उन्हीं की याद में तत्कालीन केंद्र सरकार ने साल 1991 में नेशनल डॉक्टर्स डे मनाने का ऐलान किया था. तब से हर साल एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है.

डॉ बिधानचंद्र रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना शहर में हुआ था. पहले कोलकाता में अपनी मेडिकल पढ़ाई पूरी की. इसके बाद लंदन से एमआरसीपी और एफआरसीएस की उपाधि हासिल की. कहा जाता है कि भारतीय होने की वजह से पहले उन्हें लंदन के सेंट बार्थोलोम्यू अस्पताल में दाखिला नहीं दियाा गया था, करीब डेढ़ महीने तक डीन के पास आवेदन करते रहे, आखिर में डीन ने हार मानकर 30वीं बार में उनका आवेदन स्वीकार कर लिया. रॉय इतने काबिल थे कि सवा दो साल में ही एक साथ फिजिशन और सर्जन की डिग्री हासिल कर ली.

लंदन से पढ़ाई पूरी करने के बाद रॉय भारत आ गए और 1911 में अपने चिकित्सकीय जीवन की शुरुआत की. भारत में चिकित्सा के क्षेत्र में उन्होंने बहुत नाम और सम्मान कमाया. इसके अलावा रॉय राजनीति में भी एक्टिव रहे. कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. बाद में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला. 80 साल की उम्र में उनके जन्मदिन वाले दिन 1 जुलाई को उनकी मृत्यु हो गई.

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PM Modi का ट्वीट: 1 जुलाई होगा नेशनल डॉक्टर्स डे, बोले- वायरस बहुरूपिया, वैक्सीन ही है हथियार
PM Modi Tweet: कोरोना वायरस महामारी से जंग में सबसे बड़े हीरो रहे देश के डॉक्टर्स को देश सलाम कर रहा है. केंद्र सरकार भी डॉक्टर्स को लगातार प्रोत्साहित करने के साथ ही उनका सम्मान भी बढ़ा रही है.

Wed, Jun 30, 2021

नई दिल्ली

PM Modi Tweet 1st July is marked as National Doctors Day latest news in Hindi PM Modi का ट्वीट: 1 जुलाई होगा नेशनल डॉक्टर्स डे, बोले- वायरस बहुरूपिया, वैक्सीन ही है हथियार
PM Modi Tweet: कोरोना वायरस महामारी से जंग में सबसे बड़े हीरो रहे देश के डॉक्टर्स को देश सलाम कर रहा है. केंद्र सरकार भी डॉक्टर्स को लगातार प्रोत्साहित करने के साथ ही उनका सम्मान भी बढ़ा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में टीकाकरण को जरूरी बताया. PM मोदी ने हाल ही में मन की बात प्रोग्राम के दौरान यह ऐलान किया था कि एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाएगा.

PM मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट किया कि देश को कोविड-19 के खिलाफ जंग में भूमिका निभा रहे डॉक्टर्स पर गर्व है. यही वजह है कि 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे के नाम से जाना चाहिए. पीएम मोदी ने बताया कि 1 जुलाई को वह 3 बजे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और उन्हें सम्बोधित करेंगे.

हाल ही में PM मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के बैतूल के एक गांव के लोगों से बात की. गांव में रहने वाले किशोरी लाल से PM मोदी ने पूछा कि आपने भी वैक्सीन पर फैलाए जा रहे भ्रम के बारे में सुना है क्या? किशोरी लाल ने जवाब दिया कि रिश्तेदार बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद लोग बीमार हो जाते हैं और लोगों की मौत हो जाती है. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देना है. हमें जिंदगी बचानी है, लोगों को बचाना है, देश को बचाना है. यह बीमारी बहरूपिए की तरह है. यह रंग रूप बदलकर हमला करती है.

वैक्सीन ही हथियार है
PM मोदी ने कहा कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन हमारा हथियार है और इसे जरूर लगवाना है. हमारे वैज्ञानिकों ने बड़ी मेहनत कर के वैक्सीन बनाई है. दिन-रात एक करके उन्होंने हमें कोरोना के खिलाफ हथियार दिया है. अफवाहों से बचकर रहें और अफवाह फैलाने वालों को भी बताएं कि ऐसा न करें.

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