मोदी आपातकाल के कटु आलोचक हैं

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्ली
26 Jun 2018

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 आपातकालः पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- एक परिवार की सत्ता के लिए किया लोकतंत्र पर आघात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपात काल के 43 साल पूरे होने पर आज मुंबई में भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस कांग्रेस पर निशाना साधा और उन लोगों का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आपात काल के 43 साल पूरे होने पर आज मुंबई में भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस कांग्रेस पर निशाना साधा और उन लोगों का आभार व्यक्त किया।
लाइव अपडेट्स - कांग्रेस ने संसदीय लोकतंत्र को खत्म कियाः पीएम मोदी
- हम संविधान और लोकतंत्र के लिए काम कर रहे हैं, उनका इतिहास उठा कर देख लोः पीएम मोदी - आपाातकाल के बाद जनता ने लोकतंत्र को जीवित कियाः पीएम मोदी
- लोकतंत्र के इस अध्याय को कभी नहीं भूलना चाहिएः पीएम मोदी
- जिन्होनें देश के संविधान को कुचल डाला हो, देश के लोकतंत्र को कैदखाने में बंद कर दिया हो, वो आज भय फैला रहे हैं कि मोदी संविधान को खत्म कर देगाः पीएम मोदी

- इस देश का लोकतंत्र कभी पराजित नहीं होगाः पीएम मोदी 

- जिस पार्टी के अन्दर लोकतंत्र ना हो उनसे लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता की अपेक्षा नहीं की जा सकती है : पीएम मोदी 

- लोकतंत्र को बचाने के सभी विपक्षी दलों ने आपातकाल के बाद एकजुट होकर इंदिरा गांधी को हरायाः पीएम मोदी - ईवीएम पर सवाल उठाना एमरजेंसी मानसिकताः पीएम मोदी

 - आपातकाल के दौरान उन्हें (कांग्रेस) लग रहा था कि जो वो कर रहे है जनता उसे स्वीकारेगीः पीएम मोदी 

- संसदीय पार्टी को कांग्रेस ने खत्म कियाः पीएम मोदी 

- दलितों और मुसलमानों को काल्पनिक डर दिखायाः पीएम मोदी

 - मुसलमानों को संघ के नाम पर डरायाः पीएम मोदी 

- बाबासाहेब भीम राव अम्बेडकर पर हमने संसद में तीन दिन का कार्यक्रम कियाः पीएम मोदी

- कांग्रेस ने कभी संविधान दिवस नहीं मनाया, हमने मनायाः पीएम मोदी 

- पार्श्व गायक किशोर कुमार पर कांग्रेस ने लगाया प्रतिबंध, फिल्म आंधी पर भी प्रतिबंध लगायाः पीएम मोदी - इतिहास करते है भाजपा की अलोचना, लेकिन में उनका सम्मान करता हूं क्योंकि उन्होंने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाईः पीएम मोदी 

- जब-जब कांग्रेस पार्टी को और खासकर एक परिवार को अपनी कुर्सी जाने का संकट महसूस हुआ है तो उन्होंने चिल्लाना शुरू किया है कि देश संकट से गुज़र रहा है, देश में भय का माहौल है और देश तबाह हो जाने वाला है और इसे सिर्फ हम ही बचा सकते हैं: पीएम मोदी 

- आपातकाल के दौरान मीडिया पर हुआ अत्याचार, बहुत कम अखबारों ने ने किया विरोधः पीएम मोदी
- इनके रहते न्यायपालिका सही से काम नहीं कर सकतीः पीएम मोदी 

- आपातकाल के समय न्यायपालिका को भयभीत कर दिया था, जो लोकतंत्र के प्रति समर्पित थे उनको मुसीबत झेलने के लिए मजबूर कर दिया गया था और जो लोग एक परिवार के पक्ष में थे उनकी पांचों उंगलियां घी में थी : पीएम मोदी 

- इनके(कांग्रेस) रहते देश का संविधान सुरक्षित नहीं रह सकताः पीएम मोदी - चुनाव आयोग का दुर्रूपयोग कियाः पीएम मोदी - देश ने कभी सोचा तक नहीं था कि सत्ता सुख के मोह में और परिवार भक्ति के पागलपन में, लोकतंत्र और संविधान की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग हिन्दुस्तान को जेलखाना बना देंगे : पीएम मोदी 

- हर किसी को 'मीसा कानून' का डर दिखाया गयाः पीएम मोदी

 - एक परिवार के लिए किया संविधान का दुर्पोयोगः पीएम मोदी 

- संविधान के लिए समर्पित लोगों ने किया संघर्षः पीएम मोदी

- कोई ये समझने की गलती ना करे कि हम सिर्फ देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करने के लिए काले दिन का स्मरण करते हैंः पीएम मोदी 

- हम देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी को जागरूक करना चाहते हैं, हम लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सज्ज रखने के लिए इसका स्मरण करते हैंः पीएम मोदी 

   आपको बता दे कि इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर आपातकाल में तानाशाह सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ने वालों के जज्बे को सलाम किया था। भाजपा की मुंबई इकाई ने आपातकाल की 43वीं बरसी के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लगाया था। मोदी आपातकाल लगाए जाने के कदम के कटु आलोचक हैं।

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प्रधानमंत्री ने आपातकाल के ख़िलाफ आवाज़ उठाने वालों को याद किया
June 25, 2021


आइए हम भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करें और हमारे संविधान में निहित मूल्यों पर खरा उतरनें का संकल्प लें: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन सभी महानुभावों को याद किया जिन्होंने आपातकाल के ख़िलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की।

आपातकाल की वर्षगांठ पर ट्वीट की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा,“आपातकाल के उन बुरे दिनों को कभी नहीं भुलाया जा सकता। 1975 से 1977 की समयावधि संस्थानों के सुनियोजिततरीके से विनाश की साक्षी रही है।”

आइए हम भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेंऔर हमारे संविधान में निहित मूल्यों पर खरा उतरनें का संकल्प लें।

इस तरह से कांग्रेस ने हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार का दमन किया। हम उन सभी महानुभावों को याद करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध करते हुए भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की।  

 

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