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स्वदेशी में भारतीय संस्कृति के मूल्य प्रतिबिंबित होते हैं : कश्मीरी लाल जी

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स्वदेशी जीवनशैली में भारतीय संस्कृति के मानवीय मूल्य प्रतिबिंबित होते हैं – कश्मीरी लाल जी December 27, 2015 In: जोधपुर जोधपुर | स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन उम्मेद स्टेडियम से गांधी मैदान तक स्वदेशी संदेश यात्रा निकाली गई. जब भी बाजार जायेंगे, माल स्वदेशी लायेंगे, स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ, आदि उद्घोषों के साथ सभी प्रदेशों से आये 2000 स्वदेशी कार्यकर्ताओं ने स्टेडियम से गांधी मैदान तक स्वदेशी संदेश यात्रा निकाली. संदेश यात्रा का जगह-जगह शिक्षक संघ राष्ट्रीय, भारतीय शिक्षण मण्डल, सोजती गेट व्यापार संघ, जालोरी गेट व्यापार संघ, परम पूज्यनीय माधव गौ विज्ञान परीक्षा समिति, भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा, शास्त्रीनगर बीजेपी मण्डल, मेडिकल एसोसिएशन आदि द्वारा स्वागत किया गया. सभी प्रान्तों से आये स्वदेशी कार्यकर्ताओं का जोश देखने वाला था. पूरा मार्ग स्वदेशी नारों से गूंज गया. सरदारपुरा पर संदेश यात्रा गांधी मैदान में हुंकार सभा में परिवर्तित हो गयी. गांधी मैदान में स्वदेशी हुंकार सभा का आयोजन किया गया. सभा में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरूण ओझा ने कहा

सदन में सच का अटल स्वर : अटल बिहारी वाजपेयी

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अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस (25 दिसम्बर) पर विशेष तारीख: 28 Dec 2015 11:39:48 सूर्य प्रकाश सेमवाल सदन में सच का अटल स्वर देश में संसद को जिस प्रकार से कुछ लोगों के लिए बना दिया गया है वह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता। छह दशक से ज्यादा संसद की गरिमा बढ़ाने में अपना योगदान देने वाले लोकप्रिय नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी निश्चित रूप से इस गतिरोध से दु:खी होते। वास्तव में आज जिस प्रकार से देश की संसद में परिपक्व बौद्धिक नेताओं का अकाल दिख रहा है, खासकर विपक्ष में वह चिंताजनक है। यदि विपक्ष के पास दूरदर्शी और जनता के हितचिंतक विवेकी जनप्रतिनिधि होते तो असहिष्णुता, राजनीतिक द्वेष और सांप्रदायिकता इत्यादि के  राग न अलापे जाते। देश की प्रबुद्ध जनता संसद के अंदर हो रही नौटंकी और स्तरहीन हो गई, चर्चा में अनायास और सायास अटल जी को तो याद करेगी ही। चाहे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ संसद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में साम्प्रदायिक आधार पर हुए चुनावों पर बहस का मुद्दा हो अथवा श्रीमती इंदिरा गांधी के समय देश में कई स्थानों पर हु

भारतीय चिन्तन हराने में नहीं, मन जीतने में विश्वास रखता है – सरकार्यवाह माननीय जोशी जी

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भारतीय चिन्तन हराने में नहीं, मन जीतने में विश्वास रखता है – सुरेश भय्या जी जोशी    इंदौर ।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विश्व के अन्य देशों में कार्यरत शाखा हिन्दू स्वयंसेवक संघ के पांच दिवसीय विश्व संघ शिविर-2015 का शुभारंभ 29 दिसंबर को इंदौर के एमरल्ड हाइट्स इंटरनेशनल में हुआ. शिविर का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह माननीय सुरेश भय्या जी जोशी तथा लोकसभा अध्यक्षा सुमित्रा महाजन ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया. विश्व संघ शिविर में विश्व के 45 देशों से 750 शिविरार्थी भाग ले रहे हैं. शुभारंभ अवसर पर सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने कहा कि हम में से कई कार्यकर्ता भारत में पहली बार आए हैं, किन्तु रक्त, मन, मस्तिष्क में स्थापित विचार कभी दुर्बल नहीं होते. भिन्न प्रकार का चिन्तन लेकर हम विश्व में खड़े हैं. हमने विश्व को एक परिवार माना है. हम विश्व को अपने चिन्तन से प्रभावित करना चाहते हैं. हिन्दू जगे तो विश्व जगेगा. विश्व में सभी संघर्षों को समाप्त करने हेतु चिन्तन हिन्दू समाज ही दे सकता है. हम हिन्दू हैं, यह अहंकार नहीं, स्वाभिमान है. विश्व तभी जगेगा, जब हिन्दू जगेगा.

जांबाजी से भरा हुआ है कतरा कतरा मोदी का - कवि गौरव चौहान

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मोदी की बिना योजना लाहौर यात्रा का विरोध करने वालों को एक कवी का जवाब रचनाकार- कवि गौरव चौहान (इटावा उ.प्र.) 9557062060 जिसकी आँखों में भारत की उन्नति का उजियारा है, जिसकी गलबहियां करने को व्याकुल भी जग सारा है, 🌻 अमरीका जापान चीन इंग्लैंण्ड साथ में बोले हैं, घूम घूम कर जिसने दरवाजे विकास के खोले हैं, 🌻🌻🌻 जिसके सभी विदेशी दौरे सफल कहानी छोड़ गए, बड़े बड़े तुर्रम खां तक भी हाथ सामने जोड़ गए, 🌻🌻🌻 यूरेनियम दिया सिडनी ने,रूस मिसाइल देता है, बंगलादेश सरहदों पर चुपचाप सुलह कर लेता है, 🌻 उन्ही विदेशी दौरों की अब खिल्ली आज उड़ाते हैं? देश लूटने वाले उसको कूटनीति सिखलाते हैं, 🌻 कायम था ग्यारह वर्षों से,वो वनवास बदल डाला, मोदी ने लाहौर पहुंचकर सब इतिहास बदल डाला, 🌻 जिस धरती पर हिन्द विरोधी नारे छाये रहते हैं, जिस धरती पर नाग विषैले मुहँ फैलाये रहते हैं, 🌻 जिस धरती पर हाफ़िज़ जैसे लेकर बैठे आरी हों, और हमारे मोदी जी की देते रोज सुपारी हों, 🌻 जहाँ सुसाइड बम फटते हैं रोज गली चौराहों में, बारूदी कालीन बिछी है जहाँ सियासी राहों में, 🌻 जहाँ होलियाँ बच्चों के

विश्व के कुछ देशों में बलात्कार की सजा

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With Thanks from Pramod Goswami ji's wall ================================= �� विश्व के कुछ देशों में बलात्कार की सजा �� ��अमेरिका : पीड़िता की उम्र और क्रूरता को देखकर उम्रकैद या 30 साल की सजा दी जाती है। �� रूस :- 20 साल की कठोर सजा. ��चीन - No Trial, मेडिकल जांच मे प्रमाणित होने के बाद मृत्यु दंड. �� पोलेंड - सुवरो से कटवा कर मौत Death thrown to Pigs �� इराक - पत्थरो से मार कर हत्या .Death by stone till last breath �� ईरान - 24 घंटे के अंदर पत्थरो से मार दिया जाता है या फांसी ��दक्षिण अफ्रीका : 20 साल की जेल �� सऊदी अरब : फांसी या यौनांगों को काटने की सजा �� मंगोलिया - परिवार द्वारा बदले स्वरुप मृत्यु Death as revenge by family ��नीदरलैंड- : ेंयौन अपराधों के लिए अलग-अलग सजा बताई गई है। �� कतर - हाथ,पैर,यौनांग काट कर पत्थर मार कर हत्या ��अफ़गिनिस्तान - 4 दिनो भीतर सर मे गोली मार दिया जाता है. �� मलेसिया - मृत्यु दंड Death Penalty �� कुवैत - सात दिनो के अंदर मौत की सजा. ��INDIA - प्रदर्शन धर्ना जांच आयोग समझौता रिस्वत लडकी की आलोचना मिडिय

कर्म करने की प्रेरणा देती है भगवद्गीता ::: जे. नंदकुमार

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कर्म करने की प्रेरणा देती है भगवद्गीता Posted by: December 03, 2015 I (21 दिसंबर, गीता जयन्ती पर विशेष) लेखक – जे. नंदकुमार, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ “जब शंकाएं मुझ पर हावी होती हैं, और निराशाएं मुझे घूरती हैं, जब दिगंत में कोई आशा की किरण मुझे नजर नहीं आती, तब मैं गीता की ओर देखता हूं.” – महात्मा गांधी. संसार का सबसे पुराना दर्शन ग्रन्थ है भगवद्गीता. साथ ही साथ विवेक, ज्ञान एवं प्रबोधन के क्षेत्र में गीता का स्थान सबसे आगे है. यह केवल एक धार्मिक ग्रन्थ नहीं है, अपितु एक महानतम प्रयोग शास्त्र भी है. केवल पूजा घर में रखकर श्रद्धाभाव से आराधना करने का नहीं, अपितु हाथ में लेकर युद्धभूमि में लड़कर जीत हासिल करने का सहायक ग्रन्थ है. महाभारत युद्ध के प्रारम्भ में कर्ममूढ़ होकर युद्ध से निवृत होने की इच्छा व्यक्त करने वाले अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने गीतोपदेश के द्वारा ही कर्म पूर्ण करने की प्रेरणा दी. अर्जुन ऐसा कहते हैं कि युद्ध करने से भी अच्छा अर्थात विहित कर्म करने से भी श्रेष्ठ युद्ध भूमि छोड़कर जाना है. वह तर्क देते हैं कि युद्ध के कारण बहने वाले

संगठन में धन से अधिक महत्व महापुरुषों के जीवन का अनुसरण है – परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. भागवत जी

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संगठन में धन से अधिक महत्व महापुरुषों के जीवन का अनुसरण है – डॉ. मोहन भागवत जी Posted by: December 20, 2015 नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने संघ के ज्येष्ठ प्रचारक सरदार चिरंजीव सिंह जी का अभिनंदन करते हुए कहा कि दीपक की तरह संघ के प्रचारक दूसरों के लिए जल कर राह दिखाते हैं. सम्मान आदि से प्रचारक दूर रहना ही पसंद करते हैं. संघ में व्यक्ति के सम्मान की परंपरा नहीं है, किंतु संगठन के लाभ के लिए न चाहते हुए भी सम्मान अर्जित करना पड़ता है . सरसंघचालक जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं वर्तमान में राष्ट्रीय सिख संगत के मुख्य संरक्षक सरदार चिरंजीव सिंह जी के  85 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर नई दिल्ली स्थित मावलंकर सभागार में आयोजित सत्कार समारोह में सिख संगत के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. सरसंघचालक जी ने कहा कि जीवन का आदर्श अपने जीवन से खड़ा करना यह सतत तपस्या संघ के प्रचारक करते हैं. इसके लिए वह स्वयं को ठीक रखने की कोशिश जीवन पर्यन्त करते है. महापुरुषों के जीवन का अनुसरण करते रहने वाले साथी मिलते रहें, यह अधिक मह

केन्द्र सरकार के महत्वपूर्ण नाम और नम्बर

राजस्थान राज्य के 25 सांसदों के नाम संसदीय क्षेत्र का नाम व मोबाइल नम्बर 1.सुखबीर जी जौनपुरिया     सवाई माधोपुर     09811026447 2.सुमेधानन्द जी     सीकर     09928470131 3.निहाल चन्द जी मेघवाल     गंगानगर     09414090050 4.राम चरण जी बोहरा     जयपुर शहर     09829066531 5.राज्यवर्धन सिंह जी राठौड़    जयपुर ग्रामीण    09460996611 6.देव जी पटेल    जालोर    09414158488 7.संतोष अहलावत     झुन्झुनू               09549477777, 09929900000 8.गजेंद्र सिंह जी शेखावत    जोधपुर    09672000555 9.मनोज जी राजोरिया    धौलपुर-करौली     09414389585 10.ओम जी बिडला       कोटा              9783977701,9829037200 11.सी.आर.चौधरी      नागौर 9829122837,9166355505 12.पी.पी.चौधरी       पाली       9414135735 13.हरिओम सिंह जी       राजसमंद       9414172267 14.दुष्यंत सिंह जी       झालावाड़      9414027979, 9414194009,      09810896886 15.सावँरलाल जी जाट      अजमेर      9829612667 16.चाँद नाथ जी      अलवर      09215312333 17.मानशंकर जी निनामा      बांसवाडा डूंगरपुर

केजरीवाल : डी डी सी ए बहाना है, असली मकसद राजेन्द्र कुमार बचाना हे।

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------- आआपा का झूठ तार-तार तारीख: 21 Dec 2015 - प्रतिनिधि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर सीबीआई की छापेमारी के बाद इसे बदले की राजनीति बताते हुए हाय तौबा कर राजनैतिक मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटे केजरीवाल ने अपने 49 दिनों के कार्यकाल में भी उन्हें प्रधान सचिव बनाया था। वह केजरीवाल के कितने करीब हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जाना चाहिए। राजेंद्र कुमार दिल्ली सरकार में परिवहन और माध्यमिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों में काम कर चुके हैं। वह दिल्ली सरकार में ऊर्जा सचिव भी रहे हैं। करीबी ने किया कबाड़ा जानकारी के अनुसार कभी अरविंद केजरीवाल के करीबी और पसंदीदा अधिकारियों में रहे दिल्ली संवाद आयोग के पूर्व सचिव आशीष जोशी की शिकायत पर ही राजेंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इस मामले की शुरुआत तब से हुई जब जोशी को केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति द्वारा ‘दिल्ली अरबन शेल्टर इंपू्रवमेंट बोर्ड’ के वित्त विभाग में बतौर सदस्य नियुक्त किया गया था। फरवरी में जब केजरीवाल दोबारा सत्ता में आए तो जोशी को केजरीवाल की टीम में बुद्ध

भारतरत्न अटलजी : ‘‘सु-शासन दिवस’’ : भाषण हेतु बिन्दू

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भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वापपेयी जन्मदिवस 25 दिसम्बर,(जन्म तिथि 25 दिसम्बर 1924)  अटल बिहारी वाजपेयी (जन्म: २५ दिसंबर, १९२४)  भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।[1] वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं और १९६८ से १९७३ तक  उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं

संपूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधना ही संघ का उद्देश्य : जे. नंद कुमार, अ भा सह प्रचार प्रमुख

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संघ का उद्देश्य संपूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधना – जे. नंद कुमार जी मेरठ (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंद कुमार जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य सम्पूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधना है. संघ अन्य संस्थाओं की तरह दिखावटी संस्था नहीं है. संगठित, सशक्त,दोषरहित एवं समरसता के बल पर भारत को परम वैभव पर पहुंचाना संघ का एकमात्र लक्ष्य है. नंद कुमार जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरठ महानगर द्वारा संघ एक परिचय एवं हिन्दुत्व विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम का शुभारम्भ भारत मां के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. इस अवसर पर उन्होंने एक ऑन लाईन समाचार,वैबसाईट www.samvaadbhartipost.com का शुभारम्भ किया. उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग स्वतंत्रता आंदोलन में संघ की सहभागिता पर सवाल उठाते हैं, जो सरासर गलत है. संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी स्वयं हमारे सामने उदाहरण हैं. नमक आंदोलन में सत्याग्रह के समय संघ संस्थापक जेल गये. वर्ष 1942 में संघ के स्वयंसेवक ने अश्टि-चिमूर क्षेत्र (विदर्

कभी राजीव गांधी के भी खास थे सुब्रमण्‍यम स्वामी

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-------------------- सोनिया ही नहीं, इंदिरा गांधी से भी टकरा चुके हैं सुब्रमण्‍यम स्‍वामी, जानिए कई और खास बातें सुब्रमण्‍यम स्‍वामी एक जमाने में राजीव गांधी के करीबी दोस्‍त हुआ करते थे। ये वही स्‍वामी हैं, जिन्‍होंने बोफोर्स कांड के वक्‍त खुलकर राजीव गांधी का पक्ष लिया था, लेकिन एक वक्‍त ऐसा भी था जब वह तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी टकरा गए थे। जनसत्ता ऑनलाइन नई दिल्‍ली | December 19, 2015 http://www.jansatta.com/national कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्‍ड मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले सुब्रमण्‍यम स्‍वामी एक जमाने में राजीव गांधी के करीबी दोस्‍त हुआ करते थे। ये वही स्‍वामी हैं, जिन्‍होंने बोफोर्स कांड के वक्‍त खुलकर राजीव गांधी का पक्ष लिया था। स्‍वामी ने सदन में खुलकर कहा था कि राजीव गांधी ने पैसा नहीं लिया है। एक इंटरव्यू में उन्‍होंने खुद इस बात को स्‍वीकार किया था कि राजीव गांधी और वह घंटों साथ रहा करते थे। एक जमाना वो भी था, जब स्‍वामी आयरन लेडी इंदिरा गांधी से टकरा गए थे और कोर्ट से जीतकर भी आए थे।