आलोचना करने से अच्छा है, समाधान ढूंढना – इंद्रेश कुमार जी

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समस्याओं की आलोचना करने से अच्छा है, उनका समाधान ढूंढना – इंद्रेश कुमार जी

January 13, 2016


गुडगांव (हरियाणा). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि कांग्रेस नहीं झुकती तो देश का विभाजन भी नहीं होता. बापू (महात्मा गांधी) चुप नहीं रहते तो आजादी की इतनी बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़ती और आज भारत अखंड होता. इंद्रेश जी स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला के पहले दिन “भारत की सीमाएं-चुनौतियां व समाधान” विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.

गौरीकुंज सभागृह में सोमवार शाम उन्होंने कहा कि समस्याओं की आलोचना करने से अच्छा है, उनको दूर करने के लिए रास्ते निकालना, समाधान ढूंढना. सीमाओं पर विकास करने के लिए आयोग बनाने, कानून बनाने और पलायन रोकने का भी उन्होंने सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि आतंक, नक्सलवाद, अलगाववाद और साम्प्रदायिक दंगे में जी नहीं सकते. खुद्दार, स्वाभिमानी बनें. छुरा, बंदूक, बम समाधान नहीं. संवाद समस्याओं का समाधान है.

व्याख्यान के दौरान इंद्रेश जी ने स्वामी विवेकानंद का किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा कि मॉरल वैल्यू (नैतिक मूल्य) और प्रोफेशनल वैल्यू को समझने में भूल नहीं करनी चाहिए. यूरोप में स्वामी जी से एक महिला ने कहा कि मैं ग्रेट मदर बनना चाहती हूं, मुझे तुम्हारे जैसा पुत्र चाहिए. इसलिए आपसे विवाह करना चाहती हूं. स्वामी जी ने जवाब दिया, मेरे जैसा ही क्यों आप मुझे ही अपना बेटा बना लो. इंद्रेश जी ने शब्दों को अमूल्य बताते हुए कहा कि न हिंसा में जीओ और न हिंसा करो. पांच मिनट मुस्कराने से फोटो सुंदर बनती है. हमेशा मुस्कराओगे तो जिंदगी सुंदर हो जाएगी. अंत में उन्होंने नाम स्मरण और लॉफ्टर क्रिकेट खेलकर लोगों को खूब हंसाया.

अंत में श्रोताओं के प्रश्नों के जबाब भी दिए. श्रोता राम पंवार के बांग्लादेश के सीमा से जुड़े एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा की बांग्लादेश की सीमा में 80 किलोमीटर में 2 बार नाला, तीन बार बांग्लादेश की जमीन आती थी. इस कारण 2015 में समझौता कर 7 हजार किलोमीटर जमीन ली और 16000 देना पड़ी. इससे स्मगलिंग कम हुई, आगे भी ऐसे सुधार होंगे.

श्रोता प्रवीण शर्मा के सवाल पर इंद्रेश जी ने कहा कि जिस दिन रिजल्ट दिखेगा, लोग भारत को हार्ड पावर नहीं देखना चाहते. यथार्थ हमें कुछ बनाना चाहता है. वर्ष 2015 में दुनिया के किसी देश की जय नहीं हुई. विश्व में जगह-जगह केवल भारत माता की जय हुई और किसी ने इस पर आपत्ति नहीं की.

कार्यक्रम की अध्यक्षता इकबाल शंकर गुलाटी ने की. अतिथि स्वागत ब्रह्मानंद पाराशर, श्रीराम परिहार ने किया. स्मृति चिह्न विनय नेगी और डॉ.सुभाष जैन ने भेंट किए. मंच पर हेडगेवर स्मारक समिति के महेंद्र शुक्ल, डॉ. शशांक होरे मौजूद थे. संचालन ललित पटेल ने किया. आभार कार्यक्रम संयोजक आशीष अग्रवाल ने व्यक्त किया.

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