मणिशंकर , खुर्शीद , यात्रा पाकिस्‍तान ? क्या डील थी ??



नबम्बर के महीनें में दो कांग्रेसी पूर्व मंत्रियों ने पाकिस्तान यात्रा की और मोदी सरकार को वहां जाकर कोसा तथा उसे हटानें में मदद मांगी ! अब पठानकोट हमले के बाद !!! कांग्रेस पार्टी और उपरोक्त दोनों मंत्रियों को जबाव देना होगा कि आप पाकिस्तान से क्या डील करके आये थे?? ‘‘सोनिया और राहुल गांधी को को अब देश को बताना होगा कि उनके पूर्व मंत्री पाकिस्तान किस मकसद से गये थे। इन दोनों पूर्व मंघ्िायों ने पाकिस्तान में तमाशा खडा नहीं किया होंता तो नरेन्द्र मोदी पर पाकिस्तान जानें का दबाव नहीं बनता !!!

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मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान में भारत को किया शर्मसार, बोले भारत-पाक संबंधों में मोदी हैं बाधा
Tuesday, November 17, 2015
नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के उस बयान ने विवाद को हवा दे दी, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के एक खबरिया चैनल पर परिचर्चा के दौरान कथित रूप से कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता बहाल करनी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाना पड़ेगा। हालांकि अय्यर ने इससे इंकार किया है। अय्यर का यह बयान भारत को विदेशी धरती पर शर्मसार करने वाला माना जा रहा है। भाजपा ने इसे देश का अपमान बताया है।   


कांग्रेस नेता के बयान पर भाजपा और राजद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी से इस पर सफाई मांगी है।

हालांकि कांग्रेस ने कहा कि भाजपा का आरोप बिल्कुल बकवास है और अय्यर ने उसे यह बता दिया है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

जब दुनिया टीवी के प्रस्तोता ने पूछा कि दोनों देशों के बीच गतिरोध दूर करने के लिए क्या किया जाए तो अय्यर ने जवाब दिया, ‘पहली और सबसे बड़ी चीज है कि मोदी को हटाया जाए। केवल तभी वार्ता आगे बढ़ सकती है। हमें और चार साल इंतजार करना होगा। वे (पैनल में शामिल लोग) भले ही आशावादी हैं कि जब मोदी साहब (सत्ता में) हैं, तब हम आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचता।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमें (कांग्रेस को) सत्ता में वापस लाइए और उन्हें हटाइए। (संबंध बेहतर बनाने के लिए) और कोई रास्ता नहीं है। हम उन्हें हटा देंगे लेकिन तबतक आपको (पाकिस्तान को) इंतजार करना होगा।’’  जब इस मुद्दे (अय्यर के बयान) पर कांग्रेस नेता टॉम वडक्कन से प्रतिक्रिया मांगी गयी तो उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल बकवास है। मेरे पास श्री अय्यर का लिखा एक पत्र है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से इनकार किया है कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा। अतएव इससे दूरी बनाने का सवाल ही नहीं है।’’ भाजपा ने इसे ‘बेहद गंभीर, चिंताजनक और पूर्णत: गलत’ कहा।

भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, ‘‘जो सबसे बड़ी चिंताजनक बात है वह यह है कि दो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं- पहले पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने और अब मणिशंकर अय्यर ने एक सप्ताह के अंतराल पर एक ऐसे देश में ऐसा बयान दिया है, जो भारत विरोधी है और जिसने भारत में आतंक भी फैलाया है।’’ कोहली ने कहा, ‘‘सोनिया और राहुल गांधी को इस पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए और देश को इस मुद्दे पर अपने रुख के बारे में बताना चाहिए।’’  

अय्यर के बयान पर राजद के मनोज झा ने कहा कि कोई ‘कम अक्ल’ आदमी भी इस बयान की निंदा ही करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘एक किंडरगार्टेन का बच्चा भी ऐसा बयान नहीं देगा।’’ शुक्रवार को 129 लोगों की जान लेने वाले आतंकवादी हमले पर अय्यर ने कहा था, ‘‘पश्चिमी देशों में जो इस्लाम विरोधी भावना फैल रही है, उस पर तत्काल रोक लगाना चाहिए। फ्रांस में रह रहे मुसलमानों को यह आश्वासन दिया जाना चाहिए कि वे भी देश के नागरिक हैं।’’

पेरिस आतंकवादी हमले पर अफसोस प्रकट करने के साथ अय्यर ने कहा था, ‘‘हमें यह भी सोचना चाहिए कि यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई।’’ केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा है, ‘‘मैं महसूस करती हूं कि कांग्रेस पार्टी को विश्वास हो चला है कि वह देश के 125 करोड़ लोगों के बीच अपना विश्वास खो बैठी है अतएव, वे समर्थन के लिए अपने पड़ोसियों से संपर्क करने की जरूरत महसूस कर रहे हैं। मुझे निराशा हुई है और मैं इसकी आलोचना करती हूं।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात पर बड़ी दया आती है कि अय्यर अपनी याद्दाश्त खो बैठे हैं क्योंकि जहां तक उन्हें याद है, यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ही थे जिन्होंने सबसे पहले पाकिस्तान की तरफ दोस्ताी का हाथ बढ़ाया था।

नजमा हेपतुल्ला ने कहा, ‘‘अटल बिहारी वाजपेयी ही दोस्ती को आगे बढ़ाने बस से पाकिस्तान गए थे। इसके बदले में हमें कारगिल की लड़ाई का सामना करना जिसकी अय्यर प्रशंसा कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि वह मुम्बई आतंकवादी हमले की भी प्रशंसा करेंगे, जिसमें लोग मारे गए थे।’’
भाषा First Published: Tuesday, November 17, 2015
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पाकिस्तान में बैठकर कांग्रेस नेता अय्यर का ना'पाक' बयान!
Tuesday, 17 November 2015
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में अक्सर बयान देते रहते हैं, लेकिन इस बार नरेंद्र मोदी के विरोध में बयान देकर वो विवादों में आ गए हैं . पाकिस्तानी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में अय्यर ने कहा कि मोदी को हटाए बिना पाकिस्तान से बातचीत नहीं संभव है .
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल दुनिया टीवी को इंटरव्यू देने पर बवाल मच गया है. दुनिया टीवी से अय्यर भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत में पीएम नरेंद्र मोदी को कथित तौर पर रुकावट करार दिया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर पाकिस्तानी न्यूज चैनल दुनिया टीवी को दिए इंटरव्यू को लेकर फंस गए हैं . इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से बातचीत तभी संभव है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाया जाए .
न्यूज चैनल के एंकर ने मणिशंकर अय्यर से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर सवाल पूछा था.
एंकर- भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद हल करने के लिए आपकी नजर में तीन प्राथमिकताएं क्या होनी चाहिए?
मणिशंकर अय्यर – पहले, आपको मोदी को हटाना होगा . नहीं तो दोनों देशों में बातचीत आगे नहीं बढ़ेगी .
एंकर  – लेकिन ये आप किससे कह रहे हैं? आप ISI से मोदी को हटाने को कह रहे हैं?
मणिशंकर अय्यर  – नहीं नहीं . हमें इसके लिए 4 साल का इंतजार करना होगा . ये लोग मोदी को लेकर बहुत आशावादी हैं. वो सोचते हैं कि मोदी के आने से बातचीत बढ़ेगी, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता.
मणिशंकर के इस बयान को लेकर बीजेपी नेताओं ने उन पर हमला बोला है . केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नजमा हेपतुल्लाह ने तो यहां तक कह दिया कि अय्यर पाकिस्तान में जाकर मुंबई हमलों की तारीफ भी कर देंगे.
कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर उल्टा बीजेपी पर निशाना साधा है . कांग्रेस ने अय्यर के बयान को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है .
मणिशंकर अय्यर ने लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को चाय वाला कहा था . हालांकि इस मुद्दे को बीजेपी और नरेंद्र मोदी ने जमकर भुनाया था .
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मोदी सरकार की पाक नीति दुविधाग्रस्त: मणि शंकर
 26 Dec 15
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रत्याशित पाकिस्तान यात्रा से राजनीतिक गलियारे में मची हलचल के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मणि शंकर अय्यर ने कहा है कि पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की नीति दुविधापूर्ण है। अय्यर ने कहा,“कुछ महीने पहले तक प्रधानमंत्री पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ हाथ भी नहीं मिलाना चाहते थे। अचानक क्या बदल गया। दुविधापूर्ण नीति। ” पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने कहा,“ प्रधानमंत्री के काबुल से लाहौर जाने से उन अफगानी सैनिकों को गलत संदेश जाता है, जो पाकिस्तान समर्थित तालिबान के खिलाफ लड़ाई कर रहे हैं।” कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की लाहौर यात्रा के विरोध में कल सख्त टिप्पणी करते हुए इसे पूर्वनियोजित निजी एवं व्यापारिक रुझान से की गयी यात्रा करार दिया था।


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इस्‍लामाबाद में खुर्शीद ने मोदी को कोसा, पाकिस्‍तान की तारीफ में कसीदे गढ़े

Last Updated: Saturday, November 14, 2015 - 10:37
इस्‍लामाबाद में खुर्शीद ने मोदी को कोसा, पाकिस्‍तान की तारीफ में कसीदे गढ़े
ज़ी मीडिया ब्यूरो
इस्लामाबाद : भारत के पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि भारत ने पाकिस्‍तान के अमन के पैगाम का उचित जवाब नहीं दिया। पीएम मोदी अभी नए हैं और स्‍टेट्समैन कैसे बना जाता है, यह उनको सीखना है।'
कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सलमान खुर्शीद पाकिस्‍तान की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्‍होंने इस्‍लामाबाद के जिन्ना इंस्टीट्यूट में दिए भाषण में कहा, ‘भारत सरकार ने दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्‍तान के अमन के पैगाम का उचित जवाब नहीं दिया।’
पाकिस्‍तानी अखबार ‘द एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून’ ने खुर्शीद के हवाले से लिखा है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी नए हैं और स्‍टेट्समैन कैसे बना जाता है, यह उनको सीखना है। 1947 के बाद से अब तक दुनिया कई बड़ी समस्‍याओं का समाधान निकाल चुकी है, लेकिन भारत-पाकिस्‍तान आज भी वहीं खड़े हैं।’
असहिष्णुता के मुद्दे पर खुर्शीद ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी को उन लोगों से बात करने की आदत नहीं है, जो उनसे अलग विचार रखते हैं।’ खुर्शीद ने कबाइली इलाकों में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्‍तान की सराहना भी की। जिन्ना इंस्टीट्यूट हर साल अलग-अलग विषयों पर सेमिनार कराता है। इस बार भारत से सलमान खुर्शीद को बुलाया गया था।

सलमान खुर्शीद के बयान को पाकिस्‍तान के लगभग सभी अखबारों ने जगह दी है। पाकिस्‍तानी अखबार ‘डेली टाइम्‍स’ ने भी सलमान खुर्शीद के बयान को प्रमुखता से छापा है। इसमें खुर्शीद के हवाले से लिखा गया है कि भारत की नई सरकार पाकिस्‍तान नीति को लेकर असमंजस में है। मोदी सरकार उम्‍मीदों पर खरी नहीं उतर पा रही है।

खुर्शीद ने कहा कि पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ की यह दूर की सोच थी कि वह मई 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान से दिल्ली आए थे। नवाज का यह बेबाक फैसला उनकी हिम्मत को दिखाता है, लेकिन मोदी सरकार ने उन्‍हें समझा नहीं।  ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

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