नेताजी से संबंधित फाइलें सार्वजनिक करने के लिए अभिलेखागार को सौंपी

पीएमओ ने नेताजी से संबंधित फाइलों की पहली खेप सार्वजनिक करने के लिए सौंपी

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पीएमओ ने नेताजी से संबंधित फाइलों की पहली खेप सार्वजनिक करने के लिए सौंपी
Reported by Bhasha , Last Updated: शुक्रवार दिसम्बर 4, 2015

नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित 33 गोपनीय फाइलों की पहली खेप शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दी और इससे इनके अगले महीने सार्वजनिक होने का रास्ता साफ हो गया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक को आगे प्रसंस्करण, संरक्षण और डिजिटलीकरण के लिए फाइलें सौंपी और इस तरह से अंतिम तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में मौजूद सभी 58 फाइलों को देश के लिए जारी किया जाना है।

फाइलों को सौंपे जाने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अक्तूबर को घोषणा की थी कि गोपनीय फाइलों की पहली खेप को 23 जनवरी से सार्वजनिक करने का काम किया जाएगा जिस दिन नेताजी की जयंती है। बोस परिवार लंबे समय से यह मांग कर रहा था।

पीएम मोदी ने यहां अपने आधिकारिक आवास पर नेताजी के परिवार से मुलाकात के बाद यह घोषणा की थी।

पीएम मोदी ने तब कहा था कि अपना ही इतिहास भूल जाने वाले लोग इतिहास नहीं बना सकते। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि उनकी सरकार किसी तरह से इतिहास को रोकने या दबाने में विश्वास नहीं करती और नेताजी से संबंधित सूचना भारत की जनता तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने नेताजी के परिजनों को यह आश्वासन भी दिया था कि वह दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के मुद्दे को अन्य देशों के नेताओं के साथ भी उठाएंगे। गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय अपने पास मौजूदा फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए अलग से कार्रवाई कर रहे हैं।

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