मोदी टीम : 83% फैसले लागू ! लगता हे देश में सरकार हे !!




83% फैसले लागू, नहीं बदलेगी टीम मोदीः PM अब हर महीने लेंगे मंत्रियों की क्लास
aajtak.in [Edited by: विकास वशिष्ठ] | नई दिल्ली, 29 जनवरी 2016



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं करने जा रहे हैं. यानी फिलहाल कैबिनेट फेरबदल की योजना टाल दी गई है. कारण है कि मोदी अपने मंत्रियों के कामकाज से संतुष्ट हैं. उन्होंने 27 जनवरी को अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि इसके बाद कभी भी फेरबदल का ऐलान हो सकता है.

फेरबदल टलने की 3 बड़ी वजहें

मोदी इससे संतुष्ट हैं कि सरकार के 83 फीसदी फैसलों पर काम शुरू हो चुका है.सरकार का फोकस अटके पड़े अहम विधेयकों को बजट सत्र में पास कराने पर है. कहा जा रहा था कि मोदी को अच्छे लोग नहीं मिल रहे. संभव है लोग न मिले हों.

परफॉर्मेंस मीटिंग के बाद टला फैसला
मोदी ने 27 जनवरी की बैठक में मंत्रियों की परफॉर्मेंस पूछी. पता चला कि पीएम मोदी के सत्ता संभालने के बाद लिए गए 548 फैसलों में से 459 लागू किए जा चुके हैं. यानी 83 फीसदी फैसलों पर अमल शुरू हो चुका है. अपने मंत्रियों के काम का यह आंकड़ा देख पीएम मोदी ने फिलहाल इसी टीम के साथ काम आगे बढ़ाने का फैसला किया है. वैसे, मोदी सरकार ने नवंबर 2014 में अब तक एक बार ही कैबिनेट विस्तार किया है.

अब हर महीने पूछेंगे PM- कितना काम हुआ
सूत्रों के मुताबिक अब आने वाले समय में ऐसी परफॉर्मेंस बैठकें हर महीने के आखिरी बुधवार को होती रहेंगी. पीएम हर महीने मंत्रियों से उनके काम की तरक्की के बारे में पूछेंगे. इसके लिए मंत्रियों को तीन कैटेगरी में रखा गया है- एग्रीकल्चर, इंफ्रास्ट्रक्चर और सोशल. तीनों के साथ उनसे जुड़े मंत्रालयों को क्लब कर दिया गया है. सोशल सेक्टर के साथ दूसरे अहम मंत्रालयों को रखा है.

27 जनवरी को इन्होंने दी प्रजेंटेशन
बुधवार को कृषि, ग्रामीण विकास, जल संसाधन, खाद्य वितरण, केमिकल और फर्टिलाइजर सहित पांच मंत्रालयों ने अपने काम की प्रजेंटेशन दी. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जो भी काम करे उसका आम लोगों में खूब प्रचार किया जाए. लोगों को अपने-अपने मंत्रालय की उपलब्धियां बताई जाएं.

इसलिए लगाए जा रहे थे बदलाव के कयास
कहा जा रहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद मोदी अपनी कैबिनेट में बदलाव करना चाहते हैं. उन पर संघ की ओर से भी दबाव था कि पश्चिम बंगाल, यूपी और असम में चुनाव से पहले केंद्र सरकार की छवि सुधारी जाए. कहा गया था कि सरकार की परफॉर्मेंस को बेहतर करने के लिए वह कैबिनेट में बदलाव चाहते हैं. हालांकि कहा यह भी गया था कि मंत्रियों को बदलने के लिए उनके पास सही लोग नहीं हैं.

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