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मई, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोदी सरकार 2 साल : भारतीयों की जिंदगी बदलने की कोशिश

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भारतीयों की जिंदगी बदलने की कोशिश  मोदी सरकार 2 साल: इन योजनाओं से बदली आम भारतीय की ज़िन्दगी उद्योग संघ एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने मोदी सरकार के कामकाज 10 में से सात अंक दिए है By Abdulkadir on May 25, 2016 सबका साथ सबका विकास यह वादा कर नरेंद्र मोदी सत्ता में आये थे। 26 मई 2016 को नरेंद्र मोदी की सरकार को दो साल पुरे हो जाएंगे। बीते दो साल में प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने आम जनता की भलाई के लिए कई बड़े फैसले लिए। उद्योग संघ एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने मोदी सरकार के कामकाज 10 में से सात अंक दिए है। एसोचैम ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति निश्चित रूप से संभली है और सड़क, राजमार्ग, रेलवे तथा ऊर्जा क्षेत्रों में कुछ साहसिक कदम उठाए गए हैं। एसोचैम ने हालांकि कृषि और ग्रामीण आबादी की दशा में सुधार के लिए आक्राम पहल की जरूरत पर बल दिया। स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और जन धन की सराहना करते हुए बयान में कहा गया है, “समुचित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।” अपने कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने कई ऐसी योजना बनाई ह

संघ बाबासाहब के ही देखे हुए सपने को पूरा करने में लगा है

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बाबा साहब के जीवन को, उनके मूल्यों को जीवन में उतारने की आवश्यकता है - दुर्गादास जी संघ बाबासाहब के ही देखे हुए सपने को पूरा करने में लगा है - डाॅ. अमीलाल भाट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के  क्षेत्रीय प्रचारक  माननीय  दुर्गादास जी उध्बोधन देते हुए जोधपुर १४ अप्रैल २०१६। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जोधपुर महानगर द्वारा श्रद्धेय बाबा साहब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर जी का 125वां जयंती समारोह  मेडीकल काॅलेज सभागार में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. एस.एन. मेडीकल काॅलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डाॅ. अमीलाल भाट  ने कहा कि संघ को लेकर समाज में अनेक भ्रांत धारणाएँ फैलायी जाती है जबकि संघ को समझने वाला व्यक्ति जानता है कि संघ बाबासाहब के ही देखे हुए सपने को पूरा करने में लगा है। इस भ्रांत धारणा को समाज से दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म सर्व समावेशी है। इस दर्शन में विश्व के सभी धर्मों और तत्वों का सार निहित है। बाबासाहब भारत रत्न नहीं वरन विश्व के रत्न है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के  क्षेत्रीय प्रचारक  माननीय  दुर्गादास जी ने अपने उद्

आयकर दाताओं की कुल संख्या सिर्फ 1.25 करोड़

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बड़ी आबादी और आयकर दाता May 4, 2016 http://www.4pm.co.in/archives/16434 हमारी सरकार सालाना करीब 5.6 लाख करोड़ के घाटे में जा रही है। इस वजह से सरकार पर कुल कर्ज करीब 70 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। इस कर्ज पर सालाना 4.6 लाख करोड़ रुपये ब्याज चुकाना होता है। इस कठिन वित्तीय स्थिति के बाद देश में जीडीपी में टैक्स का अनुपात सिर्फ 16-17 फीसदी है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन आदि में करीब 29 फीसदी है। देश में अमीरों को ढूंढऩा कोई ज्यादा मुश्किल भरा काम नहीं है। बढ़ते होटलों, मॉल्स और ज्वैलर्स की चमचमाती दुकानें देश में प्रगति की गवाही देती हैं। लाखों-करोड़ों रुपये के घर धड़ल्ले से खरीदे और बेचे जा रहे हैं, सडक़ों पर तेज रफ्तार और नई गाडिय़ों की भरमार है। ऐसे में इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि देश में आयकर देनेवालों की संख्या कुल आबादी का सिर्फ एक फीसदी है। हालांकि, इनमें से 5,430 लोग हर साल एक करोड़ रुपये से अधिक आयकर देते हैं। लेकिन आबादी का एक बड़ा हिस्सा आयकर देने में लापरवाही बरत रहा है। आयकर से जुड़ा आंकड़ा चौंकाने वाला है। यह देश में कर प्रणाली की खामियों की तरफ भी इशारा करता है। यह आर्थ

देवर्षि नारद : कल्याणकारी पत्रकारिता की राह - लोकेन्द्र सिंह

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हिन्दू शास्त्रों के अनुसार देवर्षि नारद ब्रह्मा के सात मानस पुत्रो मे से एक हैं। उन्होंने अति कठोर तपस्या करके ब्रह्मर्षि पद प्राप्त किया। नारद भगवान विष्णु के अनन्य भक्तों में से एक माने जाते है। देवर्षि नारद धर्म प्रचार व लोक-कल्याण हेतु सदैव तत्पर रहते हैं। नारद देवताओं व दानवों ने में एक-समान आदरणीय माने जाते हैं। देवर्षि नारद को ब्रह्माण्ड के प्रथम पत्रकार के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। पिछले कुछ समय से इस दिन पत्रकारों को सम्मानित करने का चलन भी बढ़ रहा है। प्रस्तुत है नारद मुनि से संबंधित कुछ सामग्री ।# नारद दिखाते हैं कल्याणकारी पत्रकारिता की राह - लोकेन्द्र सिंह पत्रकारिता की तीन प्रमुख भूमिकाएं हैं- सूचना देना, शिक्षित करना और मनोरंजन करना। महात्मा गांधी ने हिन्द स्वराज में पत्रकारिता की इन तीनों भूमिकाओं को और अधिक विस्तार दिया है- लोगों की भावनाएं जानना और उन्हें जाहिर करना, लोगों में जरूरी भावनाएं पैदा करना, यदि लोगों में दोष है तो किसी भी कीमत पर बेधड़क होकर उनको दिखाना। भारतीय परम्पराओं में भरोसा करने वाले विद्वान मानते हैं कि देवर्षि नारद की पत्रकारिता

देश की सिर्फ एक प्रतिशत आबादी करती है आयकर देने लायक

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देश की सिर्फ एक प्रतिशत आबादी करती है आयकर का भुगतान नई दिल्ली |   देश की कुल आबादी में आयकर दाताओं की संख्या सिर्फ एक प्रतिशत हैं। हालांकि, 5,430 लोग ऐसे हैं जो सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक का कर देते हैं। सरकार के आकलन वर्ष 2012-13 के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पारदर्शिता अभियान के तहत सरकार ने पिछले 15 साल के प्रत्यक्ष कर आंकड़ों को सार्वजनिक किया है। आकलन वर्ष 2012-13 के लिए लोगों के आंकड़ों को प्रकाशित किया गया है। इसमें 31 मार्च, 2012 को समाप्त वित्त वर्ष के आयकर आंकड़े दिए गए हैं। कुल मिलाकर 2.87 करोड़ लोगों ने वित्त वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल किया। इनमें से 1.62 करोड़ ने कोई कर नहीं दिया। इस तरह करदाताओं की कुल संख्या 1.25 करोड़ रही, जो उस समय देश की 123 करोड़ की आबादी का लगभग एक प्रतिशत बैठता है। आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर यानी 89 प्रतिशत या 1.11 करोड़ लोगों ने 1.5 लाख रुपये से कम का कर दिया। इस दौरान औसत कर भुगतान 21,000 रुपये रहा। कुल कर संग्रहण 23,000 करोड़ रुपये रहा। 100 से 500 करोड़ रुपये के दायरे में तीन लोगों ने 437 करोड़ रुपये का कर दिया। इस तरह औसत कर

नरेन्द्र मोदी सरकार के दो वर्ष

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मोदी सरकार के दो वर्ष मोदी सरकार आगामी 26 मई को अपने दो वर्ष पूरे करने जा रही है। अब तक सरकार ने जो भी काम किए हैं उन्हें देखकर कहा जा सकता है कि वह अब तक लोगों की आशाओं पर खरी उतरी है। फिर चाहे वह जन-धन योजना हो, एलपीजी कवरेज में वृद्धि, गांवों में विद्युतीकरण, सस्ता एलईडी बल्ब उपलब्ध कराने सम्बन्धी योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है। हालांकि अभी भी कई योजनाओं के अपेक्षित लाभ सामने आना है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार से मायूस होकर लोगों ने भाजपा को अपार जनसमर्थन देकर केन्द्र की सत्ता सौंपी थी जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र भाई मोदी कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में जहां विदेशों में भारत की छवि में सुधार आया है। वहीं आर्थिक गति भी मिली है। कुल मिलाकर जोरदार बहुमत और जनता की उम्मीदों का दामन थामकर सत्तासीन हुई मोदी सरकार ने पिछले लगभग दो साल में पुरानी जड़ता खत्म करने और विकास को गति देने और आमजन को विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनाने का प्रयास किया है। आमतौर पर यह माना जाता है कि लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना प्रत्येक सरकार के लिए चुनौतीभरा होता है, लेकिन

भारतीय मुस्लिमों के पूर्वज हैं राम : मोहम्मद अफजाल

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भारतीय मुस्लिमों के पूर्वज हैं राम, जल्द बनेगा मंदिरः अफजाल Published 24-Apr-2016 मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, नई दिल्ली। राम मन्दिर के मुद्दे पर सिर्फ वीएचपी ही आवाज नहीं उठा रही है बल्कि अब मुस्लिम राष्ट्रीय मंच भी अदालत के बाहर राम मंदिर के मुद्दे को सुलझाने की तैयारी में है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए व्यापक सहमति बनाने की तैयारी कर ली है। मंच इसके लिए बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी से भी बातचीत की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक मंच की इसी हफ्ते नागपुर में हुई तीन दिन की मीटिंग में भी यह मसला उठा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने ईनाडु इंडिया से बातचीत में कहा कि अब वक्त आ गया है कि मुस्लिम समुदाय को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए हिंदू समाज का समर्थन करना चाहिए। अफजाल ने कहा कि असली  असहिष्णुता तो ये है कि बहुसंख्यक हिंदुओं के आराध्य रामलला अयोध्या में तिरपाल में हैं। उन्होंने कहा कि भारत का मुस्लिम समाज कोई बाहर से नहीं आया है और ना

70 प्रतिशत लोग चाहते हैं नरेन्द्र मोदीे पांच साल के पहले कार्यकाल के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहें

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70 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदीे पांच साल के पहले कार्यकाल के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहें - भाषा मीडिया अध्ययन केंद्र (सीएमएस) के सर्वेक्षण में नरेन्द्र मोदी सरकार के दो साल के कामकाज प्रदर्शन का आकलन करने पर पता चला कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के कामकाज को बड़ी संख्या में लोगों ने पसंद किया है जिनकी संख्या 62 फीसदी है और करीब 70 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि वे पांच साल के पहले कार्यकाल के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहें। सर्वेक्षण में गिनाई गयीं बड़ी उपलब्धियों में जन धन योजना (36 प्रतिशत), स्वच्छ भारत मिशन (32 प्रतिशत) और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश लाने के प्रयास (23 प्रतिशत) का जिक्र हुआ। अलग अलग मंत्रालयों के आकलन में रेल मंत्रालय सर्वश्रेष्ठ आंका गया। प्रतिभागियों ने इसके बाद वित्त और विदेश मंत्रालय के कामकाज पर संतोष प्रकट किया। केंद्रीय मंत्रियों को पसंद करने के मामले में सबसे ज्यादा मत श्रीमती सुषमा स्वराज को मिले। इसके बाद राजनाथ सिंह, सुरेश प्रभु, मनोहर पर्रिकर और अरूण जेटली को लोगों ने पसंदीदा मंत्री बताया। एक संवाददाता सम्मेलन में सर्वेक्षण के नतीज