प्रदेश के विकास के लिए हर चुनौती मंजूर : मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे





राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री का जवाब
जयपुर, 2 मार्च 2017

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि जहां चाह है, वहां राह है। इसीलिए हमें भी प्रदेश के विकास के लिए हर चुनौती मंजूर है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने आप पर, अपनी पार्टी पर, विपक्ष पर और प्रदेश की जनता पर पूरा भरोसा है कि वह विकास की ओर उठाए गए हर कदम में हमारा भरपूर साथ देंगे।

मुख्यमंत्री गुरूवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि यह अभिभाषण मात्र एक वर्ष की उपलब्धियां नही बल्कि पिछले तीन वर्ष में निष्ठा और लगन से किये गये टीम राजस्थान के प्रयासों का परिणाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने भेदभाव से ऊपर उठकर हर क्षेत्र में विकास को गति देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जो विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस पार्टी के गढ़ माने जाते हैं उन क्षेत्रों के विकास में हमने कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस 11 बार जीती, जबकि हमारी पार्टी को दो बार ही मौका मिला। सुराज संकल्प यात्रा के दौरान हमने उनकी अधिक फ्लोराइडयुक्त पानी के कारण पीड़ा महसूस की और कुंभाराम लिफ्ट कैनाल से मीठा पानी पहुंचाने की बुनियाद रखी। पिछली सरकार ने इस क्षेत्र में सड़कों के निर्माण पर 23 करोड़ 74 लाख रुपये खर्च किए, जबकि हमने केवल तीन साल में ही 24.27 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण कार्य करा दिए हैं।

अधिकारी-कर्मचारी डरें नहीं साथ खड़ी है सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद उनकी सरकार जमीनी स्तर पर काम कैसे कर रही है। ऐसे लोग प्रदेश के विकास की गति को रोक नहीं पाए तो अधिकारियों को डराने, धमकाने लगे। सूची बनाने की धमकी दी। लगता है कुछ लोग सत्ता की खुमारी से अभी तक ऊबर नहीं पाए। उनको तो धन्यवाद देना चाहिए था कि सरकार ने विकास में बाधा बनने वाले लोगों को बेनकाब किया है। मैं राजस्थान के प्रत्येक सदस्य, सभी अधिकारी और कर्मचारियों को आश्वस्त करती हूं कि वे डरे नहीं, सरकार उनके साथ खड़ी है। अपना काम निर्भिक रूप से सच्ची लगन, ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करते रहें ताकि सशक्त और समृद्ध राजस्थान का निर्माण हो सके।
श्रीमती राजे ने कहा कि नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में तो हमें एक बार भी मौका नहीं मिला, फिर भी हमने तीन साल में यहां 61 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण कार्य कराये। जबकि कांग्रेस के पांच साल में 23 करोड़ रुपये ही खर्च हुए थे। उन्होंने कहा कि ओसियां मे भी 10 बार जीतने के बावजूद कांग्रेस वहां की जरूरते पूरी नही कर सकी, मगर हमने यहां भी कॉलेज, केन्द्रीय विद्यालय और कृषि मंडी खोली। साथ ही चार सौ करोड़ रुपये की पांचला घेवडा चिराई पेयजल योजना शुरू की। सड़कों पर भी 47.12 करोड़ रुपये खर्च किये।

जेएनवीयू की आंच दूर तक
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल सदन में हंगामा हुआ। आप सबको लगा कि हम ये नही समझ रहे कि आप ये क्यूं कर रहे है। हमें मालूम था कि विधायक जोगाराम जयनारायण व्यास विश्व विद्यालय में हुई अनियमितताओं का मुद्दा उठाने वाले थे, जिसकी आंच दूर तक जाती। इसलिए जानबूझ कर हंगामा खड़ा किया ताकि वो मुद्दा तो गायब हो जाए। यह मुद्दा इतनी आसानी से नही गायब होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति क्षेत्र को अपना वोट बैंक समझने वाली कांग्रेस पार्टी ने आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने की चिन्ता तक नहीं की। हमारी सरकार ने इन क्षेत्रों के लिए अलग से सर्विस कैडर का गठन करने, मेधावी छात्राओं को स्कूटी देने तथा महाराणा प्रताप पुलिस बटालियन की स्थापना करने जैसे काम किये। उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा में भी पिछले तीन साल में सड़कों पर 69 करोड़ रुपये खर्च किये गये। उन्होंने कहा कि बिना भेदभाव ही राज्य भर में सभी पंचायत मुख्यालयों पर हायर सैकेण्डरी स्कूल खोले जा रहे है। ग्रामीण गौरव पथ बनाएं जा रहे हैं।

प्रदेश के इतिहास का सबसे छोटा विधायक दल
श्रीमती राजे ने कहा कि जनता ने हमें प्रदेश की सेवा के लिए 18 साल दिए वो भी टुकड़ों में, जबकि कांग्रेस को 50 साल मिले। फिर भी जिस पार्टी ने प्रदेश में 50 वर्ष तक शासन किया, वही पार्टी राजस्थान के इतिहास में अब तक का सबसे छोटा विधायक दल बनकर सामने बैठी है। इसका कारण भी साफ है कि जनता ने कांग्रेस पार्टी को खूब समय दिया और परखा मगर प्रदेश का विकास नहीं हुआ।

जश्न नहीं मनाया, रिपोर्ट कार्ड दिया
श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार के तीन साल पूरे होने पर हमारे ऊपर जश्न मनाने के आरोप लगाये गये, जबकि हम जनता के बीच गये और तीन साल में किए हुए कार्यों को लोगां के सामने रखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एसबीसी वर्ग को आरक्षण के लिए कानून लेकर आए और उस कानून के विलोपित होने के बाद हमने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर एसबीसी वर्ग को इसका लाभ दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। हमने एसबीसी वर्ग को आरक्षण के बारे में अध्ययन के लिए जस्टिस एस के गर्ग की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। उन्होंने कहा कि हमने आर्थिक पिछडे़ वर्ग के आरक्षण के अध्ययन के लिए जस्टिस अनूप गोयल की अध्यक्षता में आयोग गठित किया है एवं धौलपुर-भरतपुर के जाटों के आरक्षण की मांग का जस्टिस जितेन्द्र गोयल की अध्यक्षता में ओबीसी आयोग अध्ययन कर रहा है।

बिना प्रावधानों के कर डाली घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के अन्तिम वर्ष में 19 वृहद पेयजल तथा 16 सिंचाई परियोजनाओं सहित 42 कॉलेजो की घोषणाएं कर दी जबकि इनके लिए कोई वित्तीय प्रावधान नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि हमने राजधर्म का पालन करते हुए 42 कॉलेजो की घोषणाओं में से 32 को पूरा किया।

किसान हित में नियम बदले
श्रीमती राजे ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को नई फसल बीमा योजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने इस योजना के लिए 1066 करोड रुपये का प्रावधान रखा है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश इस योजना की क्रियान्विति में अग्रणी है जिसकी स्वयं प्रधानमंत्री जी ने सराहना की है। इतना ही नहीं पहली बार राष्ट्रीय आपदा राहत फंड के नियमों में बदलाव करते हुए 50 प्रतिशत के स्थान पर 33 प्रतिशत खराबे पर मुआवजे का निर्धारण किया गया जिसका फायदा प्रदेश के किसानों को मिला। उन्होंने कहा कि ग्राम के आयोजन में 55 हजार किसानों और पशुपालकों ने भाग लेकर इसे सफल बनाया।

राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय दुगुनी हुई
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य की खुशहाली का प्रतीक उसकी प्रति व्यक्ति आय को माना जाता है। इस आंकडे़ में भी राजस्थान ने नई ऊंचाई हासिल की है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय वर्ष 2013-14 में 27 हजार रुपये थी, जो अब वर्ष 2015-16 में दुगुने से भी अधिक 57 हजार रुपये हो गई है।

बिजली पर देश में सबसे अधिक सब्सिडी राजस्थान में
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के निर्णय के कारण हमें 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी कम्पनियां मिली जिसका सालाना ब्याज ही 8 हजार करोड़ रुपये है। बढ़ी हुई दरों के कारण किसानों पर पड़ने वाले भार को कम करने के लिए सरकार ने यह भार खुद वहन करने का निर्णय लिया। पिछली सरकार ने 5 वर्ष में बिजली पर जहां 9 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी, वहीं हमारी सरकार ने तीन वर्ष में ही 24 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। आने वाले दिनों में सरकार इस मद में 8 हजार 500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष सब्सिडी का भार वहन करेगी। यह सब्सिडी देश के किसी भी राज्य सरकार द्वारा कृषि पर दी जा रही सर्वाधिक सब्सिडी है।

श्रीमती राजे ने प्रदेश के स्वाभिमान और खुशहाली के लिए सभी से साथ आने का आह्वान करते हुए हेनरी फोर्ड के इस कथन के साथ अपने भाषण का समापन कियाः-

‘‘साथ आना शुरुआत होती है, साथ रहने से तरक्की होती है और साथ काम करने से सफलता मिलती है।’’
मुख्यमंत्री के भाषण के बाद सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हुआ।

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