आत्मविश्वास से जगमगाता आत्मनिर्भर भारत




मोदी सरकार 2.0 का एक वर्ष पूरा होने पर विशेष : आत्मविश्वास से जगमगाता आत्मनिर्भर भारत
Modi govt 2.0 1st anniversary, self reliant India : मोदी सरकार आज अपने दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा कर रही है. इस अवसर पर पढ़ें गृह मंत्री अमित शाह का विशेष आलेख….

May 30, 2020

विगत छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ओजस्वी नेतृत्व में भारतवर्ष की विकास यात्रा अद्भुत, अकल्पनीय और प्रशंसनीय रही है. 2014 से पहले की किंकर्तव्यविमूढ़ता, अकर्मण्यता और खोखले वादों के पिटारे पर मोदी कार्यकाल में जन-मानस ने नेतृत्व, विश्वास, सहयोग और आत्मबल के सहारे समय से पूर्व ही लक्ष्य को बेधने की क्षमता हासिल कर ली है.

फ्रेजाइल फाइव से भारत को विश्व की सबसे प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाना, आतंकवाद के साये से देश को निकाल कर उसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार करना, स्वच्छता को हर भारतवासी का संस्कार बनाना, सच्चे अर्थों में गांव-गरीब-किसानों का कायाकल्प करने का संकल्प और चुनौतियों को अवसरों में परिवर्तित करने की निपुणता तो भारत ने मोदी सरकार के पहले ही कार्यकाल में देख लिया था. दूसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष ने देश की जनता को सपनों के सच होने का यकीन भी दिला दिया.
कुछ करने का जज्बा और हौसला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा हो, तो कुछ भी असंभव नहीं. भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने अपने घोषणापत्र के एक-एक वादे को जमीन पर उतार कर दिखाया है, वरना चुनावी घोषणापत्र को तो देश की जनता महज झूठ का एक पुलिंदा भर ही समझती थी, जो केवल कुछ पार्टियों द्वारा जनता को धोखा देने और उन्हें गुमराह करने के लिए लाया जाता था. केंद्र सरकार के संकल्प पत्र ने लोकतंत्र में घोषणापत्र की महत्ता को तो स्थापित किया ही, लोकतंत्र की जड़ों को भी मजबूत किया.
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35-ए का उन्मूलन, श्री राम मंदिर के निर्माण के मार्ग का प्रशस्तीकरण, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के अभिशाप से मुक्ति और नागरिकता संशोधन कानून के माध्यम से आजादी के 70 सालों से वंचितों को उनका अधिकार देने जैसे कई कालजयी निर्णयों से एक ओर मोदी सरकार ने आजादी के बाद की ऐतिहासिक गलतियों को सुधारा है.
दूसरी ओर विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत' से देश के लगभग 50 करोड़ गरीबों को इलाज के बोझ से मुक्ति दिलाने, करोड़ों गरीब महिलाओं का उज्ज्वला योजना के माध्यम से सशक्तीकरण, किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक कृषि सहायता राशि, हर गरीब को छत और हर नागरिक की जनधन खाते के माध्यम से बैंकों तक पहुंच जैसे सर्वस्पर्शी निर्णयों के माध्यम से नये भारत का सृजन किया है. इस तरह मोदी सरकार सृजन और सुधार के समांतर समन्वय की अभूतपूर्व मिसाल बनी है. ध्यान में रखने वाली बात यह है कि सभी महत्वपूर्ण विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हुए, जबकि राज्यसभा में हमारा बहुमत भी नहीं था. यह दिखाता है कि हमारा लोकतंत्र कितना परिपक्व हुआ है.
भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार के निर्णायक प्रहार ने देश में एक अलग तरह का आत्मविश्वास जगाया है. यूएपीए और एनआइए एक्ट में संशोधन कर आतंकवाद पर नकेल कसने को संबल मिला है. भारत की ऊर्जस्वी विदेश नीति और रक्षा नीति ने देश को अग्रिम कतार में खड़ा किया है और दुनिया का देश को देखने के प्रति नजरिये में आमूल-चूल बदलाव आया है.
मोदी सरकार के द्वितीय संस्करण के प्रथम वर्ष में ऐसी कई पहल की गयी, जिनसे वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था को गति मिली; जैसे नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में एफडीआई का मार्ग प्रशस्त करना, कॉर्पोरेटर टैक्स को कम करना, बैंकों का विलय, एनबीएफसी लोन पर मोरोटोरियम, कंपनी एक्ट में सुधार, एमएसएमइ के विकास के लिए आसान ऋण की व्यवस्था आदि. वर्षों से लंबित ब्रू-रियांग शरणार्थी समस्या तथा बोडो समस्या का समाधान भी मोदी सरकार 2.0 के पहले साल में हुआ. दशकों से लंबित चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया. आरसीइपी का विरोध करके देश के किसानों एवं व्यवसायियों के हितों की सुरक्षा की गयी, जिसकी महत्ता कोरोना वायरस के मामले में चीन की भूमिका के मद्देनजर और बढ़ जाती है. डिफेंस इंडस्ट्री कॉरीडोर बना कर न सिर्फ विदेशी निवेश को आकर्षित किया गया, बल्कि इससे लाखों करोड़ की विदेशी मुद्रा की भी बचत हुई.
सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर काम करने वाली मोदी सरकार ने सामाजिक उत्थान को अपना मूल मंत्र बनाया. किसान, मजदूर एवं छोटे उद्यमियों के लिए पेंशन योजना, जल शक्ति मंत्रालय का गठन, एक देश-एक राशन कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, फसलों की एमएसपी को डेढ़ गुना से अधिक करने का निर्णय, एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्स की विकास योजना, उज्ज्वला और सौभाग्य योजना के साथ-साथ स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्ति के आंदोलन ने यह स्थापित किया कि गरीब कल्याण के सहारे भी जीडीपी ग्रोथ हासिल की जा सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने समस्याओं को चुनौती के रूप में लेकर उसे अवसरों में ढालना सीख लिया है.मोदी सरकार 2.0 का जिक्र कोरोना के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के बगैर पूरा नहीं हो सकता. नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व ने दुनिया को इस दिशा में अलग राह दिखाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से प्रभावित लोगों, अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि एवं उद्योगों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करके ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अभ्युदय का नया सूरज उगाया है. अब तक लगभग 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से केवल दो महीनों में गरीबों, मजदूरों, किसानों, विधवाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के एकाउंट में हस्तांतरित किये जा चुके हैं. गरीबों के लिए पांच महीने तक मुफ्त राशन की व्यवस्था की गयी है और मनरेगा के तहत 60 हजार करोड़ के बजटीय आवंटन से अलावा 40 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं. उन्होंने इसके माध्यम से न केवल सुदृढ़ ‘न्यू इंडिया', बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को भी साकार करने खाका तैयार किया है. इसके माध्यम से भारत के भाल पर नव-निर्माण का सुनहरा भविष्य लिखा जायेगा.
आत्मनिर्भर भारत की झलक भी पिछले डेढ़ माह में दिख गयी कि भारत किस तरह चुनौतियों से पार पाने में सक्षम है. अप्रैल की शुरुआत में हम जहां पीपीइ किट, वेंटिलेटर और एन-95 मास्क के लिए पूर्णतः आयात पर निर्भर थे, वहीं आज हम स्वयं बड़े पैमाने पर इनका उत्पादन कर रहे हैं.
आज देश में प्रतिदिन लगभग 3.2 लाख पीपीइ किट (अब तक एक करोड़ पीपीइ किट भारत में बनाये गये हैं) और ढाई लाख एन-95 मास्क बनाये जा रहे हैं. वेंटिलेटर का स्वदेशी संस्करण भी बाजार मूल्य से काफी कम कीमतों में देश के कई संस्थाओं ने तैयार कर लिया है. दस लाख से अधिक कोरोना बेड तैयार किये जा चुके हैं और हमने रोजाना डेढ़ लाख टेस्टिंग की क्षमता भी हासिल कर ली है.
संकट के समय हमने दुनिया के 55 से अधिक देशों को जरूरत की दवाइयों की आपूर्ति की है, जिसकी सराहना दुनिया के सभी देशों ने की है. सही समय पर लॉकडाउन के चलते भारत ने कोरोना को काफी हद तक रोकने में सफलता पायी है. कोरोना संकट के दौर में देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी और स्वावलंबन का नारा देते हुए देश की आत्मा को जगाया है. साथ ही ‘लोकल के लिए वोकल' कह कर स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा देने की वकालत की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम लगातार हर क्षेत्र में अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं, जो भारत को सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर बनायेगा. उनकी अगुआई में भारत एक ऐसे राष्ट्र बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है, जहां न कोई शोषक होगा न शोषित, न कोई मालिक होगा न मजदूर, न अमीर होगा न गरीब. सबके लिए शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा और उन्नति के समान और सही अवसर उपलब्ध होंगे.

10 Points
1)  मोदी सरकार 2.0 के एक साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी और केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष में बहुत निर्णायक फैसले लिए गए हैं. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35-ए को निरस्त करना प्रधानमंत्री मोदी की इच्छाशक्ति का नतीजा था. इस कार्य के सूत्रधार गृहमंत्री अमित शाह बने.

2) नड्डा ने कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में मोदी सरकार की सफलता का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “आज हम जब एक साल पूरा कर रहे हैं तो पूरा विश्व कोरोना के साये में है. अन्य देशों के मुकाबले भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई इस तरह लड़ी जिससे भारत की स्थिति संभली हुई है.

3) नड्डा ने कहा कि लॉकडाउन के समय भारत की कोरोना टेस्ट की क्षमता सिर्फ 10,000 टेस्ट प्रतिदिन थी और आज ये क्षमता 1.60 लाख टेस्ट प्रतिदिन है. आज देश में करीब 4.50 लाख पीपीई किट्स प्रतिदिन देश में बन रहे हैं. करीब 58,000 वेंटिलेटर्स देश में बन रहे हैं.

4) रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “जब दोबारा सरकार बनी तो अनेक ऐसे निर्णय लिए गए जो भाजपा के वैचारिक अधिष्‍ठान की विश्‍वसनीयता के आधार थे. उन्‍हें साहस और दृढ़ता के साथ मोदी जी ने मुकाम तक पहुंचाया. यह हमारे लिए विश्‍वसनीयता की कसौटी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस कसौटी पर सौ फीसदी खरे उतरे हैं.”

5) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आपने जो समय रहते Lockdown का फैसला किया, उससे COVID19 से लड़ने के लिए देश-प्रदेश तैयार हो सका. आपके इस दूरदर्शी फैसले ने हजारों अनमोल जिंदगियों को बचा लिया. आपके सक्षम नेतृत्व को पाकर देश धन्य हुआ. आपका अभिनंदन!”

6) रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार (Modi Government 2.o) पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपनी साधारण पृष्ठभूमित की तो बार-बार बात करते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल ने ये साबित कर दिया कि उन्हें जनमानस की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है. सुरजेवाला ने कहा कि इससे ज्यादा चिंता की बात तो ये है कि उनमें आम लोगों के प्रति जिम्मेदारी व जवाबदेही का पूर्णत: अभाव है. कांग्रेस ने इस मौके पर मोदी सरकार की छह भ्रांतियां गिनाईं.

7) बसपा मुखिया ने कहा कि "केन्द्र सरकार को अपनी नीतियों व कार्यशैली के बारे में खुले मन से जरूर समीक्षा करनी चाहिए और जहां पर इनकी कमियां रहीं हैं, उनपर इनको पर्दा डालने की बजाय, उन्हें दूर करना चाहिए। बहुजन समाज पार्टी की इनको देश व जनहित में यही सलाह है।"

8) ठीक एक साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत शपथ ग्रहण करने के साथ से की और पहली वर्षगांठ पूरा होने पर उन्होंने देश की जनता को खत लिखा.

9) इस दौरान दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चुनाव हुए और जहां महाराष्ट्र और कर्नाटक छोड़ दोनों जगहों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. वहीँ महाराष्ट्र में बीजेपी बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन लाख कोशिशों के बाद सरकार नहीं बना पाई. कर्नाटक में येदियुरप्पा की सरकार बनी. इस बीच मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई और मध्य प्रदेश में एक बार फिर मामा यानी शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बन गए हैं.

10) मोदी सरकार में गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पेश किया जिसके मुताबिक बांग्लादेश और पाकिस्तान में ऐसे अल्पसंख्यकों जिनके ऊपर धर्म के आधार पर अत्याचार हुआ है उनके देश में नागरिकता दी जाएगी. 

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