विस्तारवाद का युग समाप्त हुआ - मोदी




लेह में बोले PM मोदी- हम बांसुरीधारी और सुदर्शनधारी कृष्ण की पूजा करने वाले लोग;
पढ़ें 10 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लेह में चीन का बिना जिक्र किए उसपर निशाना साधा। वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि हम वो लोग हैं, जो बांसुरीधारी और सुदर्शन चक्रधारी श्रीकृष्ण भगवान की पूजा करते हैं। लेह में पीएम मोदी ने जवानों से कहा कि आपका यह हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं,उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है। पढ़ें. पीएम मोदी के संबोधन की 10 खास बातें:
1- आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने हजारों वर्षों से आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया। हम वो लोग हैं, जो बांसुरी धारी कृष्ण की पूजा करते हैं तो हम वो ही लोग हैं, जो सुदर्शनधारी कृष्ण को भी आदर्श मानकर चलते हैं। इसी प्रेरणा से हर आक्रमण के बाद भारत और सशक्त होकर उभरा है।
2- राष्ट्र, दुनिया और मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता हर कोई मानता है कि जरूरी है। लेकिन हम यह भी जानते हैं कि कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकता। वीरता ही शांति की पहली शर्त होती है।
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3- भारत आज जल, नभ और अंतरिक्ष तक, अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण ही है। भारत आज आधुनिक शस्त्र का निर्माण कर रहा है। सेना के पास आधुनिक तकनीक लाई जा रही है, जिसके पीछे की भावना भी यही है। भारत अगर आधुनिक इंफ्रास्ट्रचर का निर्माण कर रहा है तो उसके पीछे का संदेश भी यही है।
4- विश्व युद्ध हो या फिर शांति की बात, जब भी जरूरत पड़ी है, दुनिया ने हमारे वीर जवानों का पराक्रम देखा है और उसे महसूस किया है। हमेशा ही मानवता के लिए काम किया है। आप सभी भारत की इस परंपरा को स्थापित करने वाले लीडर हैं।
5- 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी।

6- मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को आज पुनः श्रद्धांजलि देता हूं। उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी का सिर, आपके सामने आदरपूर्वक नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।
7- विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। यह युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए ही, अवसर है और विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है।
8- बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया और मानवता को विनाश करने की कोशिश की। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार होती है तो उसने हमेशा ही विश्व शांति के लिए खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं।
9- आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर चाहे वो सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हों, राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहें हैं।
10- अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है।

विस्तारवाद का युग समाप्त हुआ - मोदी
लेह से पीएम मोदी का चीन पर निशाना- समाप्त हुआ विस्तारवाद का युग, इतिहास गवाह कि ऐसी ताकतें मिट गईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है यह युग विकासवाद का है। विस्तारवाद की नीति ने विश्व शांति के लिए खतरा पैदा किया है और इसी अनुभव के आधार पर पूरे विश्व ने इस बार फिर विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है। पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अचानक लेह पहुंचे और वहां जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही।
उन्होंने कहा, 'विस्तार वाद का युग समाप्त हो चुका है। यह युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए अवसर है और विकासवाद भविष्य का आधार भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया और मानवता के विनाश का प्रयास किया।'

उन्होंने कहा, 'विस्तारवाद की जिद किसी पर सवार हो जाती है तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। और यह न भूलें इतिहास गवाह है। ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने को मजबूर हो गई है।' मोदी ने कहा, 'विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है और इसी अनुभव के आधार पर अब इस बार फिर से पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है। आज विश्व विकासवाद को समर्पित है और विकासवाद की स्पर्धा का स्वागत कर रहा है।'

मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ सुबह करीब साढ़े नौ बजे लेह पहुंचे और वहां निमू में, जो एक अग्रिम स्थल है, थलसेना, वायुसेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों से बातचीत की। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को सीमा पर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। सिंधु नदी के तट पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है। यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है।

प्रधानमंत्री ने जवानों से कहा, 'मैं गलवान घाटी में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों को एक बार फिर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। आपने जो वीरता हाल ही में दिखाई उससे विश्व में भारत की ताकत को लेकर एक संदेश गया है।' उन्होंने कहा, 'आपके और आपके मजबूत संकल्प के कारण आत्मनिर्भर भारत बनने का हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है। आपकी इच्छाशक्ति हिमालय की तरह मजबूत और अटल है, देश को आप पर गर्व है।'



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