रामलला : 27 साल 3 महीने 18 दिन तंबू में किसके कारण ?


रामलला : 27 साल 3 महीने 18 दिन तंबू में किसके कारण ?


                                       6 दिसंबर 1992 से 25 मार्च 2020 - टाट के नीचे हैं रामलला


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अयोध्या: 27 साल 3 महीने 18 दिन बाद तंबू से बाहर निकलेंगे रामलला, तारीख तय
विवादित ढांचा विध्वंस के बाद से रामलला मानस भवन के पास टाट के नीचे रखे गए थे। अब 27 साल बाद उन्हें यहां से शिफ्ट करके फाइबर के मंदिर में 24 मार्च को स्थापित कर दिया जाएगा। इस दिशा में काफी जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं

वी.एन. दास |नवभारत टाइम्स | Updated: 07 Mar 2020

हाइलाइट्स
अयोध्या में 27 साल बाद तंबू से बाहर रामलला को किया जाएगा शिफ्ट
बुलेटप्रूफ फाइबर मंदिर में 24 मार्च को रामलला की होगी शिफ्टिंग
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्र्स्ट के महासचिव चंपत राय ने दिया बयान
6 दिसंबर 1992 से एक तंबू के नीचे रखी गई है रामलला की मूर्ति

6 दिसंबर 1992 से टाट के नीचे हैं रामलला

अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सरगर्मियां तेज हो रही हैं। 6 दिसंबर 1992 के बाद से रामलला एक तंबू के नीचे विराजमान हैं। इस बीच नवरात्र के पहले दिन रामलला को तंबू से हटाकर बुलेटप्रूफ फाइबर मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा। शनिवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्र्स्ट के महासचिव और वीएचपी नेता चंपत राय ने परिसर का जायजा लेने के बाद यह बात कही है।

विवादित ढांचा विध्वंस के बाद से रामलला मानस भवन के पास टाट के नीचे रखे गए थे। अब 27 साल बाद उन्हें यहां से शिफ्ट करके फाइबर के मंदिर में 24 मार्च को स्थापित कर दिया जाएगा। इस दिशा में काफी जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। शनिवार को ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सदस्यों के साथ परिसर का पूरी तरह से निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और कमिश्नर गुप्ता भी 1 घंटे तक परिसर में मौजूद रहे।

चंपत राय ने बताया, 'यहां की व्यवस्था को बड़ी बारीकी से देखकर यह निर्णय लिया गया है रामलला को नवरात्र के पहले दिन से पहले टाट के मंदिर से मुक्त कर दिया जाए।' फाइबर मंदिर के बारे में उन्होंने बताया, 'यह दिल्ली में तैयार हो रहा है और सुरक्षा व्यवस्था के तहत इसका निर्माण करवाया जा रहा है। इस मंदिर का निर्माण और इसको राम मंदिर परिसर में स्थापित करने का काम सुरक्षा एजेंसी के ऊपर है। वह समय से फाइबर मंदिर बनवा कर यहां स्थापित कर देगी।'

इसके साथ ही ट्र्स्ट की बैठक की तारीख भी तय हो गई है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अगली बैठक 4 अप्रैल को अयोध्या में होगी। चंपत राय ने बताया कि इस बैठक के सिलसिले में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की 4 अप्रैल को होने वाली बैठक में राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन तथा इसके निर्माण से संबंधित अन्य बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद निर्णय होंगे। राय ने बताया कि परिसर में कार्य संतोषजनक और प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के अयोध्या कार्यालय का भवन भी निश्चित कर लिया गया है जोकि राम मंदिर के प्रवेश द्वार के चेक पॉइंट के बगल ही स्थित है। इसको भी पूरी तरह से व्यवस्थित किया जाएगा।।
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अयोध्या पहुंचे CM योगी, आज चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे रामलला

कोरोना वायरस के कहर के बीच आज अयोध्या में हलचल रहेगी क्योंकि रामलला आज अस्थायी मंदिर में विराजने जा रहे हैं. इस आयोजन में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या पहुंच गए हैं.
कुमार अभिषेक
लखनऊ, 25 मार्च 2020,

नवरात्रि के पहले दिन अस्थायी बुलेटप्रूफ मंदिर में विराजेंगे रामललाभगवान श्री रामलला का चांदी का सिंहासन 9.5 किलोग्राम का हैCM आदित्यनाथ सुबह 4 बजे नए फाइबर मंदिर में शिफ्ट कराएंगे
रामलला को वैकल्पिक नए मंदिर में शिफ्ट करने को लेकर आयोजित अनुष्ठान में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अयोध्या पहुंच गए. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ मंगलवार शाम अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचे और फिर यहां से वह सर्किट हाउस गए.

अयोध्या में बुधवार को रामलला को चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया जाएगा, जिसके बाद मूल गर्भगृह पर राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा. भगवान श्री रामलला का चांदी का यह सिंहासन 9.5 किलोग्राम का है.
जयपुर के कारीगरों ने बनाया
चांदी का यह सिंहासन जयपुर के कारीगरों ने बनाया है. चांदी के सिहासन के पृष्ठ पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर उत्कीर्ण किए गए हैं. रामलला इसी आकर्षक सिहासन पर विराजमान होंगे. मौजूदा समय में मूल गर्भगृह के अस्थायी मंडप में रामलला लकड़ी के सिहासन पर विराजित हैं.
राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र यह सिंहासन लेकर अयोध्या आए. उन्होंने यह सिंहासन ट्रस्ट को समर्पित कर दिया. रामलला के अस्थायी मंदिर में शिफ्टिंग अनुष्ठान का आयोजन होगा. यह शिफ्टिंग नवरात्रि के पहले दिन यानी बुधवार को होगा. नवरात्रि के पहले दिन रामलला अस्थायी बुलेटप्रूफ मंदिर में विराजेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. मुख्यमंत्री सर्किट हाउस में ही रात्रि विश्राम करेंगे. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ बुधवार सुबह 4 बजे नया अस्थायी फाइबर के मंदिर में रामलला को शिफ्ट करेंगे.
भूमि शुद्धिकरण का काम शुरू

इससे पहले अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक नए मंदिर में शिफ्ट करने के लिए होने वाले अनुष्ठान को कराने के लिए प्रसिद्ध वैदिक आचार्य डॉक्टर कृति कांत शर्मा ने अनुष्ठान और भूमि के शुद्धिकरण का काम सोमवार से शुरू कर दिया.

रामलला के लिए साढ़े नौ किलो चांदी से बने इस सिंहासन को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी और अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र ने भेंट किया है.

बिमलेंद्र ने सिंहासन राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय को सौंपा. इस मौके पर ट्रस्ट के पदेन सदस्य जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और एक अन्य सदस्य डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र समेत महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, नगर आयुक्त डॉक्टर नीरज शुक्ल, साहित्यकार यतींद्र मिश्र प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

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aajtak.in
नई दिल्ली , 25 मार्च 2020, अपडेटेड 12:14 IST
कोरोना वायरस से बचाव के लिए घोषित लॉकडाउन के बीच अयोध्या में रामलला नवरात्र के पहले दिन 25 मार्च को त्रिपाल से निकलकर बुलेटप्रूफ अस्थाई मंदिर में विराजमान हो गए. दो दिन के वैदिक अनुष्ठान के बाद बुधवार सुबह 4 बजे रामलला को शिफ्ट किया गया. बताया जा रहा है कि जब तक मंदिर निर्माण का काम पूरा नहीं हो जाता है, रामलला विराजमान इसी मंदिर में रहेंगे. बुधवार को रामलला को नए आसन पर विराजमान करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए आशीर्वाद मांगा. सीएम योगी ने कहा कि रामलला हमको इतनी शक्ति दें कि हम ना सिर्फ इस आपदा से निपट सकें बल्कि नए भारत के निर्माण में भी आगे बढ़ सकें. अयोध्या में चैत्र नवरात्र के पहले दिन भोर के ब्रह्म मुहूर्त में भगवान राम लला को गर्भ गृह से नए अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया गया. इस मौके पर सीएम योगी ने मंदिर निर्माण के लिए अपनी ओर से 11 लाख रुपये का चेक दिया.

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