चलो महंगाई का भ्रष्टाचार प्रमाणित हुआ : सीमेंट उद्योग को महंगा पड़ा जोड़


11 सीमेंट कंपनियों पर 6000 करोड़ रुपये जुर्माना

चलो महंगाई का भ्रष्टाचार प्रमाणित हुआ :

 सीमेंट उद्योग को महंगा पड़ा जोड़

बीएस संवाददाता / नई दिल्ली June 21, 2012

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने आज 11 सीमेंट कंपनियों और सीमेंट मैन्युफैचरर्स एसोसिएशन (सीएमए) पर सांठगांठ करने के लिए 6,307 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इस सूची में एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स, अल्ट्राटेक और जेपी सीमेंट्स शामिल हैं।
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने कहा, 'भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने सीमेंट विनिर्माताओं ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के उल्लंघन का दोषी पाया।' जिन अन्य सीमेंट कंपनियों को सांठगांठ का दोषी पाया गया और जुर्माना लगाया गया उनमें अल्ट्राटेक सीमेंट्स में विलय हो चुकी ग्रासिम सीमेंट्स, लफार्ज इंडिया, जे के सीमेंट, इंडिया सीमेंट्स, मद्रास सीमेंट्स, सेंचुरी सीमेंट्स और बिनानी सीमेंट्स शामिल हैं।
आदेशानुसार प्रत्येक कंपनी को वित्त वर्ष 2009-10 और 2010-11 के दौरान कमाए गए मुनाफे की 50 फीसदी रकम 90 दिन के भीतर जुर्माने के तौर पर चुकानी होगी। सीसीआई के सदस्य आर प्रसाद ने कहा कि जुर्माने की रकम सरकार के संचयी कोष में जाएगी। जांच के दौरान आयोग ने पाया कि इन कंपनियों ने आपूर्ति घटाने के लिए अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं किया, जिससे मांग बढऩे पर वे सीमेंट के दाम बढ़ा सकें। सीसीआई ने आदेश में कहा, 'आयोग ने पाया कि प्रतिद्वंद्वी कंपनियों ने सीएमए के जरिये कीमत, क्षमता और उत्पादन को आपस में साझा करने के तंत्र को संस्थागत रूप दिया है, जिससे उत्पादन व आपूर्ति को सीमित किया जा सके  ताकि सीमेंट का दाम तय करने में आसानी हो जाए।'
सीसीआई ने कहा कि बाजार में सीमेंट की आपूर्ति सीमित करने और प्रतिस्पर्धा रोधी करार के जरिये सीमेंट के दाम के साथ छेड़छाड़ कर कंपनियों ने न सिर्फ उपभोक्ताओं को बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। आदेश में यह भी कहा है कि इस तरह की सांठगांठ के लिए किसी तरह का लिखित करार हो, यह जरूरी नहीं। आदेश में सीसीआई ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे करार, कीमतों पर समझौता, उत्पादन और बाजार में सीमेंट की आपूर्ति से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से 'परहेज करें'। हालांकि आदेश में भविष्य में ऐसी सांठगांठ रोकने के लिए किसी प्रक्रिया की बात नहीं कही गई है।
प्रसाद ने कहा, 'अगर भविष्य में इन कंपनियों को फिर सांठगांठ का दोषी पाया गया, तो मामले की दोबारा जांच की जाएगी और उन पर ज्यादा भारी भरकम जुर्माना लगाया जाएगा।' उम्मीद है कि सीमेंट उद्योग सीसीआई के इस आदेश के खिलाफ कानूनी कदम उठा सकता है।
मद्रास सीमेंट्स के मुख्य कार्याधिकारी ए वी धर्मकृष्णन ने कहा, 'अभी हमने आदेश पढ़ा नहीं है। एक बार आदेश पढऩे के बाद ही हम जरूरी कानूनी कदम उठाएंगे। हमने कुछ गलत नहीं किया है इसलिए हमें पूरा भरोसा है कि हम अपना बचाव कर सकते हैं।' लफार्ज इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं, जिसके बाद ही हम कानूनी कार्र्रवाई करेंगे।'
प्रसाद ने बताया कि हम इन सभी कंपनियों को अगले 60 दिन के भीतर नोटिस जारी करेंगे। बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) द्वारा शिकायत करने पर जांच महानिदेशक ने 39 सीमेंट कंपनियों की जांच की। इसी जांच के आधार पर सीसीआई ने फैसला सुनाया है। बीएआई ने आरोप लगाया था कि  सीमेंट के भाव एक समान रखने के लिए कंपनियों ने सांठगांठ की है। 2010 में गंभीर अपराध जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने भी इसकी जांच कर रिपोर्ट कंपनी मामलों के मंत्रालय को सौंपी थी।
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11 सीमेंट कंपनियों पर 6000 करोड़ रुपये जुर्माना
Thursday, June 21, 2012

नई दिल्ली : भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गुरुवार को 11 सीमेंट कंपनियों पर 6000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया। आयोग ने कंपनियों को व्यापार संघ बनाकर कीमत का निर्धारण करने का दोषी ठहराया। प्रभावित कम्पनियों में अम्बुजा सीमेंट, एसीसी, अल्ट्राटेक और इंडिया सीमेंट जैसी कम्पनियां शामिल हैं। प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा लगाया गया यह अब तक का सर्वाधिक जुर्माना है।

आयोग ने 11 कम्पनियों से कहा है कि कारोबारी साल 2009-10 और 2010-11 में कम्पनियों ने जितना म

ुनाफा कमाया है, उसका आधा हिस्सा जुर्माना के रूप में अदा करें। कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक कि इस आधार पर जुर्माना की राशि 6000 करोड़ रुपये से अधिक बैठती है। जिन कम्पनियों पर जुर्माना लगाया गया है, उनमें शामिल हैं एसीसी, अम्बुजा सीमेंट्स लिमिटेड, अल्ट्राटेक सीमेंट्स, ग्रासीम सीमेंट्स अब इसका अल्ट्राटेक सीमेंट्स में विलय हो गया है, जेके सीमेंट्स, इंडिया सीमेंट्स, मद्रास सीमेंट्स, सेंचुरी सीमेंट्स, बिनानी सीमेंट्स, लफार्ज इंडिया और जेपी सीमेंट्स। आयोग ने सीमेंट मैन्यूफैक्च र्स एसोसिएशन पर भी जुर्माना लगाया।

आयोग ने बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की शिकायत के बाद डायरेक्टर्स जेनरल ऑफ इनवेस्टिगेशन की जांच के बाद जुर्माना लगाया। (एजेंसी)


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