'जब मैं कुर्सियां लगाता था' - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी



'जब मैं कुर्सियां लगाता था', पत्रकारों से बेबाक बोले पीएम मोदीSat, 25 Oct 2014 

नई दिल्ली। भाजपा कार्यालय में दिवाली मिलन कार्यक्रम के दौरान संपादकों और भाजपा कवर करने वाले पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'मैं भी पहले कभी लोगों के इंतजार में यहीं पर कुर्सियां लगाया करता था। कुछ साल पहले तक मीडिया से हमारा नाता रहता था। वो दिन कुछ और थे, खुलकर बातचीत होती थी। इसका हमें सीधा लाभ गुजरात में मिला।'

मोदी ने कहा, 'मैं कुछ रास्ता खोज रहा हूं कि मीडिया से हमारा रिश्ता कैसे गहरा हो। मोदी ने कहा कि मीडिया से कई जानकारी भी मिलती है और विजन भी मिलता है। मीडिया की हर घटना पर पैनी नजर होती है। पत्रकारों से पहले बहुत सारी बातें होती थीं, लेकिन अब मौका नहीं मिल पाता है।'

साथ ही स्वच्छता अभियान पर मीडियाकर्मियों के सहयोग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सफाई पर जो कालम लिखे जा रहे हैं, वे अभूतपूर्व हैं। इसके पहले ऐसे कॉलम कभी नहीं लिखे गए। जितना स्वास्थ्य जरूरी है, उतना ही जरूरी है स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता। लोगों को एक साथ काम करने के लिए मीडिया ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। मोदी ने कहा कि आपने तो कलम को ही झाड़ू बना लिया। इसके साथ ही उन्होंने सभी पत्रकारों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं।

सभी को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत तौर पर पहले संपादकों से मुलाकात की और फिर भाजपा कवर करने वाले पत्रकारों से मुलाकात कर सेल्फी भी खिंचवाई।

इसके पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभा में मौजूद तमाम लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दी और बताया कि यह दिवाली भाजपा के लिए बहुत शुभ है। उन्होंने कहा कि हमारे कुशल नेतृत्व के ऊपर देश ने भरोसा जताया है जिसकी वजह से हाल ही में हमें दो राज्यों में सफलता मिली है।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

पहले दिन से सुपरफ़ास्ट दौड़ रही है भजनलाल शर्मा सरकार - अरविन्द सिसोदिया cm rajasthan bhajanlal sharma

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग