'पाक, अपने देश में आजादी की चिन्ता करें' : संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार
By: एजेंसी | Last Updated: Sunday, 3 July 2016
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नई दिल्ली: ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ संगठन द्वारा नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायुक्त को भेजे इफ्तार निमंत्रण को वापस लेने के बाद, संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने आज पाकिस्तान से अपने देश में उठ रही आजादी की मांगों के बारे में चिंता करने और कश्मीर में हस्तक्षेप बंद करने के लिए कहा.उन्होंने यह आशा भी जताई कि एक ऐसा दिन आएगा जब पाकिस्तान की बेहतर समझ होगी और वह घृणा, कटुता और हिंसा फैलाना बंद करेगा तथा शांति एवं भाई चारे को गले लगाएगा.
कुमार ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ की मेजबानी में आयोजित इफ्तार पार्टी में बोल रहे थे. इस संगठन ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की कश्मीर के पंपोर में मुठभेड़ में आठ CRPF जवानों के शहीद होने की घटना पर ‘‘असंवेदनशील’’ टिप्पणी के बाद बासित को भेजा न्यौता वापस ले लिया था. इंद्रेश कुमार इस संगठन के परामर्शक हैं.
इंद्रेश कुमार ने कहा कि उन्हें आशा है कि एक ऐसा दिन आएगा जब भारत और दुनिया की मुस्लिम महिलाएं ‘तलाक’ के ‘गुनाह’ से मुक्त होंगी. उन्होंने यह टिप्पणी तीन बार तलाक पर जारी बहस के संदर्भ में की. उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान के अनुसार, ईश्वर को यह स्वीकार्य नहीं है.
उन्होंने ने कहा, ‘‘यही कारण है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि कोई घृणा या कटुता नहीं होनी चाहिए. मैं प्रार्थना करूंगा कि उन सभी देशों की समझ बेहतर हो जो घृणा, कटुता और हिंसा फैलाते हैं, वे समृद्ध हों और अन्य को भी समृद्ध होने में मदद करें.’’
कुमार ने कहा, ‘‘मैंने कुछ महीने पहले मुझसे मिलने आए पाकिस्तान के कुछ लोगों से कहा कि आप इस बात पर संवाद क्यों नहीं कर सकते कि आप अपने आस पास के छोटे देशों की कैसे मदद कर रहे हैं और आपके पास गरीब और कमजोर लोगों की मदद के लिए क्या योजनाएं हैं.
इंद्रेश जी ने कहा " पाकिस्तान में पख्तून, बलूच, सिंध, बाल्टिस्तान, गिलगिट, मुजफ्फराबाद से आजादी की मांगें उठती हैं. सात स्वतंत्रता आंदोलन हैं जो पाकिस्तान अलग होना चाहते हैं.| "
इंद्रेश कुमार ने कहा, ‘‘भारत ने कभी भी ऐसा धोखा देने की कोशिश नहीं की जैसा आपने कश्मीर पर किया. ऐसा भी दिन आएगा जब यह :पाकिस्तान सुधरेगा, विश्व में शांति और भाईचारा स्थापित होगा.
भारत मजबूत हो और विश्व हिंसा तथा दंगों से मुक्त हो.’’ इस संगठन ने इस्लामी देशों सहित करीब 61 देशों के राजनियकों को आमंत्रित किया था.
इसमें सीरिया, किर्गिस्तान, ईरान सहित अन्य देशों के राजनयिक और प्रतिनिधियों के अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति भी मौजूद थे. इसमें केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तथा जम्मू कश्मीर के मंत्री अब्दुल गनी कोली तथा लाल सिंह के अलावा बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के सदस्य भी उपस्थित रहे.
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