VHP : विश्व हिन्दू परिषद
विश्व हिन्दू परिषद कि स्थापना विषय बिन्दु
1:- रामराज्य की संकल्पना के साथ स्वतंत्र हुए भारत में भी हिंदुओं की दुर्दशा का अंत नहीं हुआ था अवैध धर्मांतरण गौ हत्या भगवा,न राम कृष्ण आदि हिंदू देवी देवताओं का अपमान भारत के महापुरुषों का अपमान हिंदू प्रतीकों की दुर्दशा आदि कारणों से हिंदू अपने ही देश में अपने को दूसरी श्रेणी का नागरिक समझने के लिए विवश हो रहा था इस परिस्थिति पर चिंतन मनन करने के लिए भारत के विभिन्न संप्रदायों के प्रमुख संतो महापुरुषों की एक चिंतन बैठक स्वामी चिन्मयानंद जी के मुंबई स्थित सांदीपनि आश्रम में 29 अगस्त 1964 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हुई इस विचार मंथन से विश्व हिंदू परिषद का जन्म हुआ।
2:- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अपने देश का नेतृत्व सेकुलर विचारधारा का था। ईसाई, मुसलमान ,तुष्टीकरण और हिंदू समाज पर अन्याय हो रहा था ।
3:- संघ के प्रचारक और हिंदुस्तान समाचार के संस्थापक श्री दादा साहब आपटे पत्रकार इस नाते से विदेशों में जाते थे उन्होंने विदेश से हिंदुओं की समस्याओं उनका निराकरण आदि के संबंध में पुणे के केसरी नाम के समाचार पत्र में लेख लिखे थे इस पार्श्वभूमी पर संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, व पूज्य स्वामी चिन्मयानंद और कुछ महानुभाव के साथ चर्चा भी हुई ।
4:- विश्व हिंदू परिषद का पहला विश्व हिंदू सम्मेलन 22 23 व 24 जनवरी 1966 को प्रयाग में संपन्न हुआ जिसमें 12 देशों के पच्चीस हजार प्रतिनिधि उपस्थित थे 300 प्रमुख संत सभा की हुए थे पहली बार प्रमुख शंकराचार्य एक ही मंच पर एकत्रित आए थे ।
5:- विश्व हिंदू परिषद की घोषणा हुई मैसूर के राजा चामराज जी वाडियार अध्यक्ष और माननीय दादा साहब आपटे महामंत्री हुए इसी सम्मेलन में परावर्तन को मान्यता देने का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित हुआ विश्व हिंदू परिषद का बौद्ध वाक्य तय हुआ धर्मो रक्षति रक्षिता है और बोधचिन्ह तय हुआ अक्षय वट वृक्ष ।
6:- विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन में विविध प्रस्ताव पारित हुए "हिंदवा सोदरा सर्वे ना हिंदू पतितो भवेत्" की घोषणा पूज्य संतों ने की 1969 उडुपी कर्नाटक के सम्मेलन में सामाजिक समरसता का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित हुआ सभी ने इन सम्मेलनों में संकल्प लिया मम दीक्षा हिंदू रक्षा मम मंत्र समानता इन सारे सम्मेलनों में संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर स्वयं उपस्थित हुए और सभी को उनका प्रेरक मार्गदर्शन मिला ।
7:- 27 28 29 जनवरी 1979 को प्रयाग में द्वितीय विश्व हिंदू सम्मेलन संपन्न हुआ जिसमें 18 देशों के 60,000 प्रतिनिधि सहभागी हुए इस सम्मेलन का उद्घाटन पूज्य दलाई लामा जी ने किया उनका स्वागत पूज्य ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जी ने किया यह एक ऐतिहासिक प्रसंग है ।
8:- 1980 से माननीय मोरोपंत जी पिंगले परिषद के प्रभारी हुए और 1982 में माननीय अशोक जी सिंगल परिषद के पदाधिकारी बने व्यापक जन जागरण के कार्यक्रम होने लगे ।
9:- विश्व हिंदू परिषद की प्रथम बैठक में ही पिछड़े वनवासी और अनुसूचित जाति के बंधुओं की बस्तियों में भाईचारे के नाते से कर्तव्य भावना से सेवा कार्य प्रारंभ करने की बात हुई थी उसके अनुसार सेवा कार्य प्रारंभ हुए आज कुल एक लाख से ज्यादा सेवा कार्य हैं जिसमें एक लाख से ज्यादा एकल विद्यालय पूरे देश में चलते हैं सैकड़ों छात्रावास अनाथ आश्रम चिकित्सा केंद्र आदि विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से पूरे देश में संचालित हैं ।
10:- मठ मंदिर संपर्क अर्चक प्रशिक्षण वेद विद्यालय सामाजिक समरसता ऐसे विविध काम धीरे धीरे प्रारंभ हुए संगठन के साथ परिषद का दूसरा काम है जागरण का और सुरक्षा का इस दृष्टि से भी विवेक काम प्रारंभ है ।
11:- गौ रक्षा और गौ सेवा का काम अब तक पन्द्रह लाख गोवंश को कसाई उसे मुक्त कराया 800 से ज्यादा गौशालाओं में अपना काम वह संपर्क है 200 से ज्यादा पंचगव्य औषधि निर्माण केंद्र चलाए जाते हैं ।
12:- देश में धर्मांतरण की समस्या बड़ी विकट है अब तक अपने प्रयत्न से 10 लाख ईसाई मुस्लिमों का हिंदू धर्म में परावर्तन हुआ और लगभग पचास लाख हिंदुओं का धर्मांतरण रोका गया ।
13:- 1984 में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन प्रारंभ हुआ श्री राम जानकी रथ यात्रा, श्रीराम शिला पूजन, श्री राम पादुका पूजन, प्रथम कार सेवा 1990 दिल्ली वोट क्लब की ऐतिहासिक रैली 4 अप्रैल 1991 जैसे विराट देशव्यापी कार्यक्रम हुए इस जागरण के परिणाम स्वरूप 6 दिसंबर 1992 की कार सेवा में बाबरी ढांचा ध्वस्त हो गया ।
14:- इन सारे जागरण के कार्यक्रमों के कारण गर्व से कहो हम हिंदू हैं यह घोष सारे विश्व में गूंज उठा 2007 में रामसेतु रक्षा आंदोलन का प्रारंभ हुआ चक्का जाम और दिल्ली में महारैली हुई आज सारे देश में 75 हजार से ज्यादा समितियां पूरे देश में है।
15:- आज विश्व हिंदू परिषद में विश्व के 100 देशों में संपर्क है 40 से ज्यादा देशों में विश्व हिंदू परिषद की विधिवत समितियां हैं वहां बाल संस्कार केंद्र मासिक सत्संग साधु संतों के प्रवचन सम्मेलन और अन्याय के विरोध जागरण ऐसे विविध कार्यक्रम होते हैं।
जय श्री राम
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