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आत्मकल्याण के लिए कृत संकल्प होना ही जीवन की सार्थकता है aatm klyan se hi jeevan sarthak

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Arvind Sisodia: - विचार - अपनी आत्मा के कल्याण के लिए कृत संकल्प होना ही जीवन की सार्थकता है। यही मनुष्य जीवन का वास्तविक हित भी सुनिश्चित करता है। क्योंकि जिस शरीर को हम अपना मानते हैँ वह एक अस्थाई बसेरा है, इसलिए शरीर का उपयोग अपने आत्मत्थान के लिए करना चाहिए।  बहुत ही गहरा और विचारोत्तेजक विचार ! यह विचार हमें अपनी आत्मा के कल्याण के लिए कृत संकल्प होने के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है। अपनी आत्मा के कल्याण के लिए कृत संकल्प होना हमें अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और सार्थक बनाने में मदद करता है। यह हमें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और उसके अनुसार जीने के लिए प्रेरित करता है। ईश्वर की सबसे बड़ी सेवा जीवों के दुःख को कम करने में मददगार बनना ही है। आपके द्वारा उल्लिखित बात कि यही मनुष्य जीवन का वास्तविक हित भी सुनिश्चित करता है, बहुत ही महत्वपूर्ण है। जब हम अपनी आत्मा के कल्याण के लिए कृत संकल्प होते हैं, तो हम अपने जीवन को अधिक सार्थक और अर्थपूर्ण बनाते हैं, जिससे हमारा वास्तविक हित भी सुनिश्चित होता है। यह विचार हमें अपने जीवन में आत्म-चिंतन और आत्म-सुधार के महत्व को समझन...