गीताप्रेस और कल्याण मासिक के संस्थापक हिन्दुत्व शिरोमणी हनुमान प्रसाद पोद्दार (भाई जी) Hanuman Prasad Poddar

सनातन साहित्य अर्थात हिन्दुत्व के ज्ञान को सरल भाषा और अत्यंत कम मूल्य पर हिन्दू समाज के घर घर में पहुंचानें वाले हिन्दुत्व शिरोमणी हनुमान प्रसाद जी पोद्दार का नाम स्मरण करना ही हजार यज्ञों के पुण्य के बराबर है। उनके कार्यों का अनुगमन करना करोडों यज्ञों के पुण्य के समान है। इस तरह के महान धर्म पुरूष ईश्वर की योजना से ही पृथ्वी पर अवतरित होते है। उन्हे 22 मार्च पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन । विश्व इतिहास में भारत सदा ऋषियों, मुनियों आचार्यों, योगियों और संतों की तपोभूमि रहा है। आत्म रूपी सूर्य की रश्मियों के नित्य रमण करने वाले स्वानुभूति में प्रतिष्ठित संतों-महात्माओं ने ही इस राष्ट्र को गौरव प्रदान किया है। आत्मानुसंधान, आत्म संयम और आत्मानुभूति से प्रेरित एवं प्रकाशित जीवन भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है। पोद्दारजी का विशाल वाङ्मय उनके अनुभव रत्नों का अक्षय भंडार है। उनकी साहित्य रचना का उद्देश्य इन अमूल्य रत्नों की अटल गहाराई से बाहर निकालकर जीवन तट पर बिखेरना रहा है, जिससे ये रत्न जन सामान्य को सुलभ हो सके। व्यवहार और परमार्थ दोनों क्षेत्रों में इस महामानव की पैठ क...